UNESCO Intangible Cultural Heritage Diwali: New Delhi में चल रही यूनेस्को की बैठक से भारत के लिए एक बहुत ही गर्व करने वाली खबर सामने आई है। यूनेस्को ने भारत के सबसे बड़े और लोकप्रिय त्योहारों में से एक, दीपावली को अपनी प्रतिष्ठित ‘अमूर्त सांस्कृतिक विरासत’ (Intangible Cultural Heritage) सूची में शामिल कर लिया है। यह फैसला तब लिया गया जब यूनेस्को की यह महत्वपूर्ण बैठक पहली बार भारत की मेजबानी में हो रही है।
दीपावली को इस वैश्विक सूची में शामिल किए जाने के बाद भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी खुशी जाहिर की है। यूनेस्को द्वारा आधिकारिक घोषणा करते ही देश भर में खुशी की लहर दौड़ गई। दिल्ली के ऐतिहासिक लाल किले पर, जहां यह कार्यक्रम चल रहा था, वहां का माहौल देशभक्ति के रंगों में रंग गया।
लाल किले में गूंजा वंदे मातरम और भारत माता की जय
इस ऐतिहासिक घोषणा का गवाह दिल्ली का लाल किला बना। लाल किले के दीवान-ए-आम में यूनेस्को के महानिदेशक ने जैसे ही दीपावली को विरासत सूची में शामिल करने के नाम का ऐलान किया, पूरा परिसर तालियों और नारों से गूंज उठा। वहां मौजूद लोगों ने ‘वंदे मातरम’, ‘भारत माता की जय’ और ‘जय हिंद’ के नारे लगाए। संस्कृति मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों और दुनिया भर से आए राजनयिकों ने इसे भारत की सांस्कृतिक समृद्धि की बड़ी जीत बताया है।
पीएम मोदी ने कहा- यह हमारी सभ्यता की आत्मा है
इस बड़ी उपलब्धि पर प्रतिक्रिया देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर अपनी खुशी साझा की। उन्होंने कहा कि इस फैसले से न केवल भारत, बल्कि पूरी दुनिया के लोग रोमांचित और गौरवान्वित हैं। पीएम मोदी ने लिखा कि दीपावली हमारी संस्कृति और लोकाचार से बहुत गहराई से जुड़ी हुई है। यह हमारी सभ्यता की आत्मा है और अंधकार पर प्रकाश की विजय का प्रतीक है। उन्होंने यह भी कहा कि प्रभु श्री राम के आदर्श हमें सदा मार्गदर्शन देते रहें।
दुनिया भर में बढ़ी दीपावली की चमक
खबर के मुताबिक, दीपावली अब केवल भारत तक ही सीमित नहीं रह गई है, बल्कि यह एक वैश्विक त्योहार बन चुका है। इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि अमेरिकी राष्ट्रपति के आवास ‘व्हाइट हाउस’ में भी दीपावली का त्योहार धूमधाम से मनाया जाता है। यूनेस्को की लिस्ट में शामिल होने से इस त्योहार की वैश्विक लोकप्रियता और भी अधिक बढ़ जाएगी। यूनेस्को ने भी अपने आधिकारिक हैंडल से ट्वीट करके बधाई दी और इसे एक नई ‘इंक्रिप्शन’ बताया।
भारत की 16 परंपराएं अब लिस्ट में शामिल
आपको बता दें कि दीपावली के शामिल होने के बाद अब भारत की कुल 16 सांस्कृतिक परंपराएं यूनेस्को की इस प्रतिष्ठित सूची का हिस्सा बन गई हैं। इससे पहले कुंभ मेला, योग, वैदिक मंत्रोच्चार, रामलीला, कोलकाता की दुर्गा पूजा, गुजरात का गरबा, केरल का मुद्दी और बौद्ध मंत्र जाप जैसी परंपराएं इस लिस्ट में अपनी जगह बना चुकी हैं। केंद्रीय संस्कृति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने भी इस फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि दीपावली केवल एक त्योहार नहीं, बल्कि अंधकार पर प्रकाश की जीत है।
‘जानें पूरा मामला’
यह घोषणा ऐसे समय में की गई है जब भारत पहली बार यूनेस्को की ‘अमूर्त सांस्कृतिक विरासत संरक्षण’ के लिए अंतर-सरकारी समिति के 20वें सत्र की मेजबानी कर रहा है। यह कार्यक्रम 8 दिसंबर से शुरू होकर 13 दिसंबर तक चलेगा। इस छह दिवसीय कार्यक्रम में 180 से अधिक देशों के प्रतिनिधि हिस्सा ले रहे हैं। इसी वैश्विक मंच पर भारत की संस्कृति का डंका बजा है।
‘मुख्य बातें (Key Points)’
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यूनेस्को ने दीपावली को ‘अमूर्त सांस्कृतिक विरासत’ सूची में शामिल किया।
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लाल किले में घोषणा के बाद ‘वंदे मातरम’ के नारों से गूंजा परिसर।
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पीएम मोदी ने दीपावली को ‘सभ्यता की आत्मा’ बताया।
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भारत की अब कुल 16 परंपराएं यूनेस्को की लिस्ट में शामिल हो चुकी हैं।






