Operation Sindoor Turkish Drone: भारतीय सेना ने पाकिस्तान और तुर्की की एक बहुत बड़ी और नापाक साजिश का पर्दाफाश कर दिया है। 54वें विजय दिवस के जश्न से ठीक पहले सेना ने दुनिया के सामने उस तुर्की निर्मित ‘कामिकेज़’ (आत्मघाती) ड्रोन की प्रदर्शनी लगाई है, जिसे ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान मार गिराया गया था। यह ड्रोन पाकिस्तान के लाहौर से लॉन्च किया गया था और इसका खौफनाक मकसद पंजाब के जालंधर शहर को निशाना बनाना था।
सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी की मौजूदगी में दिखाए गए इस ड्रोन के मलबे ने यह साबित कर दिया है कि भारत के खिलाफ साजिश रचने में पाकिस्तान को तुर्की का पूरा साथ मिल रहा था।
10 किलो विस्फोटक के साथ तबाही का था प्लान
भारतीय सेना ने जिस ड्रोन को दुनिया के सामने पेश किया है, वह कोई मामूली खिलौना नहीं था। यह एक मानवरहित लड़ाकू हवाई वाहन (UCAV) था, जिसे खासतौर पर तबाही मचाने के लिए डिजाइन किया गया था। सेना के मुताबिक, इस ड्रोन में करीब 10 किलो विस्फोटक भरा हुआ था। यह एक ‘कामिकेज़’ श्रेणी का ड्रोन था, यानी इसका मकसद अपने लक्ष्य से टकराकर खुद को उड़ा लेना था, जिससे ज्यादा से ज्यादा नुकसान हो सके।
इस घातक मशीन के पंखों का फैलाव लगभग 2 मीटर था और इसे ताकत देने के लिए इसमें 170 सीसी का टू-स्ट्रोक इंजन लगा था। इसे दूर बैठे ऑपरेटरों द्वारा कंट्रोल किया जा रहा था।
लाहौर से लॉन्च, एयर डिफेंस ने हवा में ही किया ढेर
सेना के अधिकारियों ने बताया कि इस खौफनाक ड्रोन को पाकिस्तान के लाहौर इंटरनेशनल एयरपोर्ट से लॉन्च किया गया था। यह करीब 2000 मीटर की ऊंचाई पर उड़ते हुए भारतीय सीमा में दाखिल होने की कोशिश कर रहा था।
लेकिन, भारतीय सेना की मुस्तैद एयर डिफेंस यूनिट की नजरों से यह बच नहीं सका। समय रहते खतरे को भांपते हुए, एयर डिफेंस यूनिट ने सटीक कार्रवाई की और इस उड़ते हुए बम को हवा में ही मार गिराया। यह घटना 10 मई को हुई थी, जो ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के चार दिवसीय संघर्ष का आखिरी दिन था।
ऑपरेशन सिंदूर: पाकिस्तान को मिली थी करारी शिकस्त
यह घटनाक्रम ‘ऑपरेशन सिंदूर’ का हिस्सा है, जो भारतीय सेना ने 7 मई को शुरू किया था। यह ऑपरेशन 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले का करारा जवाब था। इसके तहत भारतीय सेना ने पाकिस्तान और पीओके (पाक अधिकृत कश्मीर) में आतंकी ठिकानों पर जोरदार हवाई हमले किए थे।
चार दिनों तक चले इस भारी तनाव और टकराव में पाकिस्तान को मुंह की खानी पड़ी थी। ट्रांसक्रिप्ट के अनुसार, अंत में पाकिस्तान के गिड़गिड़ाने के बाद ही भारतीय सेना ने ऑपरेशन रोका था। इस दौरान पाकिस्तान ने भारत के सैन्य और नागरिक ठिकानों को निशाना बनाने के लिए बड़ी संख्या में ऐसे ही ‘कामिकेज़’ ड्रोन भेजे थे, लेकिन भारतीय सेना ने लगभग सभी को मार गिराकर देश को एक बड़ी तबाही से बचाया था।
यह प्रदर्शनी सिर्फ एक ड्रोन का मलबा नहीं, बल्कि भारतीय सेना के साहस, सतर्कता और दुश्मन की हर चाल को नाकाम करने की क्षमता का जीता-जागता सबूत है।
‘मुख्य बातें (Key Points)’
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बड़ा खुलासा: भारतीय सेना ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान मार गिराए गए तुर्की निर्मित पाकिस्तानी ड्रोन को प्रदर्शित किया।
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खौफनाक मकसद: लाहौर से लॉन्च किए गए इस ‘कामिकेज़’ ड्रोन का निशाना जालंधर था और इसमें 10 किलो विस्फोटक था।
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सेना की मुस्तैदी: भारतीय एयर डिफेंस यूनिट ने 10 मई को 2000 मीटर की ऊंचाई पर उड़ रहे इस ड्रोन को मार गिराया।
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पाक-तुर्की गठजोड़: यह ड्रोन तुर्की में बना था और पाकिस्तान ने इसे भारत पर हमले के लिए इस्तेमाल किया, जो दोनों देशों के नापाक गठजोड़ को दर्शाता है।
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ऑपरेशन सिंदूर: यह ऑपरेशन पहलगाम हमले का जवाब था, जिसमें भारतीय सेना ने पाकिस्तान के कई ड्रोन हमले नाकाम किए थे।






