RBI New Rules : भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने आम आदमी की जेब और सहूलियत को ध्यान में रखते हुए बैंकिंग नियमों में एक बड़ा बदलाव किया है। यह बदलाव विशेष रूप से उन लोगों के लिए है जो बेसिक सेविंग बैंक डिपॉजिट (BSBD) यानी जीरो बैलेंस अकाउंट का इस्तेमाल करते हैं। इस फैसले का सीधा असर करोड़ों खाताधारकों पर पड़ेगा और उन्हें कई तरह के शुल्कों से मुक्ति मिलेगी।
आरबीआई का यह कदम जीरो बैलेंस खाताधारकों के जीवन को आसान बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है। इन खातों को आमतौर पर समाज के आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लोग इस्तेमाल करते हैं। नए नियमों के तहत, अब इन खाताधारकों को हर महीने खाते में पैसे जमा करने की सुविधा के साथ-साथ कई अन्य सेवाएं भी मुफ्त मिलेंगी।
मुफ्त एटीएम और चेकबुक की सुविधा
नए नियमों के अनुसार, अब जीरो बैलेंस खाताधारकों को बिना किसी नवीनीकरण शुल्क (renewal charge) के एटीएम या डेबिट कार्ड का इस्तेमाल करने की सुविधा मिलेगी। यही नहीं, उन्हें हर साल कम से कम 25 पन्नों वाली चेकबुक भी बैंक की तरफ से मुफ्त दी जाएगी। इसके अलावा, इंटरनेट बैंकिंग, मोबाइल बैंकिंग और पासबुक या मासिक विवरण (monthly statement) जैसी सुविधाएं भी अब इन खातों के साथ अनिवार्य रूप से मिलेंगी।
एटीएम से पैसे निकालने के नियम
एटीएम से पैसे निकालने को लेकर भी बड़ी राहत दी गई है। अब इन खाताधारकों को अपने बैंक के एटीएम के साथ-साथ दूसरे बैंकों के एटीएम से भी महीने में कम से कम चार बार बिना किसी शुल्क के पैसे निकालने की अनुमति होगी।
डिजिटल लेनदेन पर नहीं लगेगा चार्ज
आरबीआई ने एक और महत्वपूर्ण स्पष्टीकरण दिया है कि डिजिटल पेमेंट के बढ़ते चलन को देखते हुए UPI, IMPS, NEFT और RTGS जैसे डिजिटल लेनदेन को इस मुफ्त निकासी की सीमा में नहीं गिना जाएगा। इसका मतलब है कि ग्राहक इन डिजिटल माध्यमों से जितनी बार चाहे लेनदेन कर सकते हैं, इसके लिए उनसे अलग से कोई शुल्क नहीं लिया जाएगा।
कब से लागू होंगे नए नियम?
यह नए बदलाव 1 अप्रैल 2026 से लागू होंगे। हालांकि, आरबीआई ने यह भी कहा है कि अगर बैंक चाहें तो इन बदलावों को इस तारीख से पहले भी अपना सकते हैं। यह फैसला पूरी तरह से बैंकों पर छोड़ दिया गया है। मौजूदा बीएसबीडी ग्राहक इन नई सुविधाओं का लाभ उठाने के लिए बैंक से अनुरोध कर सकते हैं।
सामान्य खाते को भी बीएसबीडी में बदलने का विकल्प
जो ग्राहक नियमित बचत खाते (regular savings account) का इस्तेमाल कर रहे हैं, वे भी अपने खाते को बीएसबीडी खाते में बदलवा सकते हैं। इसके लिए एक ही शर्त है कि उनका पहले से किसी अन्य बैंक में खाता नहीं होना चाहिए।
जानें पूरा मामला
आरबीआई ने यह फैसला अपने जिम्मेदार व्यावसायिक आचरण (responsible business conduct) के निर्देशों को अपडेट करने की प्रक्रिया के तहत लिया है। इसका मुख्य उद्देश्य बैंकों द्वारा पेश किए जाने वाले बेसिक सेविंग बैंक डिपॉजिट खातों के ढांचे को औपचारिक रूप देना और उसमें एकरूपता लाना है। नए नियमों के जरिए कम मूल्य के जमाकर्ताओं तक बैंकिंग सुविधाओं की पहुंच को और आसान बनाने का लक्ष्य रखा गया है।
मुख्य बातें (Key Points)
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जीरो बैलेंस खातों पर अब बिना किसी शुल्क के मिलेगा एटीएम या डेबिट कार्ड।
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हर साल कम से कम 25 पन्नों वाली चेकबुक मुफ्त मिलेगी।
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महीने में चार बार एटीएम से मुफ्त निकासी की सुविधा, डिजिटल लेनदेन इस सीमा से बाहर।
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ये नए नियम 1 अप्रैल 2026 से लागू होंगे, हालांकि बैंक इसे पहले भी अपना सकते हैं।






