Aniruddhacharya Case Update: मशहूर कथावाचक अनिरुद्धाचार्य की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। महिलाओं और बेटियों को लेकर दिए गए उनके एक विवादित बयान ने उन्हें कानूनी पचड़े में फंसा दिया है। मथुरा की सीजेएम (CJM) कोर्ट ने इस मामले में कड़ा रुख अपनाते हुए उनके खिलाफ परिवाद दर्ज कर लिया है, जिसके बाद अब कथावाचक को कोर्ट के चक्कर लगाने पड़ सकते हैं।
यह पूरा मामला अक्टूबर महीने का है, जब उनका एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। इस वीडियो में की गई टिप्पणियों को लेकर काफी हंगामा बरपा था और अब इसी मामले में कोर्ट ने सुनवाई की अगली तारीख भी तय कर दी है।
विवादित बोल पड़े भारी
दरअसल, अक्टूबर माह में कथावाचक अनिरुद्धाचार्य का एक वीडियो सामने आया था, जिसने सोशल मीडिया पर आलोचनाओं की झड़ी लगा दी थी। इस वीडियो में उन्होंने बेटियों की शादी की उम्र और उनके चरित्र को लेकर बेहद आपत्तिजनक टिप्पणी की थी।
उन्होंने कहा था कि आजकल बेटियों की शादी 25 वर्ष की उम्र में होती है और जब तक वे 25 साल की होती हैं, तब तक वे “चार जगह मुंह मार चुकी होती हैं।” उनके इस बयान को लेकर लोगों में भारी गुस्सा था। हालांकि, बाद में अनिरुद्धाचार्य ने अपनी सफाई में कहा था कि वह महिलाओं की इज्जत करते हैं और उनके बयान को तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया है, लेकिन यह दलील उन्हें कानूनी कार्रवाई से नहीं बचा सकी।
कोर्ट में परिवाद दर्ज
इस मामले को लेकर अखिल भारतीय हिंदू महासभा की आगरा जिला अध्यक्ष मीरा राठौर ने मोर्चा खोला था। उन्होंने मथुरा के सीजेएम उत्सव राज गौरव के न्यायालय में अनिरुद्धाचार्य के खिलाफ वाद दायर किया था।
ताजा जानकारी के मुताबिक, कोर्ट ने सुनवाई के बाद मीरा राठौर की याचिका पर परिवाद (Complaint Case) दर्ज कर लिया है। याचिकाकर्ता के अधिवक्ता मनीष गुप्ता ने पुष्टि की है कि न्यायालय ने मामले को दर्ज कर लिया है, जो उनके लिए एक बड़ी सफलता है। अब इस मामले में बाकायदा कानूनी प्रक्रिया आगे बढ़ेगी।
1 जनवरी को होगी अहम सुनवाई
कोर्ट ने इस मामले की अगली सुनवाई के लिए नए साल की पहली तारीख यानी 1 जनवरी मुकर्रर की है। इस दिन याचिकाकर्ता यानी मीरा राठौर के बयान दर्ज किए जाएंगे।
कानूनी जानकारों के मुताबिक, परिवाद दर्ज होने के बाद अनिरुद्धाचार्य को अपना पक्ष रखने के लिए कोर्ट में पेश होना पड़ सकता है। अधिवक्ता मनीष गुप्ता ने बताया कि अक्टूबर में की गई आपत्तिजनक टिप्पणी के आधार पर यह केस दर्ज हुआ है और अब 1 जनवरी को वादी के बयान दर्ज होने के साथ ही मामले की दिशा तय होगी।
आम लोगों पर असर
यह मामला यह साबित करता है कि सार्वजनिक मंचों से बोलने वाले व्यक्तियों को अपने शब्दों के चयन में कितना सावधान रहने की जरूरत है। धर्म और आस्था के नाम पर महिलाओं के प्रति असम्मानजनक भाषा का इस्तेमाल समाज में गलत संदेश देता है। कोर्ट का यह कदम यह संदेश देता है कि कानून की नजर में सब बराबर हैं, चाहे वह कोई सेलिब्रिटी कथावाचक ही क्यों न हो।
‘जानें पूरा मामला’
यह विवाद तब शुरू हुआ जब अनिरुद्धाचार्य ने अपने एक प्रवचन के दौरान आधुनिक समय में लड़कियों की शादी की उम्र और उनके रिश्तों पर टिप्पणी की। उनके “चार जगह मुंह मारने” वाले बयान को महिलाओं के चरित्र हनन के तौर पर देखा गया। इसके विरोध में मीरा राठौर ने कानूनी रास्ता अपनाया। अनिरुद्धाचार्य ने अपने बचाव में कई बार कहा कि उनका इरादा गलत नहीं था, लेकिन कोर्ट ने मामले की गंभीरता को देखते हुए इसे संज्ञान में लिया है।
‘मुख्य बातें (Key Points)’
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अनिरुद्धाचार्य के खिलाफ मथुरा सीजेएम कोर्ट में परिवाद दर्ज हो गया है।
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मामला अक्टूबर में महिलाओं पर की गई अभद्र टिप्पणी से जुड़ा है।
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अखिल भारतीय हिंदू महासभा की मीरा राठौर ने याचिका दायर की थी।
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मामले की अगली सुनवाई 1 जनवरी को होगी, जिसमें वादी के बयान दर्ज होंगे।






