8th Pay Commission Update का इंतजार कर रहे लाखों केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए संसद से एक अहम खबर सामने आई है। 8वें वेतन आयोग और महंगाई भत्ते (DA) को लेकर चल रही तमाम अटकलों पर केंद्र सरकार ने पूर्ण विराम लगा दिया है। वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने लोकसभा में एक लिखित जवाब में स्पष्ट कर दिया है कि महंगाई भत्ते को मूल वेतन (Basic Salary) के साथ मिलाने का कोई भी प्रस्ताव सरकार के पास विचाराधीन नहीं है।
संसद में सरकार का दो टूक जवाब
कर्मचारी संगठन लंबे समय से यह मांग कर रहे थे कि महंगाई भत्ते के 50% पार होने पर इसे मूल वेतन में विलय (Merge) कर दिया जाए। लेकिन सरकार ने इस उम्मीद पर पानी फेर दिया है।
लोकसभा के शीतकालीन सत्र के पहले ही दिन वित्त मंत्रालय ने स्थिति साफ करते हुए कहा कि मौजूदा महंगाई भत्ते (DA) और महंगाई राहत (DR) को मूल वेतन में मिलाने का कोई प्रस्ताव फिलहाल सरकार की मेज पर नहीं है। यह बयान उन कर्मचारियों के लिए थोड़ी मायूसी भरा हो सकता है जो बेसिक सैलरी में बढ़ोतरी की उम्मीद लगाए बैठे थे।
सांसद आनंद भदौरिया ने पूछा था सवाल
लोकसभा सांसद आनंद भदौरिया ने वित्त मंत्री से सीधा सवाल किया था कि क्या सरकार ने 8वें केंद्रीय वेतन आयोग के गठन के लिए कोई अधिसूचना (Notification) जारी की है? और अगर हां, तो उसका विवरण क्या है?
इसके अलावा, उन्होंने यह भी पूछा था कि क्या बढ़ती महंगाई को देखते हुए सरकार तत्काल राहत के तौर पर मौजूदा DA को बेसिक सैलरी में मर्ज करने पर विचार कर रही है? इन सवालों के जवाब में वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने साफ कहा कि ऐसा कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है।
पेंशनभोगियों को लेकर अफवाह खारिज
इस बीच, सरकार ने सोशल मीडिया पर चल रही उन भ्रामक खबरों का भी खंडन किया है, जिनमें दावा किया जा रहा था कि सेवानिवृत्त सरकारी कर्मचारियों को भविष्य में महंगाई भत्ते में वृद्धि और वेतन आयोग का लाभ नहीं मिलेगा।
सरकार ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट करके इन दावों को पूरी तरह खारिज कर दिया। सरकार ने स्पष्ट किया कि पेंशनभोगियों के अधिकारों में कोई कटौती नहीं की जा रही है और उन्हें नियमानुसार लाभ मिलते रहेंगे।
कैसे तय होता है महंगाई भत्ता?
संसद में दी गई जानकारी के मुताबिक, लिविंग कॉस्ट (रहने की लागत) को एडजस्ट करने और महंगाई के कारण सैलरी-पेंशन की वास्तविक वैल्यू में होने वाले नुकसान से बचाने के लिए DA और DR दिया जाता है।
इसकी दरें लेबर ब्यूरो द्वारा जारी अखिल भारतीय उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI-IW) के आधार पर तय होती हैं। इसे हर छह महीने में समय-समय पर संशोधित किया जाता है, ताकि कर्मचारियों को महंगाई से राहत मिल सके।
वेतन आयोग का 10 साल का गणित
आमतौर पर हर 10 साल में एक नया वेतन आयोग आता है, जो केंद्रीय कर्मचारियों की सैलरी स्ट्रक्चर में बदलाव करता है। चूंकि 7वां वेतन आयोग लागू हुए समय बीत चुका है, इसलिए 8वें वेतन आयोग (8th Pay Commission) को लेकर चर्चाएं तेज हैं। हालांकि, सरकार के ताजा बयान ने तत्काल किसी बड़े बदलाव की संभावनाओं को कम कर दिया है, लेकिन भविष्य में सैलरी बढ़ने की उम्मीद अभी भी बरकरार है।
मुख्य बातें (Key Points)
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DA मर्जर नहीं: सरकार ने DA को बेसिक सैलरी में मिलाने के प्रस्ताव से इनकार किया।
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संसद में जवाब: वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने लिखित प्रश्न के उत्तर में जानकारी दी।
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पेंशनर्स को राहत: सरकार ने पेंशनभोगियों के लाभ रोकने वाली अफवाहों को गलत बताया।
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समीक्षा प्रक्रिया: DA की दरें लेबर ब्यूरो के सूचकांक के आधार पर हर 6 महीने में बदलती हैं।






