Importance of Rangoli at Main Door को लेकर हमारे समाज में कई तरह की मान्यताएं हैं। पंडित जी के अनुसार, घर के मुख्य द्वार पर रंगोली बनाना सिर्फ सजावट नहीं, बल्कि एक महत्वपूर्ण सनातन परंपरा है जो घर से नकारात्मकता को दूर करने और देवी-देवताओं का आशीर्वाद पाने में मदद करती है।
हर रोज बनानी चाहिए रंगोली
पंडित जी का कहना है कि हर सनातन धर्मी को अपने घर के मुख्य द्वार के सामने हर रोज रंगोली बनानी चाहिए। रंग-बिरंगे फूलों या रंगों से बनी यह सुंदर चित्रकारी घर के वातावरण को सकारात्मक बनाती है।
महाराष्ट्र में यह प्रथा बहुत प्रचलित है, जहां महिलाएं रोजाना अपने घरों के सामने रंगोली बनाती हैं। हालांकि, उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों में यह कम ही देखने को मिलता है। पंडित जी कहते हैं कि हर थोड़ी दूरी पर सभ्यता और परंपराएं बदल जाती हैं।
गुजरात की अनोखी परंपरा
अपने गुजरात दौरे का अनुभव साझा करते हुए पंडित जी ने बताया कि अहमदाबाद में उन्होंने एक बहुत अच्छी चीज देखी। वहां शाम के समय हर घर के सामने घी या तिल के तेल का दीया जलाया जाता है और मुख्य द्वार खुला रखा जाता है।
इसके विपरीत, दिल्ली जैसे शहरों में लोग घर में घुसते ही दरवाजा बंद कर लेते हैं। शास्त्रों के अनुसार, शाम के समय महालक्ष्मी धरती पर विचरण करती हैं और जिन घरों के दरवाजे खुले होते हैं और जहां धूप-दीप से उनका स्वागत होता है, वे वहां प्रवेश करती हैं।
वास्तु दोष होता है खत्म
घर के सामने रंगोली बनाने का एक बड़ा फायदा यह है कि इससे वास्तु दोष खत्म होता है। जब कोई व्यक्ति घर में प्रवेश करता है, तो रंगोली देखकर उसका मन उत्साहित हो जाता है और उसकी नकारात्मक ऊर्जा घर के बाहर ही रह जाती है।
इसके अलावा, रंगोली बनाने से घर पर सभी देवी-देवताओं का आशीर्वाद भी बना रहता है। इसलिए, यदि आप अभी तक ऐसा नहीं करते हैं, तो अब से अपने घर के मुख्य द्वार पर रंगोली बनाना शुरू कर सकते हैं।
गुजरात के मंदिरों का अनुशासन
पंडित जी ने गुजरात के मंदिरों के अनुशासन की भी तारीफ की। वहां मंदिर के गर्भगृह में प्रवेश करने के लिए भारतीय परिधान पहनना अनिवार्य है। पुरुषों के लिए धोती और महिलाओं के लिए साड़ी पहनना जरूरी है।
अगर किसी ने ये वस्त्र नहीं पहने हैं, तो उन्हें गर्भगृह में जाने की अनुमति नहीं मिलती, वे बाहर से ही दर्शन कर सकते हैं। यह सनातन संस्कृति को बचाने की दिशा में एक सराहनीय कदम है।
जानें पूरा मामला
एक कार्यक्रम के दौरान पंडित जी घर में सुख-समृद्धि और सकारात्मकता लाने के उपायों पर चर्चा कर रहे थे। इसी कड़ी में उन्होंने घर के मुख्य द्वार पर रंगोली बनाने के महत्व और उससे जुड़े शास्त्रों के विधानों के बारे में विस्तार से बताया, जिसमें गुजरात और महाराष्ट्र की परंपराओं का विशेष उल्लेख किया गया।
मुख्य बातें (Key Points)
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हर सनातन धर्मी को रोज घर के मुख्य द्वार पर रंगोली बनानी चाहिए।
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रंगोली बनाने से घर की नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और वास्तु दोष खत्म होता है।
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शाम के समय घर के सामने दीया जलाने और दरवाजा खुला रखने से महालक्ष्मी का आगमन होता है।
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गुजरात के मंदिरों के गर्भगृह में प्रवेश के लिए भारतीय परिधान (धोती/साड़ी) अनिवार्य है।






