Dopamine Addiction & Health News क्या आप हर कुछ मिनट में अपना फोन चेक करते हैं, भले ही कोई नोटिफिकेशन न आया हो? क्या 5 मिनट का ब्रेक कब 1 घंटे की रील स्क्रोलिंग में बदल जाता है, पता ही नहीं चलता? अगर हां, तो आप अकेले नहीं हैं। यह एक गंभीर समस्या की दस्तक हो सकती है। इसके साथ ही, हजारों किलोमीटर दूर फटे एक ज्वालामुखी की राख ने भारत के आसमान में डेरा डाल लिया है। क्या यह आपकी सांसों के लिए खतरा है? आइए, सेहत और विज्ञान के इस ताने-बाने को विस्तार से समझते हैं।
‘क्या आप भी हैं डोपामिन एडिक्शन के शिकार?’
सबसे पहले खुद से ये 5 सवाल पूछें:
-
क्या बिना नोटिफिकेशन के भी बार-बार फोन चेक करते हैं?
-
क्या 5 मिनट के लिए रील्स देखना शुरू करते हैं और घंटों बीत जाते हैं?
-
क्या जंक फूड या मीठा खाते ही मूड तुरंत ‘मस्त’ हो जाता है?
-
क्या ऐसी चीजें खरीद लाते हैं जिनकी जरूरत नहीं है (इंपल्सिव शॉपिंग)?
-
क्या काम या पढ़ाई करते वक्त कुछ न कुछ चबाने की आदत है?
अगर इनका जवाब ‘हां’ है, तो आपको ‘डोपामिन एडिक्शन’ हो सकता है।
‘खुशी का शॉर्टकट बन रहा मुसीबत’
डोपामिन एक हार्मोन और न्यूरोट्रांसमीटर (केमिकल मैसेंजर) है, जिसे ‘फील गुड हार्मोन’ भी कहा जाता है। इसका काम दिमाग के एक हिस्से से दूसरे हिस्से तक संदेश पहुंचाना है। जब हम कोई अच्छा काम करते हैं, जैसे एक्सरसाइज या अच्छी उपलब्धि, तो यह रिलीज होता है और हमें संतुष्टि देता है।
दिक्कत तब शुरू होती है जब हम इस खुशी को नेचुरल तरीके के बजाय ‘इंस्टेंट’ (तुरंत) पाना चाहते हैं। रील्स देखना, जंक फूड खाना या जुआ खेलना—ये सब डोपामिन रिलीज करने के शॉर्टकट्स हैं। दिमाग को इन शॉर्टकट्स की लत लग जाती है, जिसे डोपामिन एडिक्शन कहते हैं।
‘एंग्जायटी और डिप्रेशन का खतरा’
डॉक्टर्स के मुताबिक, लंबे समय तक इस एडिक्शन में रहने से एकाग्रता (Concentration) और मोटिवेशन खत्म होने लगती है। नींद कम आना, चिड़चिड़ापन और आगे चलकर एंग्जायटी या डिप्रेशन जैसे गंभीर लक्षण उभर सकते हैं।
इससे छुटकारा पाने का एकमात्र तरीका है ‘डिजिटल डिटॉक्स’। स्क्रीन से दूरी बनाएं, पुरानी हॉबीज (किताबें पढ़ना, गार्डनिंग) पर लौटें और दोस्तों-परिवार के साथ वक्त बिताएं। अगर आप अकेले इससे नहीं लड़ पा रहे, तो मनोचिकित्सक की मदद लेने में संकोच न करें।
‘भारत के ऊपर ज्वालामुखी की राख का बादल’
इथोपिया (अफ्रीका) में ‘हेलीगुब्बी’ (Heligubbi) नाम का ज्वालामुखी करीब 12,000 साल बाद 23 नवंबर को अचानक फट पड़ा। इससे निकली राख का एक विशाल बादल करीब 45,000 किलोमीटर का सफर तय कर भारत तक पहुंच गया है।
पश्चिम से बह रही हवाओं के कारण यह राख का बादल राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र, दिल्ली-एनसीआर और पंजाब से गुजरता हुआ चीन की तरफ बढ़ गया। दिल्ली वाले, जो पहले ही प्रदूषण से जूझ रहे हैं, इस खबर से और घबरा गए हैं।
‘क्या यह राख जानलेवा है?’
फोर्टिस हॉस्पिटल की डॉ. स्वाति महेश्वरी बताती हैं कि ज्वालामुखी की राख में पत्थर के बारीक कण, आयरन, मैग्नीशियम, सल्फर डाइऑक्साइड और कार्बन डाइऑक्साइड जैसी गैसें होती हैं। इसमें कांच जैसे महीन कण और पीएम 2.5 भी शामिल होते हैं।
राहत की बात यह है कि यह बादल भारत के आसमान में 10 से 18 किलोमीटर की ऊंचाई (जहां हवाई जहाज उड़ते हैं) से गुजरा है। हम जमीन के पास की हवा में सांस लेते हैं, इसलिए इसका सीधा असर कम है। हालांकि, इससे हवा की क्वालिटी थोड़ी खराब हो सकती है और आसमान में धुंध दिख सकती है। अस्थमा और दिल के मरीजों को N95 मास्क पहनने और एयर प्यूरीफायर इस्तेमाल करने की सलाह दी गई है।
‘सर्दियों में जरूर खाएं ये 3 सब्जियां’
सर्दियों में सेहतमंद रहने के लिए इन तीन हरी पत्तेदार सब्जियों को अपनी डाइट में जरूर शामिल करें:
-
पालक (Spinach): इसमें कैल्शियम, मैग्नीशियम और विटामिन ‘के’ होता है, जो हड्डियों को मजबूत बनाता है। इसके एंटीऑक्सीडेंट्स इम्युनिटी बढ़ाते हैं।
-
सावधानी: जिन्हें किडनी स्टोन है या खून पतला करने की दवा (Blood Thinners) ले रहे हैं, वे कम खाएं।
-
-
मेथी (Fenugreek): पोटैशियम से भरपूर मेथी बीपी कंट्रोल करती है और जोड़ों के दर्द में राहत देती है। इसका ‘ग्लाइसेमिक इंडेक्स’ कम होता है, जो डायबिटीज मरीजों के लिए वरदान है।
-
सावधानी: गर्भवती महिलाएं और पेट की गंभीर बीमारी वाले डॉक्टर की सलाह से खाएं।
-
-
सरसों (Mustard Greens): मक्के की रोटी और सरसों का साग सिर्फ स्वाद नहीं, सेहत का खजाना है। यह दिल का ख्याल रखता है और खून का बहाव सुधारता है।
-
सावधानी: थायराइड या किडनी स्टोन के मरीज इसका सेवन सीमित मात्रा में करें।
-
‘मुख्य बातें (Key Points)’
-
बार-बार फोन चेक करना और जंक फूड की तलब ‘डोपामिन एडिक्शन’ के संकेत हैं।
-
इथोपिया के ‘हेलीगुब्बी’ ज्वालामुखी की राख का बादल भारत के कई राज्यों के ऊपर से गुजरा है।
-
यह राख का बादल 10-18 किमी की ऊंचाई पर है, इसलिए जमीन पर इसका सीधा खतरा कम है।
-
सर्दियों में पालक, मेथी और सरसों खाने से इम्युनिटी और हड्डियां मजबूत होती हैं।






