SIR Voter List Revision Update: देश भर में मतदाता सूची पुनरीक्षण (SIR – Special Intensive Revision) को लेकर सियासी पारा अपने चरम पर है। विपक्षी दल इसे लेकर संसद के शीतकालीन सत्र में लगातार हंगामा कर रहे हैं और सरकार को घेरने की कोशिश में लगे हैं। इस भारी विरोध और दबाव के बीच, चुनाव आयोग (Election Commission) ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए एसआईआर प्रक्रिया में एक बड़ा बदलाव किया है। आयोग ने उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल सहित 12 राज्यों में उन मतदाताओं को खोजने के लिए एक विशेष अभियान चलाने का फैसला किया है, जो अपने पते से स्थानांतरित हो चुके हैं या अनुपस्थित हैं।
संसद के शीतकालीन सत्र की शुरुआत से ही विपक्ष एसआईआर को लेकर हमलावर है। उनका आरोप है कि इस प्रक्रिया के जरिए जानबूझकर कुछ विशेष वर्गों के वोटरों को निशाना बनाया जा रहा है। आज भी संसद में विपक्षी सांसदों ने बैनर लेकर प्रदर्शन किया और जोरदार हंगामा किया।
लापता वोटरों की खोज के लिए विशेष अभियान
चुनाव आयोग ने एसआईआर के लिए बढ़ाई गई एक हफ्ते की समय सीमा के दौरान एक विशेष अभियान चलाने का निर्देश दिया है। अब 5 से 11 दिसंबर तक सभी 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में सिर्फ उन मतदाताओं की खोज की जाएगी जो अपने पते पर नहीं मिल रहे हैं या स्थानांतरित हो चुके हैं। आयोग ने बूथ लेवल ऑफिसर्स (BLO) को निर्देश दिया है कि वे राजनीतिक दलों के बूथ लेवल एजेंट्स (BLA) के साथ मिलकर घर-घर जाएं और ऐसे मतदाताओं की पहचान करें।
मकसद: किसी का भी नाम गलत तरीके से न कटे
आयोग का कहना है कि इस कदम का मकसद यह सुनिश्चित करना है कि मतदाता सूची से किसी भी पात्र व्यक्ति का नाम गलत तरीके से न कटे। अगर किसी का नाम कटने की कगार पर है, तो उसे समय रहते सत्यापित किया जा सके और उसे सही किया जा सके। आयोग ने स्पष्ट किया है कि एसआईआर का मुख्य काम 4 दिसंबर तक पूरा हो जाएगा, क्योंकि अब तक 88.31% भरे हुए गणना प्रपत्र डिजिटलाइज किए जा चुके हैं।
पश्चिम बंगाल में सबसे ज्यादा विरोध
एसआईआर को लेकर सबसे ज्यादा बवाल पश्चिम बंगाल में देखने को मिल रहा है। केंद्र सरकार के बयानों से यह संकेत मिल रहा है कि बिहार के बाद अब बंगाल उनका अगला लक्ष्य है, जिससे वहां की राज्य सरकार और तृणमूल कांग्रेस सतर्क हो गई है और एसआईआर का पुरजोर विरोध कर रही है। विपक्ष का आरोप है कि एसआईआर के बहाने वोटरों की छंटनी की जा रही है।
राज्यों में डिजिटलाइजेशन की स्थिति
आंकड़ों पर नजर डालें तो गोवा में 97% और राजस्थान में 97.17% गणना फॉर्म डिजिटलाइज हो चुके हैं। पश्चिम बंगाल में यह आंकड़ा 96.37% है, जबकि मध्य प्रदेश में 94.37%, छत्तीसगढ़ में 92.13% और तमिलनाडु में 91.39% काम पूरा हो चुका है। उत्तर प्रदेश में अभी तक 77.4% फॉर्म ही डिजिटलाइज हुए हैं।
अंतिम सूची 14 फरवरी को होगी जारी
चुनाव आयोग ने बताया है कि एसआईआर की बढ़ी हुई अवधि के बाद अब मसौदा मतदाता सूची (Draft Voter List) 16 दिसंबर को प्रकाशित की जाएगी। इसके बाद आपत्तियां ली जाएंगी और अंतिम मतदाता सूची का प्रकाशन 14 फरवरी को किया जाएगा। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि इस विशेष अभियान के बाद अंतिम सूची में कितने नाम जुड़ते हैं और कितनों पर कैंची चलती है।
मुख्य बातें (Key Points)
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चुनाव आयोग ने 12 राज्यों में ‘लापता मतदाताओं’ की खोज के लिए विशेष अभियान चलाने का फैसला किया।
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यह अभियान 5 से 11 दिसंबर तक चलेगा।
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बीएलओ अब बूथ लेवल एजेंटों के साथ मिलकर घर-घर सत्यापन करेंगे।
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एसआईआर के तहत 88% से ज्यादा डेटा डिजिटलाइज हो चुका है।
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अंतिम मतदाता सूची 14 फरवरी को जारी की जाएगी।





