Pauline Hanson Burqa Controversy ऑस्ट्रेलिया की संसद में उस वक्त अजीब स्थिति पैदा हो गई जब 71 साल की सांसद पॉलिन हसन बुर्का पहनकर सीनेट में दाखिल हो गईं। ‘नेशनल बुर्का बैन कैंपेन’ चला रहीं हसन के इस कदम पर संसद में भारी हंगामा हुआ, जिसके बाद उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की गई है। सीनेट ने एक निंदा प्रस्ताव (सेंसर मोशन) पारित कर उन्हें इस पूरे साल के लिए संसद की बैठकों से प्रतिबंधित कर दिया है।
पॉलिन हसन 24 नवंबर को काले रंग का बुर्का पहनकर संसद पहुंची थीं। उन्होंने तर्क दिया कि वह सार्वजनिक जगहों पर बुर्का और पूरे चेहरे को ढंकने वाले कपड़ों पर प्रतिबंध लगाने की मांग कर रही हैं, लेकिन उनके साथी सांसद इस विधेयक पर चर्चा करने को तैयार नहीं थे। इसलिए विरोध स्वरूप उन्होंने यह कदम उठाया।
‘माफी न मांगने पर हुई कड़ी कार्रवाई’
शुरुआत में हसन को उनकी इस हरकत के लिए 24 नवंबर को पूरे दिन के लिए निलंबित किया गया था। लेकिन जब उन्होंने इसके लिए माफी मांगने से इनकार कर दिया, तो 25 नवंबर को सीनेट ने उनके खिलाफ एक सेंसर मोशन पारित किया।
इस प्रस्ताव के तहत उन्हें लगातार सात बैठकों के लिए संसद से प्रतिबंधित कर दिया गया है। चूंकि सीनेट की बैठकें इस साल के लिए गुरुवार को खत्म हो रही हैं, इसलिए यह प्रतिबंध अगले साल फरवरी में संसद का सत्र दोबारा शुरू होने तक जारी रहेगा। हाल के वर्षों में किसी ऑस्ट्रेलियाई सांसद के खिलाफ यह सबसे बड़ी सजाओं में से एक मानी जा रही है।
‘जनता करेगी मेरे फैसले का आकलन’
इस प्रतिबंध पर प्रतिक्रिया देते हुए पॉलिन हसन ने कहा कि उनके फैसले का आकलन उनके साथी सांसद नहीं, बल्कि 2028 के चुनाव में जनता करेगी। उन्होंने अपनी कार्रवाई का बचाव करते हुए कहा कि “वे (अन्य सांसद) बुर्का बैन भी नहीं करना चाहते और मुझे वह पोशाक पहनकर संसद में आने भी नहीं देते हैं, जबकि संसद में कोई ड्रेस कोड नहीं है। यह सरासर दोहरा व्यवहार है।”
‘धर्म का मजाक उड़ाने का आरोप’
सरकार की सीनेट लीडर और मलेशिया में जन्मी गैर-मुस्लिम पेनी वोंग ने हसन के खिलाफ सेंसर मोशन पेश किया। उन्होंने कहा कि बुर्का पहनकर हसन ने पूरे धर्म का मजाक उड़ाया और उसे बदनाम किया है। उन्होंने कहा कि 2 करोड़ 80 लाख की आबादी वाले ऑस्ट्रेलिया में लगभग 10 लाख मुसलमान रहते हैं और हसन का यह “नफरत भरा तमाशा” सामाजिक एकता को नुकसान पहुंचाता है।
पाकिस्तान मूल की सीनेटर मेहरीन फारुकी ने कहा कि सीनेट में केवल दो मुस्लिम हैं, वे और अफगानिस्तान मूल की फातिमा पायमान। फारुकी ने कहा कि यह सेंसर मोशन देश में मौजूद प्रणालीगत नस्लवाद को चुनौती देने की शुरुआत होनी चाहिए। हिजाब पहनने वाली फातिमा पायमान ने भी हसन की हरकत को “अपमानजनक और शर्मनाक” बताया।
‘पहले भी विवादों में रही हैं हसन’
यह पहली बार नहीं है जब पॉलिन हसन बुर्का पहनकर संसद पहुंची थीं। इससे पहले 2017 में भी उन्होंने ऐसा ही किया था, हालांकि तब उन्हें कोई सजा नहीं दी गई थी। हसन अपने बयानों के लिए अक्सर चर्चा में रहती हैं। 1996 में अपनी पहली संसदीय स्पीच में उन्होंने कहा था कि एशियाई लोगों के लगातार यहां जुटने से ऑस्ट्रेलिया खतरे में है। ऑस्ट्रेलियन फेडरेशन ऑफ इस्लामिक काउंसिल्स ने उनके इस कदम को मुस्लिम प्रवासियों और अल्पसंख्यक समुदायों को निशाना बनाने वाले उनके व्यवहार का हिस्सा बताया है।
‘मुख्य बातें (Key Points)’
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ऑस्ट्रेलियाई सांसद पॉलिन हसन बुर्का पहनकर संसद पहुंचीं, जिसके बाद हंगामा हुआ।
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सीनेट ने निंदा प्रस्ताव पारित कर हसन को इस साल के लिए संसद से निलंबित कर दिया है।
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हसन का कहना है कि वह बुर्का बैन विधेयक पर चर्चा न होने के विरोध में ऐसा कर रही थीं।
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अन्य सांसदों ने इसे धर्म का मजाक उड़ाने वाला और सामाजिक एकता को नुकसान पहुंचाने वाला कदम बताया।






