Rehman Dakait Biography: फिल्म ‘धुरंधर’ में अक्षय खन्ना ने जिस रहमान डकैत का किरदार निभाया है, वह असल जिंदगी में पाकिस्तान के कराची का एक खौफनाक चेहरा था। 1979 में जन्मे रहमान ने महज 13 साल की उम्र में अपनी मां की हत्या कर जुर्म की दुनिया में कदम रखा और बाद में दुश्मनों के कटे सिरों से Football खेलकर दहशत का पर्याय बन गया।
आदित्य धर की Spy Thriller फिल्म ‘धुरंधर’ में रणबीर सिंह भले ही मुख्य भूमिका में हों, लेकिन अक्षय खन्ना द्वारा निभाए गए रहमान बलूच उर्फ रहमान डकैत के किरदार ने दर्शकों का ध्यान खींचा है। यह किरदार किसी काल्पनिक कथा पर नहीं, बल्कि कराची के ल्यारी इलाके के एक वास्तविक अपराधी पर आधारित है, जिसकी क्रूरता के किस्से आज भी लोगों को सिहरने पर मजबूर कर देते हैं।
13 साल की उम्र में मां का कत्ल
रहमान डकैत का असली नाम सरदार अब्दुल रहमान बलूच था। उसका जन्म 1979 में कराची के ल्यारी इलाके में हुआ, जो गरीबी और Gang War के लिए बदनाम था। रहमान ने किशोरावस्था में ही अपराध का रास्ता चुन लिया था। स्थानीय रिपोर्ट्स और दावों के अनुसार, उसने महज 13 (कुछ जगह 15) साल की उम्र में अपनी सगी मां की हत्या कर दी थी। उसे शक था कि उसकी मां का संबंध उस Gang से है, जिसने उसके पिता को मारा था। यहीं से उसके खूनी खेल की शुरुआत हुई।
कटे सिरों से फुटबॉल खेलने की दहशत
90 के दशक के आखिर में रहमान हाजी लालू के Gang में शामिल हो गया और 2001 में लालू की गिरफ्तारी के बाद उसने पूरा तंत्र संभाल लिया। उसका नेटवर्क जबरन वसूली, हथियारों की T तस्करी और Drugs Supply में फैला हुआ था। रहमान की क्रूरता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि वह और उसके साथी दुश्मनों को मारने के बाद उनके कटे हुए सिरों से Football खेलते थे। ल्यारी की सड़कों पर उसकी इजाजत के बिना पत्ता भी नहीं हिलता था।
शांतिदूत बनने का ढोंग
सिर्फ Gun Power ही नहीं, रहमान ने राजनीति में भी अपनी पैठ बनानी शुरू कर दी थी। उसने खुद को एक Local Power Center के रूप में स्थापित करने के लिए अपना नाम बदलकर सरदार अब्दुल रहमान बलूच रख लिया। साल 2008 में उसने ‘पीपल्स अमन कमेटी’ बनाई, जिसका दावा शांति स्थापित करना था, लेकिन असल में यह उसके Gang को राजनीतिक संरक्षण देने का एक तरीका था।
पुलिस एनकाउंटर में अंत
राजनीतिक उठापटक और Gangs के बदलते समीकरणों के बीच रहमान खुद विवादों में घिर गया। अगस्त 2009 में कराची पुलिस के साथ एक मुठभेड़ में रहमान डकैत की मौत हो गई। हालांकि, कई स्थानीय नेताओं का मानना था कि उसकी हत्या किसी बड़े राजनीतिक खेल का हिस्सा थी। महज 29 साल की उम्र में रहमान का अंत हो गया, लेकिन उसकी दहशत और निर्दयी छवि आज भी ल्यारी की दीवारों पर एक दाग की तरह मौजूद है।
जानें पूरा मामला
फिल्म ‘धुरंधर’ के रिलीज होने के बाद से लोग इस बात को लेकर उत्सुक हैं कि आखिर अक्षय खन्ना का किरदार किस पर आधारित है। यह कहानी उसी रहमान डकैत की है, जिसने कराची के एक छोटे से इलाके से निकलकर अपराध की दुनिया पर राज किया। उसकी जिंदगी अपराध, बदले और क्रूरता की एक ऐसी दास्तां है, जिसे अब बड़े पर्दे पर दिखाया जा रहा है।
मुख्य बातें (Key Points)
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Real Character: अक्षय खन्ना का किरदार असली डॉन रहमान डकैत पर आधारित है।
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First Crime: रहमान ने बचपन में ही पिता की मौत के शक में अपनी मां की हत्या कर दी थी।
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Cruelty: वह अपने दुश्मनों के कटे हुए सिरों से फुटबॉल खेलने के लिए कुख्यात था।
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The End: साल 2009 में एक पुलिस एनकाउंटर में 29 साल की उम्र में उसकी मौत हुई।






