Punjab Zila Parishad Election पंजाब में आज का दिन सियासी गहमागहमी और भारी हंगामे के नाम रहा। करीब 7 साल के लंबे इंतजार के बाद राज्य में जिला परिषद और ब्लॉक समिति के चुनाव हुए, लेकिन शांतिपूर्ण मतदान की जगह कई इलाकों में आरोप-प्रत्यारोप और झड़पों ने ले ली। सुबह 8 बजे से शुरू हुई वोटिंग शाम 4 बजे तक चली और इस दौरान करीब 50 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया।
7 साल बाद हुए चुनाव, दिन भर चला ड्रामा
पंजाब में इससे पहले ये चुनाव 2018 में हुए थे और अब 2025 में यानी पूरे 7 साल बाद जनता को अपने प्रतिनिधि चुनने का मौका मिला। हालांकि, यह मौका हंगामेदार साबित हुआ। पूरे दिन अलग-अलग जगहों से शिकायतों का दौर जारी रहा। चुनाव आयोग ने सख्ती दिखाते हुए वीडियोग्राफी करवाई और अतिरिक्त सुरक्षा बल भी तैनात किए थे, लेकिन इसके बावजूद सियासी पारा चढ़ा रहा। कहीं शांति रही, तो कहीं जमकर बवाल हुआ।
वायरल वीडियो और एसएसपी पर एक्शन
चुनाव के दौरान अकाली दल और बीजेपी ने सत्ताधारी पार्टी पर गंभीर आरोप लगाए। अकाली नेता डॉ. चीमा ने एक वीडियो वायरल करते हुए दावा किया कि बैलेट पेपर पहले ही पहुंचा दिए गए थे। सबसे ज्यादा तनाव तरनतारन में देखने को मिला, जहां बूथ कैप्चरिंग के आरोप लगे। हालात इतने बिगड़े कि मामला हाई कोर्ट तक पहुंच गया। शिकायतों के बाद एसएसपी को ड्यूटी से हटाकर छुट्टी पर भेजना पड़ा। डॉ. चीमा द्वारा जारी वीडियो ने पूरे दिन सियासी माहौल को गरमाए रखा।
सीएम मान का विरोधियों पर तीखा हमला
वोट डालने पहुंचे मुख्यमंत्री भगवंत मान ने विपक्ष के आरोपों पर करारा पलटवार किया। उन्होंने विरोधियों को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि क्या आप गैंगस्टरों की पुष्टि करेंगे? क्या पिस्तौल की नोक पर वोट मांगेंगे? सीएम ने कहा कि प्रशासन अपनी कार्रवाई करेगा, लेकिन गैंगस्टरों को टिकट देना और फोन करके धमकाना अब नहीं चलेगा। उन्होंने लोगों से बढ़-चढ़कर वोट करने की अपील भी की।
17 दिसंबर को होगा फैसला
आज संपन्न हुए इन चुनावों के नतीजे 17 दिसंबर को आएंगे। साल 2018 में जब ये चुनाव हुए थे, तब कांग्रेस सत्ता में थी और उसने जीत हासिल की थी, जबकि अकाली दल दूसरे नंबर पर था। लेकिन आज, 7 साल बाद समीकरण बदल चुके हैं। इस बार मुकाबला चौतरफा है—अकाली दल, बीजेपी, कांग्रेस और आम आदमी पार्टी। कई जगहों पर त्रिकोणीय मुकाबला भी देखने को मिला।
2027 चुनाव का लिटमस टेस्ट
राजनीतिक पंडितों की मानें तो आज के चुनाव 2027 में होने वाले पंजाब विधानसभा चुनाव की तस्वीर साफ करेंगे। पार्टियों का प्रदर्शन यह तय करेगा कि जनता का मूड किस तरफ है। नतीजे बताएंगे कि क्या मौजूदा सरकार अपनी पकड़ बनाए हुए है या विपक्ष सेंध लगाने में कामयाब रहा है।
हरियाणा में भी सियासी हलचल
पंजाब के साथ-साथ आज हरियाणा की राजनीति में भी हलचल रही। पंचकूला स्थित बीजेपी दफ्तर में हरियाणा के ज्यादातर विधायक पहुंचे। यहां केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा संसद में दिए गए बयान पर चर्चा की गई और विधायकों को सुनाया गया। बीजेपी ने हरियाणा में 2029 (अगले चुनाव) की तैयारियां शुरू कर दी हैं और विधायकों को विपक्ष का सामना करने के गुर सिखाए जा रहे हैं।
जानें पूरा मामला
पंजाब में जिला परिषद और ब्लॉक समिति के चुनाव स्थानीय स्वशासन के लिए बेहद अहम माने जाते हैं। पिछले चुनाव 2018 में हुए थे। इस बार 2025 में हो रहे चुनावों में देरी और सियासी खींचतान के कारण काफी तनाव देखा गया। विपक्ष का आरोप है कि सत्ताधारी पार्टी मशीनरी का दुरुपयोग कर रही है, जबकि सरकार का दावा है कि चुनाव निष्पक्ष तरीके से कराए गए हैं।
मुख्य बातें (Key Points)
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पंजाब में 7 साल बाद जिला परिषद और ब्लॉक समिति के चुनाव संपन्न हुए।
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तरनतारन में हंगामे के बाद एसएसपी को छुट्टी पर भेजा गया।
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सीएम भगवंत मान ने विपक्ष पर गैंगस्टर्स को बढ़ावा देने का आरोप लगाया।
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चुनाव के नतीजे 17 दिसंबर को घोषित किए जाएंगे।






