West Bengal Voter List SIR: पश्चिम बंगाल की सियासत में एक बार फिर भूचाल आ गया है। चुनाव आयोग द्वारा चलाई जा रही स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) प्रक्रिया के तहत राज्य में कम से कम 14 लाख वोटरों के नाम मतदाता सूची से कटने का अनुमान है। बूथ लेवल अधिकारियों (BLO) की घर-घर जांच के बाद सामने आए इन आंकड़ों ने राज्य सरकार और आम जनता की नींद उड़ा दी है।
‘घर-घर सर्वे में हुआ बड़ा खुलासा’
बंगाल में 4 नवंबर 2025 से शुरू हुए इस विशेष पुनरीक्षण अभियान (SIR) में चौंकाने वाली जानकारियां सामने आई हैं। चुनाव आयोग के आंकड़ों के मुताबिक, 24 नवंबर तक कटने वाले नामों की संख्या 10 लाख थी, जो 26 नवंबर (बुधवार) तक बढ़कर 14 लाख हो गई। यह जानकारी बीएलओ द्वारा घर-घर जाकर फॉर्म बांटने और सत्यापन करने के दौरान मिली है।
हैरानी की बात यह है कि ड्राफ्ट लिस्ट से जिन नामों को हटाया जा रहा है, उनमें करीब 6 लाख 70 हजार लोग मृत पाए गए हैं। इसके अलावा बड़ी संख्या में फर्जी ट्रांसफर, गायब वोटर्स और ऐसे लोग मिले हैं जिनके नाम एक से ज्यादा बूथों पर दर्ज थे। कई मामलों में तो बीएलओ को तीन-चार बार जाने के बाद भी वोटर का पता नहीं चला क्योंकि उनका एड्रेस बदल चुका था।
‘मुर्दे भी लिस्ट में, पते भी गायब’
आयोग के मुताबिक, आने वाले दिनों में नाम कटने का यह आंकड़ा और बढ़ सकता है। असली तस्वीर सभी फॉर्म के डिजिटाइजेशन के बाद ही साफ होगी। जिन जिलों में सबसे ज्यादा गाज गिरने वाली है, उनमें उत्तर 24 परगना और दक्षिण कोलकाता सबसे आगे हैं। इसके बाद दक्षिण 24 परगना का नंबर आता है।
इस विशाल प्रक्रिया को अंजाम देने के लिए राज्य में 80,600 से ज्यादा बीएलओ, करीब 8000 सुपरवाइजर और हजारों रजिस्ट्रेशन अधिकारियों को लगाया गया है। दुखद पहलू यह है कि इस भारी दबाव वाले काम के दौरान अब तक राज्य में तीन बीएलओ की मौत भी हो चुकी है।
‘ममता बनर्जी का अल्टीमेटम: सड़कों पर उतरूंगी’
इतने बड़े पैमाने पर वोटरों के नाम कटने की खबर से मुख्यमंत्री ममता बनर्जी बेहद आक्रोश में हैं। उन्होंने सीधे तौर पर बीजेपी पर हमला बोलते हुए आरोप लगाया है कि पार्टी केंद्रीय चुनाव निकाय पर अपनी शर्तें थोप रही है। ममता ने चेतावनी दी है कि अगर एसआईआर प्रोसेस में किसी भी असली वोटर का नाम हटाया गया तो वह चुप नहीं बैठेंगी।
बीजेपी के बिहार कैंपेन की तरफ इशारा करते हुए ममता ने कहा कि वहां पड़ोसी राज्य में पार्टी का गेम कोई नहीं देख सकता, लेकिन बंगाल में ऐसा नहीं होने दिया जाएगा। उन्होंने साफ कहा कि अगर बंगाल में उनके लोगों को टारगेट किया गया तो वह पूरे देश में सड़कों पर उतरेंगी और बीजेपी को हिलाकर रख देंगी।
‘आम जनता क्या करे?’
अगर आप बंगाल में रहते हैं, तो यह खबर आपके लिए बेहद जरूरी है। एसआईआर प्रक्रिया 9 दिसंबर 2025 तक चलेगी, जब ड्राफ्ट वोटर लिस्ट प्रकाशित होगी। अगर इसमें आपका नाम नहीं है, तो आप क्लेम या ऑब्जेक्शन दाखिल कर सकते हैं। इसके लिए अपने आधार कार्ड, बिजली बिल और राशन कार्ड जैसे दस्तावेज तैयार रखें और अपने बीएलओ से संपर्क करें।
जानें पूरा मामला
पश्चिम बंगाल में 4 नवंबर 2025 से मतदाता सूची का विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) शुरू किया गया था। पहले चरण में 18 लाख से ज्यादा फॉर्म बांटे गए। राज्य के करीब 7 करोड़ 60 लाख मतदाताओं को कवर करने वाले इस अभियान की फाइनल वोटर लिस्ट 7 फरवरी 2026 को जारी होने की योजना है। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट में इस प्रक्रिया की वैधता को लेकर 9 दिसंबर 2025 को सुनवाई भी होनी है।
मुख्य बातें (Key Points)
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बंगाल में एसआईआर के तहत करीब 14 लाख वोटरों के नाम कटने का अनुमान है।
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जांच में 6.70 लाख वोटर मृत पाए गए और कई फर्जी पते मिले।
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सबसे ज्यादा नाम उत्तर 24 परगना और दक्षिण कोलकाता से कटने की संभावना है।
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ममता बनर्जी ने असली वोटर्स का नाम हटाने पर देशव्यापी आंदोलन की चेतावनी दी है।






