Tejashwi Yadav Missing: बिहार विधानसभा के शीतकालीन सत्र के समापन के साथ ही सूबे की सियासत में एक नया भूचाल आ गया है। सदन की कार्यवाही से नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के नदारद रहने पर न सिर्फ सत्ता पक्ष हमलावर है, बल्कि अब उनकी ही पार्टी के भीतर से बगावत के सुर फूट पड़े हैं। राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के वरिष्ठ नेता शिवानंद तिवारी ने तेजस्वी पर तीखा हमला बोलते हुए कहा है कि उन्होंने मैदान छोड़ दिया है और उनमें अगले 5 साल तक विपक्ष की भूमिका निभाने की क्षमता नहीं है।
शीतकालीन सत्र के दौरान तेजस्वी यादव की अनुपस्थिति चर्चा का विषय बनी रही। जहां एक तरफ सदन में जनता के मुद्दों पर बहस की दरकार थी, वहीं दूसरी तरफ विपक्ष का सबसे बड़ा चेहरा गायब था।
‘तेजस्वी ने मैदान छोड़ दिया’
आरजेडी के कद्दावर नेता और पूर्व मंत्री शिवानंद तिवारी ने तेजस्वी यादव की कार्यशैली पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि तेजस्वी यादव ने मैदान ही छोड़ दिया है। तिवारी ने आशंका जताई कि अगले 5 साल तक विरोधी दल के नेता की भूमिका निभाने की क्षमता उनमें नहीं दिखती।
शिवानंद तिवारी ने खुलासा किया कि विधानसभा में राज्यपाल के अभिभाषण के दौरान भी तेजस्वी नदारद थे। उन्होंने बताया कि तेजस्वी दिल्ली गए हैं, जहां उनकी पत्नी और बच्चे पहले ही पहुंच चुके थे। ऐसी सूचना मिल रही है कि तेजस्वी अपने परिवार के साथ अब Europe की यात्रा पर निकल गए हैं।
‘विरोध की राजनीति का मैदान खाली’
शाहपुर विधानसभा सीट के पूर्व विधायक शिवानंद तिवारी ने बिहार की मौजूदा राजनीतिक स्थिति पर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि बिहार में विरोध की राजनीति का पूरा मैदान खाली पड़ा है। हालांकि, उन्होंने यह भी जोड़ा कि नीतीश कुमार 5 सालों तक मुख्यमंत्री बने रहेंगे या नहीं, यह भी संदेह के घेरे में है, लेकिन विपक्ष की निष्क्रियता साफ दिखाई दे रही है।
तिवारी के इस बयान को आरजेडी के अंदरूनी कलह और बगावत के तौर पर देखा जा रहा है। अपनी ही पार्टी के शीर्ष नेता द्वारा नेता प्रतिपक्ष की क्षमता पर सवाल उठाना सियासी गलियारों में चर्चा का विषय बन गया है।
बीजेपी का हमला: ‘जिम्मेदारी से भाग रहे तेजस्वी’
दूसरी तरफ, एनडीए ने भी तेजस्वी के ‘गायब’ होने पर कड़ा रुख अपनाया है। बीजेपी के प्रदेश प्रवक्ता ने कहा कि नवगठित विधानसभा के पहले ही सत्र से नेता प्रतिपक्ष का बिना सूचना के गायब होना यह बताता है कि विपक्ष न तो सदन की गरिमा के प्रति गंभीर है और न ही जनता की समस्याओं के समाधान के प्रति।
बीजेपी का आरोप है कि बिहार के विकास, रोजगार, कृषि, कानून व्यवस्था और बुनियादी ढांचे जैसे अहम मुद्दों पर ठोस बहस की जरूरत थी, लेकिन विपक्ष का सदन से पलायन करना जिम्मेदारी से भागने का सबूत है।
‘करोड़ों बिहारवासियों का अपमान’
बीजेपी प्रवक्ता ने इसे बिहार की जनता का अपमान बताया। उन्होंने कहा कि विपक्ष की यह गैर-जिम्मेदाराना हरकत उन करोड़ों वोटरों का अपमान है, जिन्होंने लोकतंत्र को मजबूत करने के लिए मतदान किया था। सदन से अनुपस्थित रहकर तेजस्वी यह संदेश दे रहे हैं कि उन्हें जनता से कोई सरोकार नहीं है और उनका लक्ष्य केवल राजनीतिक नाटक करना और सुर्खियां बटोरना है।
जानें पूरा मामला
बिहार विधानसभा का शीतकालीन सत्र हाल ही में संपन्न हुआ है। इस पूरे सत्र के दौरान नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव की उपस्थिति न के बराबर रही। उनकी इस अनुपस्थिति को लेकर पहले एनडीए हमलावर थी, लेकिन अब आरजेडी के वरिष्ठ नेता शिवानंद तिवारी ने भी मोर्चा खोल दिया है। तिवारी ने तेजस्वी के विदेश (यूरोप) जाने की बात कहकर उनकी राजनीतिक गंभीरता पर सवालिया निशान लगा दिए हैं।
मुख्य बातें (Key Points)
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आरजेडी नेता शिवानंद तिवारी ने कहा- तेजस्वी यादव में विपक्ष का नेता बनने की क्षमता नहीं।
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तेजस्वी यादव के परिवार के साथ Europe यात्रा पर जाने की खबरें सामने आईं।
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बीजेपी ने तेजस्वी की अनुपस्थिति को बिहार की जनता और लोकतंत्र का अपमान बताया।
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विधानसभा सत्र के दौरान विकास और रोजगार जैसे मुद्दों पर विपक्ष नदारद रहा।






