Sanchar Saathi App Controversy को लेकर संचार एवं विकास मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने जनता से अपील की है कि वे सार्वजनिक डोमेन में चल रही अफवाहों पर ध्यान न दें। सिंधिया ने साफ किया कि ‘संचार साथी’ ऐप से जुड़ी धारा 7बी (Section 7B) किसी भी तरह से उपयोगकर्ताओं को ऐप अनइंस्टॉल करने से नहीं रोकती है। उन्होंने जोर देकर कहा कि सरकार का एकमात्र उद्देश्य आम जनता को डिजिटल फ्रॉड के बढ़ते ‘कैंसर’ से बचाना है और इसके लिए वे नियमों में संशोधन करने के लिए भी तैयार हैं।
सिंधिया ने धारा 7बी की व्याख्या करते हुए कहा कि समस्या यह है कि वास्तविकता अक्सर विवरणों में खो जाती है और इसे गलत समझा जाता है। उन्होंने स्पष्ट किया कि धारा 7बी केवल यह कहती है कि फोन में ऐप इंस्टॉल होना चाहिए और उपयोगकर्ता के लिए इसे एक्सेस करने में कोई बाधा नहीं होनी चाहिए। इसे डिसेबल नहीं किया जाना चाहिए ताकि उपयोगकर्ता इसका उपयोग कर सके।
धारा 7बी यूजर्स के लिए नहीं, निर्माताओं के लिए
मंत्री ने जोर देकर कहा कि धारा 7बी में कहीं भी यह नहीं लिखा है कि उपयोगकर्ता ऐप को डिलीट नहीं कर सकता। उन्होंने कहा, “धारा 7बी उपयोगकर्ताओं के लिए नहीं है। यह फोन निर्माताओं (manufacturers) द्वारा फोन पर ऐप की स्थापना के लिए है।”
उन्होंने आगे स्पष्ट किया कि इसे गलत समझा गया है कि धारा 7बी उपयोगकर्ताओं के लिए है। कोई भी उपयोगकर्ता, किसी भी अन्य मोबाइल ऐप की तरह, इस ऐप पर जाकर उसे प्रेस करके डिलीट कर सकता है। इसलिए, धारा 7बी के मतलब को गलत नहीं समझा जाना चाहिए।
2800 करोड़ का फ्रॉड और सुरक्षा की चुनौती
सिंधिया ने सरकार की मंशा पर जोर देते हुए कहा, “हमारा एक ही मत है और वो मत है आम जनता की सुरक्षा और आम जनता को यह फ्रॉड के कैंसर से बचाने की।” उन्होंने बताया कि पिछले वर्ष 2,800 करोड़ रुपये का फ्रॉड हुआ था।
उन्होंने कहा कि एक तरफ सभी लोग एक स्वर में मांग करते हैं कि आम जनता को फ्रॉड से बचाया जाए। आम जनता को फ्रॉड से बचाने का यह तंत्र ‘संचार साथी’ के आधार पर है, जिसका एक प्रूवन रिकॉर्ड है। उन्होंने कहा कि बहुत कम समय में इसके सारे आंकड़े उन्होंने सदन के समक्ष भी रखे हैं और इसलिए यह कदम उठाया गया है।
संशोधन के लिए सरकार तैयार
सिंधिया ने दो टूक कहा, “तो अब हमें तय करना है कि या तो हमें जनता को फ्रॉड से बचाना है या तो फ्रॉड को चलने दो। ‘चित भी मेरी पट भी मेरी’ तो नहीं चल सकती ना। आप मुझे बता दो कि हमको क्या करना है।”
उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि जो फीडबैक मिला है, उसके आधार पर यदि संशोधन करने की जरूरत है, तो सरकार ऐसा करने के लिए तैयार है। उन्होंने सदन के पटल पर भी यह बात कही है।
मुख्य बातें (Key Points)
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ज्योतिरादित्य सिंधिया ने संचार साथी ऐप पर फैली अफवाहों का खंडन किया।
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उन्होंने स्पष्ट किया कि धारा 7बी उपयोगकर्ताओं को ऐप डिलीट करने से नहीं रोकती।
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धारा 7बी फोन निर्माताओं के लिए ऐप इंस्टॉलेशन सुनिश्चित करने के लिए है।
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सरकार का उद्देश्य 2800 करोड़ रुपये जैसे बड़े फ्रॉड से जनता को बचाना है।
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सिंधिया ने आश्वासन दिया कि फीडबैक के आधार पर सरकार नियमों में संशोधन के लिए तैयार है।






