Winter Session of Parliament Update: संसद के शीतकालीन सत्र का आज पहला दिन हंगामे और सख्त संदेशों के बीच शुरू हुआ। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने प्रश्नकाल की शुरुआत करते ही सभी सांसदों को स्पष्ट शब्दों में चेताया कि सदन नारेबाजी और तख्तियां लहराने की जगह नहीं है। उन्होंने जोर देकर कहा कि जनता ने प्रतिनिधियों को अपनी समस्याएं उठाने के लिए चुना है, न कि कार्यवाही में बाधा डालने के लिए।
लोकतंत्र के मंदिर में पहले ही दिन अध्यक्ष ने मर्यादा और अनुशासन का पाठ पढ़ाया। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में सहमति और असहमति होना स्वाभाविक है, वैचारिक मतभेद भी हो सकते हैं, लेकिन इनका समाधान केवल संवाद और चर्चा से ही निकल सकता है।
‘नियोजित तरीके से सदन बाधित करना गलत’
ओम बिरला ने सांसदों से आग्रह किया कि वे सदन में अच्छी परंपराएं और परिपाटियां स्थापित करें। उन्होंने नाराजगी जताते हुए कहा कि नियोजित तरीके से (Planned manner) सदन की कार्यवाही को बाधित करना लोकतंत्र के लिए शुभ संकेत नहीं है। अध्यक्ष ने साफ किया कि नारेबाजी और विरोध प्रदर्शन के लिए सदन के बाहर बहुत मौके और जगह मौजूद हैं, लेकिन सदन के भीतर जनता की कठिनाइयों और चुनौतियों पर चर्चा होनी चाहिए।
‘प्रश्नकाल महत्वपूर्ण, इसे स्थगित न करें’
जब कुछ सदस्यों ने प्रश्नकाल के दौरान हंगामा शुरू किया, तो स्पीकर ने उन्हें अपनी सीटों पर बैठने का आग्रह किया। उन्होंने कहा, “आप वरिष्ठ नेता हैं, अपनी सीट पर विराजें और सदन को चलने दें।” बिरला ने प्रश्नकाल की महत्ता पर जोर देते हुए कहा कि यह समय सरकार से सवाल पूछने और नीतियों पर चर्चा करने का होता है। इसे स्थगित करने का प्रयास या इसमें बाधा डालना उचित नहीं है। उन्होंने भरोसा दिलाया कि वे हर सदस्य को अपनी बात रखने का पर्याप्त समय और अवसर देंगे।
बुंदेलखंड के लिए केन-बेतवा लिंक परियोजना का मुद्दा
सदन की कार्यवाही के दौरान प्रश्न संख्या एक के तहत सांसद अनुराग शर्मा ने बुंदेलखंड क्षेत्र के लिए महत्वपूर्ण केन-बेतवा नदी जोड़ो परियोजना का मुद्दा उठाया। उन्होंने सबसे पहले बिहार चुनाव में मिली ऐतिहासिक जीत और बुंदेलखंड को दी गई इस बड़ी सौगात के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का अभिनंदन किया। शर्मा ने इसे हिंदुस्तान की सबसे बड़ी परियोजनाओं में से एक बताया।
53 गांवों के लिए पानी की मांग
सांसद अनुराग शर्मा ने मंत्री से सवाल पूछा कि इस परियोजना के तहत उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के बुंदेलखंड क्षेत्र, विशेषकर झांसी के टैरोली क्षेत्र को कितना पानी आवंटित होगा। उन्होंने बताया कि उनके क्षेत्र में करीब 53 गांव ऐसे हैं, जहां पानी की भारी किल्लत है। इनमें परसा, भवनिया, रनियारा, तैरौली, टोड़ी और बिजना जैसे गांव शामिल हैं। सांसद ने मांग की कि अगर ‘डेड स्टोरेज’ से इन गांवों को पानी मिल जाए, तो वहां के किसानों और आम लोगों को बड़ी राहत मिलेगी क्योंकि अभी वहां खेती नहीं हो पा रही है। इसके साथ ही उन्होंने परियोजना पूरी होने की समय सीमा (Timeline) के बारे में भी जानकारी मांगी।
क्या है पृष्ठभूमि
संसद का शीतकालीन सत्र अक्सर हंगामेदार रहता है, जहां विपक्ष विभिन्न मुद्दों पर सरकार को घेरने की कोशिश करता है। पिछले सत्रों में भी तख्तियां दिखाने और नारेबाजी के चलते कार्यवाही कई बार स्थगित करनी पड़ी थी। इसी संदर्भ में लोकसभा अध्यक्ष ने सत्र के पहले ही दिन कड़ा रुख अपनाते हुए यह सुनिश्चित करने की कोशिश की है कि सदन की कार्यवाही सुचारू रूप से चले और जनता से जुड़े मुद्दों पर सार्थक चर्चा हो सके।
मुख्य बातें (Key Points)
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लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने सांसदों को नारेबाजी और तख्तियां न लाने की हिदायत दी।
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कहा- नियोजित तरीके से सदन को बाधित करना लोकतंत्र की अच्छी परंपरा नहीं है।
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सांसद अनुराग शर्मा ने केन-बेतवा लिंक परियोजना और बुंदेलखंड में पानी की समस्या उठाई।
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झांसी के 53 गांवों के लिए पानी के आवंटन और परियोजना की डेडलाइन पर सवाल पूछा गया।






