चंडीगढ़, 7 दिसंबर (राज) सिख समुदाय की अंतर-आत्मा पर लगे गहरे घावों को भरने और लंबे समय से न्याय की चल रही मांग को पूरा करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कार्रवाई करते हुए अमृतसर कमिश्नरेट पुलिस ने श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी के 328 पावन सरूपों (पवित्र ग्रंथ) के गुम होने के संबंध में 16 व्यक्तियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है।
इस संबंध में स्पीकर श्री कुलतार सिंह संधवां ने कहा कि पंजाब सरकार किसी भी धर्म की बेअदबी को बर्दाश्त नहीं करेगी और इस तरह के घृणित अपराध में शामिल किसी भी व्यक्ति को हमारी सरकार द्वारा नहीं बख्शा जाएगा। उन्होंने कहा कि गुरु साहिबानों ने हमें हर धर्म की रक्षा का मार्ग दिखाया है।
भाई बलदेव सिंह वडाला ने श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी के 328 पावन सरूपों की बेअदबी के दोषियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के लिए पंजाब सरकार की सराहना की। उन्होंने पंजाब विधानसभा के स्पीकर श्री कुलतार सिंह संधवां से अपील की कि वे बेअदबी जैसे अपराधों के दोषियों को मृत्युदंड सुनिश्चित करने के लिए विधानसभा में कानून पारित करें, ताकि भविष्य में कोई भी इस प्रकार के अपराध को करने की हिम्मत न कर सके जिससे समाज के लिए एक सख्त उदाहरण स्थापित हो।
जिन लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है, उनके नाम हैं – डॉ. रूप सिंह, मनजीत सिंह, गुरबचन सिंह, सतिंदर सिंह, निशान सिंह, परमजीत सिंह, गुरमुख सिंह, जुझार सिंह, बाज सिंह, दलबीर सिंह, कमलजीत सिंह, कुलवंत सिंह, जसप्रीत सिंह, गुरबचन सिंह, सतिंदर सिंह और अमरजीत सिंह।
इस संबंध में एफआईआर भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धाराओं 295 (किसी धर्म का निरादर करने के इरादे से पूजा स्थल या पवित्र वस्तु को नुकसान पहुँचाना या बेअदबी करना), 295-ए (धार्मिक भावनाएँ भड़काने के इरादे से जान-बूझकर की गई घृणित गतिविधियां), 409 (आपराधिक रूप से विश्वासघात), 465 (जालसाज़ी) और 120-बी (आपराधिक साज़िश) के तहत थाना डिवीजन-सी, अमृतसर कमिश्नरेट में दर्ज की गई है।
यह कार्रवाई अमृतसर स्थित शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) के प्रकाशन घर, श्री गुरु ग्रंथ साहिब भवन में रिकॉर्ड के रख-रखाव में पाई गई कमियों और खराब प्रबंधन की लंबी जांच के बाद अमल में लाई गई हैं।






