चंडीगढ़, 15 दिसंबर (राज) आम आदमी पार्टी, पंजाब के महासचिव और पंजाब मंडी बोर्ड के चेयरमैन स. हरचंद सिंह बरसट ने एक बयान जारी करते हुए कहा कि कैप्टन अमरिंदर सिंह ने जून 1984 में ब्लू स्टार आप्रेशन के बाद कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा देकर जो पंजाबियों का विश्वास जीता था, अब दो बार पंजाब के मुख्यमंत्री रहने के बाद वह विश्वास खो चुके है, क्योंकि 2002 में सत्ता में आने के बाद पंजाबियों के मुद्दों को हल करवाने के लिए आपने कोई कार्रवाई नहीं की। पंजाबी बोलने वाले क्षेत्र, चंडीगढ़ पंजाब को मिलना, पंजाब में रोजगार, उद्योग, कृषि और धार्मिक मुद्दों को हल करने में आप पूरी तरह से नाकाम रहे हो।
विधानसभा में जो पानी के समझौते रद्द करने का मता भी पास किया गया, उसमें भी धारा 5-ए डालकर पंजाब के साथ बहुत बड़ा धोखा किया, क्योंकि जो पानी दूसरे राज्यों को पंजाब की सहमति के बिना रिपेरियन सिद्धांतों का उल्लंघन करके जा रहा था, आपने पंजाब की विधानसभा में उस जा रहे पानी को रैगूलाइज कर दिया और कहा कि जितना पानी जाता है, वह जाता रहेगा। यह पंजाबियों के साथ विश्वासघात था और बहुत बड़ी ऐतिहासिक भूल थी।
जिस प्रकार पंजाब के मुख्यमंत्री दरबारा सिंह ने देश की प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी से डरकर पंजाब के पानी का अधिकार लेने वाली पटिशन सुप्रीम कोर्ट से वापस ली थी, उसी तर्ज पर जाकर आपने चाहे पिछले समझोते रद्द किये, परंतु जा रहे पानी को विधानसभा में मता पास करके पंजाब के साथ धोखा किया है। इसके अलावा 2002 से 2007 तक अकाली सरकार द्वारा किए घोटालों सबंधी कमजोर केस दर्ज कराकर अकाली नेताओं के भ्रष्टाचार को शह दी।
2017 के बाद दोबारा पंजाब के मुख्यमंत्री बनने के पश्चात साढ़े चार साल तक सिसवा फार्म में ऐश-प्रस्ती करने के अलावा कुछ नहीं किया। पंजाब के लोग पंजाब में नशा तस्करों के खिलाफ और श्री गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी के विरुद्ध इंसाफ की उम्मीद रखते थे, पर आपने सिसवा फार्म में बैठेकर ही पंजाबियों के हितों को भुलाकर निजी हितों पर ज्यादा ध्यान दिया।
अंत में आपके अपने करीबी ही आपको छोड़ गए, क्योंकि आपने निजी हितों के अलावा किसी के काम की कद्र नहीं की। कांग्रेस पार्टी की तरफ से दिए मान-सम्मान और प्यार को भुलाकर भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए, वहां नामोशी झेलनी पड़ रही है, क्योंकि सभी पार्टियों के नेताओं को पता है कि आप केवल निजी हितों को ही पहल देते हैं। अपने साथियों और लोगों का विश्वास प्राप्त नहीं करते। आपके पिछले दिनों के दौरान दिये गये मीडिया मैनेजमेंट बयान आपकी गिरी हुई साख को बहाल नहीं कर सकते।
इसलिए बेहतर यही है कि राजनीति से संन्यास लेकर अपनी जिंदगी मौज-मस्ती के साथ लंबी उम्र जिएं। जहां मान-सम्मान न हो, वहां नहीं रहना चाहिए, इसलिए बीजेपी से इस्तीफा दें। रोज़ाना निराशा और मायूसी भरी बयानबाजी करके मज़ाक के पात्र न बनें, क्योंकि आज आप सभी पार्टियों और पंजाबियों का विश्वास खो चुके हैं।






