Indigo Crisis Parliament Update को लेकर संसद के शीतकालीन सत्र में जमकर हंगामा हुआ। पिछले सात दिनों से देश की सबसे बड़ी एयरलाइन इंडिगो की उड़ानें रद्द होने और भारी देरी के कारण मचे हाहाकार पर आखिरकार सरकार ने अपनी चुप्पी तोड़ी है। राज्यसभा में नागरिक उड्डयन मंत्री राममोहन नायडू ने स्पष्ट किया कि यह संकट एयरलाइन की ‘आंतरिक समस्याओं’ के कारण पैदा हुआ है। उन्होंने यात्रियों को हुई असुविधा के लिए सदन में व्यक्तिगत रूप से माफी मांगते हुए भरोसा दिलाया कि सरकार यात्रियों की सुरक्षा और सुविधाओं से कोई समझौता नहीं करेगी।
संसद के उच्च सदन में इंडिगो का मुद्दा जोर-शोर से गूंजा। कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई द्वारा यह मुद्दा उठाए जाने के बाद नागरिक उड्डयन मंत्री ने सरकार का पक्ष रखा। उन्होंने बताया कि यह लगातार सातवां दिन है जब फ्लाइट्स में बड़े पैमाने पर रद्दोबदल देखा गया है। दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु, अहमदाबाद और हैदराबाद जैसे प्रमुख एयरपोर्ट्स पर यात्री हताश और परेशान हैं।
‘सुरक्षा से समझौता मंजूर नहीं’
नागरिक उड्डयन मंत्री राममोहन नायडू ने राज्यसभा में कड़े शब्दों में कहा कि सरकार यात्रियों, पायलटों और क्रू की सुरक्षा से किसी भी कीमत पर समझौता नहीं करेगी। उन्होंने बताया कि इंडिगो में हालिया उड़ानें रद्द होने का मुख्य कारण एयरलाइन के भीतर चल रही ‘आंतरिक समस्याएं’ हैं। एयरलाइन अपने क्रू मैनेजमेंट और रोस्टर को सही तरीके से संभालने में विफल रही है। मंत्री ने स्पष्ट किया कि 1 नवंबर को हुई बैठक में एयरलाइन को नए नियमों के बारे में स्पष्ट जानकारी दे दी गई थी, लेकिन वे अपनी व्यवस्था नहीं संभाल पाए।
‘मंत्री ने मांगी माफी, नियमों में होगा बदलाव’
सदन में एक भावुक पल तब आया जब मंत्री ने यात्रियों को हुई परेशानी की जिम्मेदारी लेते हुए खेद जताया। उन्होंने कहा, “सात दिनों में यात्रियों को जो भी भारी असुविधा हुई है, उसके लिए मैं व्यक्तिगत रूप से क्षमा प्रार्थी हूं।” उन्होंने आश्वासन दिया कि सरकार लगातार स्थिति की Monitoring कर रही है। साथ ही, भविष्य में ऐसी स्थिति से बचने के लिए Civil Aviation Regulation (CAR) में जल्द ही संशोधन किए जाएंगे, ताकि यात्रियों के अधिकारों की रक्षा की जा सके।
‘विपक्ष का हमला: हवाई चप्पल vs महंगा जूता’
इस मुद्दे पर राजनीति भी गर्मा गई है। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने मोदी सरकार पर तीखा तंज कसा। उन्होंने कहा कि सरकार दावा करती थी कि ‘हवाई चप्पल पहनने वाला भी जहाज में उड़ेगा’, लेकिन आज हालात ऐसे हैं कि टिकटों की कीमतें इतनी बढ़ गई हैं कि ‘महंगे जूते पहनने वाला भी विमान में बैठने से डर रहा है’। विपक्ष ने आरोप लगाया कि सरकार असली समस्याओं, जैसे टिकटों की कालाबाजारी और कीमतों को नजरअंदाज कर रही है।
‘सुप्रीम कोर्ट का दखल से इनकार’
इस संकट के बीच एक बड़ी खबर सुप्रीम कोर्ट से भी आई। इंडिगो मामले और यात्रियों की परेशानी को लेकर दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने तत्काल सुनवाई करने से इनकार कर दिया। कोर्ट ने कहा कि यह एक गंभीर मामला है और लाखों लोग फंसे हुए हैं, लेकिन चूंकि भारत सरकार ने इसका संज्ञान ले लिया है और वह मामले को देख रही है, इसलिए सरकार को इसे संभालने दिया जाना चाहिए।
जानें पूरा मामला
इंडिगो एयरलाइंस पिछले एक हफ्ते से गंभीर परिचालन संकट का सामना कर रही है। खराब मौसम और परिचालन संबंधी दिक्कतों के कारण सैकड़ों उड़ानें रद्द हो चुकी हैं। एयरलाइन ने दावा किया है कि 10 दिसंबर तक उसका ऑपरेशन सामान्य हो जाएगा। सरकार का कहना है कि यह संकट एयरलाइन की ऑपरेशनल विफलता है, न कि किसी नीतिगत चूक का नतीजा। मंत्रालय ने साफ कर दिया है कि यह घटना पूरे एविएशन सेक्टर के लिए एक उदाहरण बनेगी ताकि भविष्य में कोई एयरलाइन नियमों की अनदेखी न करे।
मुख्य बातें (Key Points)
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नागरिक उड्डयन मंत्री राममोहन नायडू ने इंडिगो संकट के लिए एयरलाइन की आंतरिक समस्याओं को जिम्मेदार ठहराया।
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मंत्री ने यात्रियों को हुई असुविधा के लिए राज्यसभा में माफी मांगी।
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सरकार ने स्पष्ट किया कि सुरक्षा नियमों और क्रू के आराम के साथ कोई समझौता नहीं होगा।
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सुप्रीम कोर्ट ने मामले में हस्तक्षेप करने से इनकार करते हुए कहा कि सरकार इसे देख रही है।
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इंडिगो ने 10 दिसंबर तक सेवाएं सामान्य होने की उम्मीद जताई है।






