RBI Repo Rate Cut: भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए शुक्रवार का दिन एक बड़ी खुशखबरी लेकर आया है। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने आम आदमी की जेब पर बोझ कम करते हुए एक ऐसा फैसला लिया है, जिससे आपके सपनों का घर और गाड़ी खरीदना अब पहले से ज्यादा आसान और सस्ता हो जाएगा।
भारतीय रिजर्व बैंक ने अपनी नीतिगत ब्याज दरों में कटौती का ऐलान कर दिया है, जिसका सीधा असर आपकी मासिक किस्तों यानी ईएमआई पर पड़ने वाला है। आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति (MPC) की तीन दिवसीय बैठक के बाद गवर्नर संजय मल्होत्रा ने रेपो रेट में 25 आधार अंकों यानी 0.25% की कटौती की घोषणा की है। इस कटौती के बाद रेपो रेट 5.5% से घटकर अब 5.25% हो गया है।
सर्वसम्मति से लिया गया बड़ा फैसला
यह फैसला आरबीआई की एमपीसी बैठक में लिया गया, जहां एक सुखद बात यह रही कि समिति के सभी छह सदस्य इस प्रस्ताव पर सहमत थे। यह एक समान आर्थिक विचारधारा को दर्शाता है। गवर्नर ने बताया कि विकास की गति को बढ़ावा देने और उधार लेने की लागत को कम करने के लिए यह कदम बेहद जरूरी था। खुदरा महंगाई में आई गिरावट और वित्तीय स्थिरता के बेहतर संकेतों ने आरबीआई को दरें घटाने का मौका दिया है। आरबीआई के अनुसार, खुदरा मुद्रास्फीति अब 2 से 6 प्रतिशत के आरामदायक दायरे में है, जिससे ब्याज दरों में राहत देने की गुंजाइश बनी है।
आपकी जेब पर कितना होगा असर?
रेपो रेट कम होने का सीधा मतलब है कि बैंकों को आरबीआई से सस्ता कर्ज मिलेगा, और बैंक इसका फायदा ग्राहकों तक पहुंचाएंगे। इसका असर होम लोन, कार लोन, पर्सनल लोन और बिजनेस लोन सभी पर पड़ेगा। चलिए गणित से समझते हैं कि आपको कितनी बचत होगी:
होम लोन पर बचत: मान लीजिए आपने 50 लाख रुपये का होम लोन 8.5% ब्याज दर पर 20 साल के लिए लिया है। पुरानी दर पर आपकी ईएमआई 43,391 रुपये बनती थी। अब 0.25% की कटौती के बाद अगर दर 8.25% होती है, तो नई ईएमआई 42,603 रुपये हो जाएगी। यानी हर महीने 788 रुपये और साल भर में 9,456 रुपये की सीधी बचत होगी।
कार लोन पर बचत: अगर आपने 5 लाख रुपये का कार लोन 12% ब्याज दर पर लिया है, तो पुरानी ईएमआई 11,282 रुपये थी। दरों में कटौती के बाद यह घटकर 11,149 रुपये हो जाएगी। यानी यहां भी आपको मासिक और वार्षिक बचत का लाभ मिलेगा।
अर्थव्यवस्था को मिलेगी नई रफ्तार
रेपो रेट में कटौती सिर्फ ईएमआई कम नहीं करती, बल्कि इसका पूरी अर्थव्यवस्था पर सकारात्मक असर पड़ता है। लोन सस्ता होने से बाजार में मांग बढ़ेगी। लोग घर और कार खरीदने के लिए प्रोत्साहित होंगे, जिससे रियल एस्टेट और ऑटो सेक्टर में तेजी आएगी। इसके अलावा, कंपनियों के लिए भी कर्ज सस्ता होगा, जिससे निवेश बढ़ेगा। इसका बड़ा फायदा छोटे और मंझोले उद्योगों (MSME) को मिलेगा, जो देश की तरक्की में अहम भूमिका निभाते हैं।
जानें पूरा मामला
आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा ने पहले ही संकेत दिए थे कि अगर महंगाई काबू में रही तो दरों में कटौती की जा सकती है। इसी रणनीति के तहत फरवरी से लेकर अब तक आरबीआई तीन चरणों में कुल 1% की कटौती कर चुका है। हालांकि, अगस्त, सितंबर और अक्टूबर की बैठकों में कोई बदलाव नहीं किया गया था, लेकिन नवीनतम बैठक में स्थिति अनुकूल देखते हुए फिर से दरों में कमी की गई है। यह कदम बाजार में लिक्विडिटी बढ़ाने और आर्थिक गतिविधियों को तेज करने के उद्देश्य से उठाया गया है।
मुख्य बातें (Key Points)
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आरबीआई ने रेपो रेट 5.5% से घटाकर 5.25% कर दिया है।
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50 लाख के होम लोन पर सालाना करीब 9,456 रुपये की बचत हो सकती है।
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एमपीसी के सभी 6 सदस्यों ने सर्वसम्मति से कटौती के पक्ष में वोट दिया।
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इस फैसले से रियल एस्टेट और एमएसएमई सेक्टर को बड़ी राहत मिलने की उम्मीद है।






