Hong Kong Building Fire बुधवार की दोपहर हांगकांग के टाइपो इलाके में एक मामूली धुएं के गुबार ने कुछ ही मिनटों में भयानक त्रासदी का रूप ले लिया। एक 32 मंजिला इमारत में लगी भीषण आग ने देखते ही देखते 44 लोगों की जान ले ली और 300 से ज्यादा लोग अभी भी लापता बताए जा रहे हैं। शहर के इतिहास में पिछले 30 सालों में ऐसा खौफनाक मंजर देखने को नहीं मिला था।
शुरुआत में आसमान पर हल्का धुआं देखकर लोगों को लगा कि मौसम बदल रहा है, लेकिन हकीकत बेहद डरावनी थी। आग इमारत के बाहरी हिस्से में लगी बांस की स्केफोल्डिंग (मचान) से शुरू हुई थी। तेज हवा और मरम्मत के काम के लिए लगाई गई नेटिंग ने आग में घी का काम किया और लपटें तेजी से ऊपर की ओर दौड़ने लगीं।
‘मोबाइल की फ्लैश लाइट से मांगते रहे मदद’
कुछ ही पलों में आग ने आसपास की सात और इमारतों को अपनी चपेट में ले लिया। आवासीय परिसर में फंसे लोग जान बचाने के लिए खिड़कियों और बालकनियों से बाहर झांककर चिल्ला रहे थे। धुएं और अंधेरे के बीच लोगों ने अपने मोबाइल की फ्लैश लाइट जलाकर मदद के संकेत दिए।
नीचे गिरता हुआ जलता मलवा लोगों को बाहर निकलने से रोक रहा था। फायर ब्रिगेड की टीमों ने मौके पर पहुंचकर बुजुर्गों को कंधों पर उठाकर बाहर निकाला। यह दृश्य इतना भयावह था कि देखने वालों की रूह कांप गई।
’44 मौतें और 300 लापता, मची चीख-पुकार’
आधिकारिक रिपोर्ट ने सभी को सन्न कर दिया है। इस अग्निकांड में अब तक 44 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है, जबकि 300 से ज्यादा लोग लापता हैं। लापता लोगों के परिजन रात भर सड़कों पर खड़े होकर जलती इमारत और धुएं को देखते रहे। उनकी आंखों में डर और उम्मीद का एक दर्दनाक संघर्ष चल रहा था।
‘फायरफाइटर की मौत, युद्ध जैसे हालात’
आग पर काबू पाने के लिए प्रशासन ने 140 फायर ट्रक और 60 एंबुलेंस तैनात कीं। सरकार ने इसे ‘लेवल फाइव अलर्ट’ यानी सबसे गंभीर आपात स्थिति घोषित कर दिया। इमारतों के भीतर तापमान इतना ज्यादा था कि दमकलकर्मी कुछ ही मिनटों में थककर बाहर आने को मजबूर थे।
ऊपर जाने के रास्ते धुएं और गिरती स्केफोल्डिंग ने बंद कर दिए थे। फायर सर्विस के डिप्टी डायरेक्टर ने बताया कि भीतर की गर्मी उन्हें घुसने नहीं दे रही थी। इस रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान एक बहादुर फायरफाइटर की भी जान चली गई। पुलिस और पैरामेडिक्स ने करीब 900 लोगों को निकालकर अस्थाई राहत केंद्रों में भेजा।
‘गैर-इरादतन हत्या के आरोप में 3 गिरफ्तार’
चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने इस घटना पर गहरा दुख जताते हुए श्रद्धांजलि दी है। शुरुआती जांच में पुष्टि हुई है कि आग बांस की स्केफोल्डिंग से शुरू हुई थी। स्थानीय मीडिया के मुताबिक, इस मामले में तीन लोगों को गैर-इरादतन हत्या के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। अभी भी सैकड़ों परिवार अस्पतालों के बाहर और लापता लोगों की सूची के सामने खड़े होकर अपनों की तलाश कर रहे हैं।
‘जानें पूरा मामला’
यह पूरा परिसर 1980 के दशक में बनाया गया था और हाल ही में यहां बड़े स्तर पर रिनोवेशन (मरम्मत) का काम चल रहा था। ऊंची इमारतों में मरम्मत के लिए बांस की स्केफोल्डिंग का इस्तेमाल हांगकांग में आम है, लेकिन यह कितना खतरनाक हो सकता है, इस घटना ने साबित कर दिया है। कई लोगों के लिए यह घटना 1996 की ‘कोबलून आग’ की यादें ताजा कर गई, जिसमें 41 लोगों की मौत हुई थी। लेकिन इस बार के हालात उससे कहीं ज्यादा दर्दनाक और जटिल हैं।
‘मुख्य बातें (Key Points)’
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हांगकांग की 32 मंजिला इमारत की बांस स्केफोल्डिंग में लगी आग ने 7 इमारतों को चपेट में लिया।
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आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार 44 लोगों की मौत हुई है और 300 से ज्यादा लोग लापता हैं।
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आग बुझाते समय एक फायरफाइटर की भी मौत हो गई; 900 लोगों को रेस्क्यू किया गया।
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मामले में लापरवाही के आरोप में तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है।






