IndiGo Flight Cancellation Crisis के चलते देश भर के एयरपोर्ट्स पर मचे हाहाकार और हजारों यात्रियों की बेबसी को देखते हुए अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बेहद सख्त रुख अपनाया है। उड्डयन मंत्रालय की सख्ती के बाद अब पीएम मोदी ने दो टूक शब्दों में कह दिया है कि सिस्टम की कमियों का खामियाजा आम जनता क्यों भुगते? उन्होंने साफ किया कि नियम और कानून जनता की सुविधा के लिए होते हैं, उन्हें मुसीबत में डालने के लिए नहीं।
‘जनता पर बोझ न बनें नियम’
संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने एनडीए की बैठक के दौरान प्रधानमंत्री द्वारा कही गई बातों को साझा किया। पीएम मोदी इस बात से बेहद चिंतित हैं कि फ्लाइट्स के लगातार कैंसिल होने और देरी से चलने के कारण आम लोगों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। प्रधानमंत्री ने जोर देकर कहा कि रिफॉर्म्स (सुधार) का मतलब सिर्फ आर्थिक आंकड़े नहीं हैं, बल्कि इसका असली मकसद देश के आम नागरिक के जीवन को आसान और आरामदायक बनाना है।
पीएम का स्पष्ट संदेश है कि भारत के किसी भी नागरिक को सरकार या सिस्टम की वजह से तकलीफ नहीं झेलनी चाहिए। नियम और रेगुलेशन अच्छे हैं, लेकिन उनका उद्देश्य व्यवस्था को सुधारना होना चाहिए, न कि जनता को परेशान करना। कोई भी ऐसा कानून नहीं होना चाहिए जो बिना वजह आम आदमी के लिए बोझ बन जाए।
‘2000 उड़ानें रद्द, 500 आज भी कैंसिल’
इंडिगो क्राइसिस का मौजूदा मंजर बेहद डराने वाला है। 2 दिसंबर से लेकर अब तक इंडिगो एयरलाइंस ने करीब 2000 से ज्यादा उड़ानें रद्द कर दी हैं। हालात इतने खराब थे कि अकेले 5 दिसंबर को ही 1000 से ज्यादा फ्लाइट्स कैंसिल करनी पड़ीं। जब यह रिपोर्ट लिखी जा रही है, तब भी यानी 9 दिसंबर को तकरीबन 500 उड़ानें रद्द होने की खबर है।
‘किसी की शादी छूटी, किसी का एग्जाम’
एयरपोर्ट्स पर फंसे यात्रियों की स्थिति दयनीय है। हजारों यात्री कई घंटों तक इधर-उधर भटकते रहे कि उनका सामान (Luggagge) कहां मिलेगा या अगली फ्लाइट कब मिलेगी। इस अव्यवस्था के कारण कई छात्रों के एग्जाम छूट गए, तो कई लोग अपनी खुद की शादी या रिसेप्शन तक नहीं पहुंच पाए।
इस संकट का फायदा उठाते हुए दूसरी एयरलाइंस ने व्यस्त रूट्स पर किराए में भारी बढ़ोतरी कर दी। जब यह मामला सरकार के संज्ञान में आया, तो सरकार ने दखल दिया और किराए की दरें तय कीं। साथ ही निर्देश दिया गया कि नियमों का उल्लंघन करने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
‘DGCA का नोटिस और सख्त कार्रवाई’
नागरिक उड्डयन मंत्री राममोहन नायडू ने संसद में भरोसा दिलाया है कि जवाबदेही तय की जाएगी। डीजीसीए (DGCA) ने इंडिगो की सीनियर लीडरशिप को कारण बताओ नोटिस जारी किया है और विस्तृत जांच शुरू कर दी है। मंत्री ने स्पष्ट किया कि जांच के नतीजों के आधार पर एयरक्राफ्ट रूल्स के तहत सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी।
सरकार ने कड़ा संदेश दिया है कि कोई भी एयरलाइन, चाहे वह कितनी भी बड़ी क्यों न हो, उसे अपनी प्लानिंग फेलियर या नियमों की अनदेखी के कारण यात्रियों को ऐसी मुसीबत में डालने की अनुमति नहीं दी जाएगी। रिफंड और बैगेज ट्रैकिंग पर मंत्रालय लगातार नजर बनाए हुए है। हालांकि, जब मंत्री संसद में एविएशन इंडस्ट्री की स्थिति बता रहे थे, तो विपक्ष ने हंगामा किया और वॉकआउट कर गया।
‘जानें पूरा मामला’
दिसंबर की शुरुआत से ही देश की सबसे बड़ी एयरलाइन इंडिगो भारी संकट से गुजर रही है। तकनीकी और परिचालन संबंधी दिक्कतों के कारण बड़े पैमाने पर उड़ानें रद्द हो रही हैं। 2 दिसंबर से शुरू हुआ यह सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा, जिससे हजारों यात्री देश भर के अलग-अलग हवाई अड्डों पर फंस गए हैं। यह भारतीय एविएशन इतिहास के सबसे बड़े व्यवधानों में से एक माना जा रहा है, जिसने सीधे तौर पर त्योहारों और छुट्टियों के सीजन में आम आदमी की जेब और मानसिक शांति पर हमला किया है।
‘मुख्य बातें (Key Points)’
-
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि नियम जनता की सुविधा के लिए हैं, परेशानी के लिए नहीं।
-
2 दिसंबर से अब तक इंडिगो की 2000 से ज्यादा उड़ानें रद्द हो चुकी हैं।
-
डीजीसीए ने इंडिगो को नोटिस जारी कर जांच शुरू कर दी है।
-
सरकार ने दूसरी एयरलाइंस को किराया न बढ़ाने की सख्त चेतावनी दी है।






