Unclaimed Bank Deposits News: बैंक उपभोक्ताओं के लिए एक बेहद राहत भरी और खुशखबरी सामने आई है। अगर आपका या आपके किसी परिजन का बैंक खाता पिछले 10 सालों से बंद पड़ा है और उसमें पैसे फंसे हुए हैं, तो अब वह रकम आपको वापस मिलने वाली है। सरकार ने एक बड़ा फैसला लेते हुए जिले के 1 लाख 47 हजार निष्क्रिय खातों (Inactive Accounts) को दोबारा खोलने का आदेश दिया है।
इस पहल के जरिए करीब 43 करोड़ रुपये की भारी-भरकम राशि, जो सालों से बैंकों में लावारिस पड़ी थी, अब सीधे खाताधारकों के हाथों में सौंपी जाएगी। इसके लिए 12 दिसंबर को विशेष शिविर (Camp) का आयोजन किया जा रहा है।
‘आपकी पूंजी आपका अधिकार’ योजना
अक्सर देखा जाता है कि लंबे समय तक लेन-देन न होने पर बैंक खातों को निष्क्रिय कर देते हैं। इस जिले में भी पिछले एक दशक से लेन-देन न होने के कारण करीब 1.47 लाख खाते बंद कर दिए गए थे। इन खातों में जमा करीब 42 करोड़ 96 लाख रुपये की राशि बैंकों ने भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) को ट्रांसफर कर दी थी।
अब सरकार ने ‘आपकी पूंजी आपका अधिकार’ योजना के तहत इन खातों को फिर से सक्रिय (Active) करने का बीड़ा उठाया है। बैंकिंग अधिकारियों की बैठक में फैसला लिया गया है कि लोगों की मेहनत की कमाई उन्हें वापस लौटाई जाए।
12 दिसंबर को लगेगा विशेष शिविर
इस योजना का लाभ उठाने के लिए सरकार ने 12 दिसंबर की तारीख तय की है। इस दिन एक विशेष शिविर लगाया जाएगा। संबंधित खाताधारकों को इस शिविर में आकर अपना ब्यौरा जमा करना होगा।
प्रक्रिया बहुत ही सरल है। खाताधारकों को अपने पुराने बैंक दस्तावेज, पहचान पत्र और एक आवेदन फॉर्म जमा करना होगा। सत्यापन (Verification) और प्रक्रिया पूरी होने के बाद बैंक खाते को दोबारा सक्रिय कर देंगे और उसमें जमा ‘डेड राशि’ को वापस ट्रांसफर कर दिया जाएगा।
एसबीआई और बैंक ऑफ इंडिया में सबसे ज्यादा पैसा फंसा
आंकड़ों पर नजर डालें तो सबसे ज्यादा निष्क्रिय खाते बैंक ऑफ इंडिया (Bank of India) में हैं। यहां 28,000 से ज्यादा खाते बंद पड़े हैं, जिनमें 4 करोड़ रुपये से अधिक की राशि फंसी हुई है।
वहीं, राशि के मामले में भारतीय स्टेट बैंक (SBI) सबसे आगे है। एसबीआई में 24,000 से ज्यादा खाताधारकों के करीब 13 करोड़ रुपये जमा हैं। बैंक ऑफ इंडिया की बांका शाखा के प्रबंधक शैलेंद्र कुमार ने बताया कि सालों से फंसी रकम वापस मिलने की खबर से उपभोक्ताओं में खुशी की लहर है।
आम पाठक पर असर (Human Impact)
यह खबर उन हजारों मध्यम और गरीब वर्गीय परिवारों के लिए किसी लॉटरी से कम नहीं है, जो यह मान चुके थे कि उनका पैसा डूब गया है। 43 करोड़ रुपये का वापस बाजार और लोगों की जेब में आना स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी थोड़ी गति देगा। साथ ही, इससे बैंकिंग प्रणाली पर आम आदमी का भरोसा और मजबूत होगा।
‘जानें पूरा मामला’
बैंकिंग नियमों के अनुसार, यदि किसी खाते में 10 साल या उससे अधिक समय तक कोई लेन-देन नहीं होता है, तो उसे निष्क्रिय मान लिया जाता है और उसमें जमा राशि आरबीआई के ‘डिपाजिटर एजुकेशन एंड अवेयरनेस फंड’ (DEA Fund) में भेज दी जाती है। अब इसी पैसे को वापस लाने के लिए प्रशासन ने यह विशेष अभियान शुरू किया है।
‘मुख्य बातें (Key Points)’
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बड़ी राहत: 10 साल से बंद 1,47,000 खाते फिर से चालू किए जाएंगे।
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वापसी: खाताधारकों को करीब 43 करोड़ रुपये की राशि वापस मिलेगी।
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तारीख: 12 दिसंबर को विशेष शिविर में आवेदन करना होगा।
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दस्तावेज: बैंक पासबुक, पहचान पत्र और आवेदन फॉर्म जरूरी।
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सबसे ज्यादा खाते: बैंक ऑफ इंडिया में 28,000 और एसबीआई में 24,000 खाते निष्क्रिय मिले।






