LIC Adani Exposure: अगर आप भी देश की सबसे बड़ी बीमा कंपनी एलआईसी (LIC) के पॉलिसीधारक हैं या शेयर बाजार में रुचि रखते हैं, तो यह खबर आपके लिए बेहद महत्वपूर्ण है। संसद के शीतकालीन सत्र में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अदाणी ग्रुप में एलआईसी के निवेश को लेकर स्थिति पूरी तरह साफ कर दी है। सरकार के जवाब ने उन तमाम सवालों पर विराम लगा दिया है जो अक्सर निवेशकों के मन में उठते थे।
मई 2025 में किया 5000 करोड़ का निवेश
संसद में दी गई जानकारी के मुताबिक, एलआईसी ने इसी साल मई 2025 में अदाणी ग्रुप की कंपनी ‘अदाणी पोर्ट्स और स्पेशल इकोनॉमिक ज़ोन’ (Adani Ports and SEZ) में भारी-भरकम निवेश किया है। एलआईसी ने कंपनी द्वारा जारी किए गए 5000 करोड़ रुपये के सिक्योर्ड एनसीडीएस (NCDs) में पैसा लगाया है। यह निवेश यूं ही नहीं किया गया, बल्कि एलआईसी ने अपनी ‘ड्यू डिलिजेंस’ (पुख्ता जांच-पड़ताल) और एसओपी (SOPs) का कड़ाई से पालन करते हुए यह फैसला लिया है। यह खुलासा बताता है कि बीमा कंपनी को ग्रुप के बिजनेस मॉडल पर भरोसा है।
क्या सरकार देती है निवेश की सलाह?
अक्सर यह चर्चा होती है कि क्या एलआईसी के निवेश फैसलों में सरकार का कोई हाथ होता है? इस पर वित्त मंत्रालय ने संसद में साफ शब्दों में जवाब दिया है। सरकार के मुताबिक, वित्त मंत्रालय या कोई भी विभाग एलआईसी को यह निर्देश या सलाह नहीं देता कि उसे कहां पैसा लगाना चाहिए। एलआईसी अपने निवेश के फैसले पूरी तरह से स्वतंत्र रूप से लेती है। ये फैसले आईआरडीएआई (IRDAI), सेबी (SEBI) और आरबीआई (RBI) के नियमों के तहत ही लिए जाते हैं।
निवेश की होती है कई स्तर पर जांच
एलआईसी में आम लोगों का पैसा लगा होता है, इसलिए इसकी सुरक्षा के कड़े इंतजाम होते हैं। सरकार ने बताया कि एलआईसी के निवेश को कई स्तरों पर परखा जाता है। इसमें समवर्ती लेखा परीक्षक, वैधानिक लेखा परीक्षक, प्रणाली लेखा परीक्षक और आंतरिक सतर्कता दल शामिल होते हैं। इसके अलावा, बीमा नियामक आईआरडीएआई (IRDAI) भी समय-समय पर इसका निरीक्षण करता है। सरकार ने स्पष्ट किया कि एलआईसी के निवेश पर सीधा सरकारी नियंत्रण नहीं है।
कुल निवेश की मौजूदा स्थिति
संसद में पेश किए गए आंकड़ों में साल 2007 और 2025 के डाटा की तुलना भी की गई, जिसमें मौजूदा स्थिति काफी अलग बताई गई है। 30 सितंबर 2025 तक के आंकड़ों के मुताबिक, अदाणी समूह में एलआईसी का कुल निवेश 484 करोड़ रुपये बताया गया है। संसद में वित्त मंत्री के इस बयान के बाद अब निवेशकों और पॉलिसीधारकों के सामने एलआईसी और अदाणी ग्रुप के रिश्तों की तस्वीर पूरी तरह साफ हो गई है।
जानें पूरा मामला
संसद का शीतकालीन सत्र सोमवार से शुरू हो चुका है। इसी दौरान विपक्ष और आम लोगों के मन में एलआईसी द्वारा अदाणी ग्रुप में किए गए निवेश को लेकर कई सवाल थे। क्या यह पैसा सुरक्षित है? क्या सरकार के कहने पर यह पैसा लगाया गया? इन सभी सवालों के जवाब वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सदन के पटल पर रखे। उन्होंने स्पष्ट किया कि एलआईसी एक स्वतंत्र संस्था की तरह काम करती है और मई 2025 में उसने अदाणी पोर्ट्स में 5000 करोड़ का निवेश नियमों के तहत ही किया है।
मुख्य बातें (Key Points)
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एलआईसी ने मई 2025 में अदाणी पोर्ट्स में 5000 करोड़ रुपये का निवेश किया।
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सरकार ने स्पष्ट किया कि वह एलआईसी को निवेश संबंधी कोई निर्देश नहीं देती।
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एलआईसी के निवेश फैसले सेबी, आरबीआई और आईआरडीएआई के नियमों के तहत होते हैं।
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30 सितंबर 2025 तक अदाणी समूह में एलआईसी का कुल निवेश 484 करोड़ रुपये बताया गया।






