Sitamarhi HIV Cases Spike: बिहार के सीतामढ़ी जिले से एक बेहद चौंकाने वाली और डराने वाली खबर सामने आई है। अपनी शांत जीवनशैली और नेपाल से सटी सीमा के लिए पहचाने जाने वाले इस जिले में एचआईवी (HIV) संक्रमण का विस्फोट हुआ है। एआरटी सेंटर (ART Center) के ताजा आंकड़ों ने प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की नींद उड़ा दी है। जिले में अब तक 7400 से अधिक लोग एचआईवी पॉजिटिव पाए गए हैं, जिनमें 400 से ज्यादा मासूम बच्चे भी शामिल हैं।
मजदूरी कर लौटे युवक से खुला राज
इस भयावह स्थिति की कहानी एक मजदूर युवक से शुरू होती है, जो हरियाणा से काम करके अपने घर लौटा था। अचानक बीमार पड़ने पर जब उसकी जांच कराई गई, तो रिपोर्ट में उसे एचआईवी पॉजिटिव पाया गया। इस खबर ने न केवल उसके परिवार को तोड़ दिया, बल्कि यह भी उजागर किया कि सीतामढ़ी में ऐसी कहानियां अब आम होती जा रही हैं। जिले में 2012 से संक्रमण का यह आंकड़ा लगातार बढ़ता जा रहा है।
4900 एक्टिव मरीज ले रहे हैं दवा
सीतामढ़ी के एंटी रेट्रो वायरल थेरेपी (ART) सेंटर के अनुसार, जिले में अब तक करीब 7900 मरीज रजिस्टर्ड हो चुके हैं। इनमें से लगभग 4900 एक्टिव मरीज हैं जो नियमित रूप से एआरटी (ART) की दवा ले रहे हैं। सबसे चिंताजनक पहलू यह है कि 400 से अधिक नाबालिग बच्चे, जिनका कोई दोष नहीं, इस गंभीर बीमारी की चपेट में आ चुके हैं। आंकड़ों के मुताबिक, डुमरा प्रखंड में सबसे ज्यादा और चरौत में सबसे कम मामले सामने आए हैं।
प्रवासी मजदूरों और खुली सीमा का असर
डॉक्टरों और विशेषज्ञों के मुताबिक, सीतामढ़ी के एचआईवी हॉटस्पॉट बनने के पीछे कई कारण हैं। बड़ी संख्या में मजदूरों का रोजगार के लिए अन्य राज्यों और नेपाल जाना इसका प्रमुख कारण है। नेपाल के साथ खुली सीमा होने की वजह से लोगों का आवागमन आसान है, जिससे संक्रमण फैलने का खतरा बढ़ जाता है। इसके अलावा, जागरूकता की कमी और समय पर जांच न करवाना भी इस समस्या को गंभीर बना रहा है।
पूरे परिवार को ले डूब रही लापरवाही
सुप्पी प्रखंड की एक घटना इस त्रासदी का असली चेहरा दिखाती है, जहां एक महिला और उसका बेटा एचआईवी संक्रमित पाए गए। बताया जाता है कि महिला के पति को दिल्ली में ऑटो चलाते वक्त संक्रमण हुआ था, जिससे उसकी पत्नी और बाद में जन्मे बच्चे को भी यह बीमारी लग गई। वहीं, परिहार और बैरगनिया प्रखंड से भी ऐसे मामले सामने आए हैं जहां प्रवासी मजदूरों के संक्रमित होने के बाद उनकी पत्नियां और बच्चे भी शिकार हुए।
जानें पूरा मामला
बिहार एड्स कंट्रोल सोसाइटी के आंकड़ों के अनुसार, राज्य में कुल 97,466 एचआईवी पॉजिटिव एक्टिव मरीज हैं। सीतामढ़ी में टीएलडी (TLD) दवा पर 4,957 मरीज निर्भर हैं, जिनमें 15 वर्ष से कम आयु के 341 बच्चे शामिल हैं। स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे ने कहा है कि एड्स कंट्रोल सोसाइटी पूरी तरह सक्रिय है और जिन इलाकों में मरीज ज्यादा मिल रहे हैं, वहां अतिरिक्त जांच और जागरूकता अभियान चलाए जा रहे हैं।
मुख्य बातें (Key Points)
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सीतामढ़ी में एचआईवी संक्रमितों की संख्या 7400 के पार पहुंची।
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400 से ज्यादा बच्चे भी इस जानलेवा बीमारी की चपेट में।
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प्रवासी मजदूरों का पलायन और नेपाल सीमा मुख्य कारण माने जा रहे।
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प्रशासन ने प्रभावित इलाकों में जागरूकता और जांच अभियान तेज किया।






