Hindu Calendar 2026: क्या आपने कभी सोचा है कि एक साल में 12 की जगह 13 महीने हो सकते हैं? यह सुनकर शायद आपको अजीब लगे, लेकिन साल 2026 में ऐसा ही होने वाला है। अंग्रेजी कैलेंडर के हिसाब से हम 2025 को विदा कर 2026 में कदम रखने वाले हैं, लेकिन हिंदू कैलेंडर या पंचांग के अनुसार आने वाला साल बेहद खास और अनोखा रहने वाला है।
इस बार तिथियों का गणित कुछ ऐसा बैठा है कि साल 2026 में पूरा एक महीना बढ़ रहा है। यानी 30 दिन अतिरिक्त जुड़ने वाले हैं। यह खगोलीय और ज्योतिषीय घटना न केवल कैलेंडर को बदल देगी बल्कि इसका असर हमारे तीज-त्योहारों पर भी पड़ेगा।
ज्येष्ठ का महीना होगा 59 दिनों का
हिंदू पंचांग में जब भी कोई महीना बढ़ता है तो उसे ‘अधिक मास’ (Adhik Maas) या ‘मलमास’ कहा जाता है। साल 2026 अधिक मास का साल है। इस साल ‘ज्येष्ठ’ (Jyeshtha) का महीना सामान्य 30 दिनों का नहीं, बल्कि पूरे 59 दिनों का होगा। यानी ज्येष्ठ का महीना लगभग दो महीने तक चलेगा।
तारीखों के हिसाब से देखें तो साल 2026 में ज्येष्ठ महीने की शुरुआत 17 मई से होगी और यह 29 जून तक चलेगा। इसमें 17 मई से लेकर 15 जून 2026 तक का समय ‘अधिक मास’ का रहेगा।
क्यों बढ़ता है एक महीना?
आपके मन में सवाल होगा कि आखिर 12 महीने 13 कैसे बन जाते हैं? ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, यह सूर्य और चंद्रमा की चाल का गणित है। एक सौर वर्ष (Solar Year) 365 दिनों का होता है, जबकि एक चंद्र वर्ष (Lunar Year) 354 दिनों का होता है।
इन दोनों के बीच हर साल करीब 11 दिनों का अंतर आ जाता है। इसी 11 दिन के अंतर को पाटने और सूर्य-चंद्रमा के समय में संतुलन बनाने के लिए, हर 32 महीने और 16 दिन के बाद एक अतिरिक्त महीना कैलेंडर में जोड़ दिया जाता है। इसी को ‘अधिक मास’ कहते हैं।
भगवान विष्णु को समर्पित है यह महीना
अधिक मास को धार्मिक दृष्टि से बहुत पवित्र माना जाता है। इसे ‘पुरुषोत्तम मास’ भी कहा जाता है, क्योंकि यह महीना भगवान विष्णु को समर्पित होता है। मान्यता है कि इस दौरान पूजा-पाठ, व्रत, मंत्र जाप और दान-पुण्य करने का फल कई गुना बढ़ जाता है।
हालांकि, इस महीने के कुछ नियम भी हैं। अधिक मास के दौरान कोई भी शुभ और मांगलिक कार्य जैसे—शादी-ब्याह, मुंडन, गृह प्रवेश आदि नहीं किए जाते हैं। यह समय केवल ईश्वर की आराधना के लिए होता है।
आम पाठक पर असर (Human Impact)
इस बदलाव का सीधा असर आम लोगों की दिनचर्या और त्योहारों पर पड़ेगा। चूंकि एक महीना बढ़ जाएगा, इसलिए 2026 में रक्षाबंधन, दीपावली और होली जैसे बड़े त्योहार अंग्रेजी कैलेंडर की तारीखों के हिसाब से थोड़े आगे खिसक जाएंगे। जो लोग शादियों की योजना बना रहे हैं, उन्हें मई और जून के महीने में शुभ मुहूर्त के लिए पंडितों से विशेष सलाह लेनी होगी क्योंकि अधिक मास में शुभ कार्य वर्जित होते हैं।
‘जानें पूरा मामला’
अंग्रेजी कैलेंडर जनवरी से दिसंबर तक चलता है, लेकिन हिंदू कैलेंडर ‘विक्रम संवत’ पर आधारित होता है और इसकी गणना तिथियों से होती है। अभी विक्रम संवत 2082 चल रहा है। अधिक मास की यह व्यवस्था प्रकृति और ग्रह-नक्षत्रों के बीच तालमेल बिठाने की एक प्राचीन और वैज्ञानिक पद्धति है, जो 2026 में हमें देखने को मिलेगी।
‘मुख्य बातें (Key Points)’
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अनोखा साल: 2026 में हिंदू कैलेंडर के अनुसार 12 नहीं, बल्कि 13 महीने होंगे।
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लंबा महीना: ज्येष्ठ का महीना 30 की जगह 59 दिनों का होगा।
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तारीखें: 17 मई से 15 जून 2026 तक ‘अधिक मास’ रहेगा।
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कारण: सौर वर्ष और चंद्र वर्ष के बीच 11 दिनों के अंतर को संतुलित करने के लिए ऐसा होता है।
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धार्मिक महत्व: इसे पुरुषोत्तम मास कहते हैं, इसमें शुभ कार्य वर्जित हैं लेकिन दान-पुण्य फलदायी है।






