PM Awas Yojana Kist चुनाव के कारण लंबे समय से रुके हुए प्रधानमंत्री आवास योजना (PM Awas Yojana) के काम में अब तेजी आ गई है। बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की आचार संहिता समाप्त होने के बाद केंद्र सरकार की इस महत्वाकांक्षी योजना के तहत लाभार्थियों को नई किस्तें और घर निर्माण के लिए नए लक्ष्य जल्द ही आवंटित किए जाएंगे।
केंद्र सरकार द्वारा ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के उन लोगों के लिए पीएम आवास योजना शुरू की गई है, जिनके पास अपना घर नहीं है। यह योजना लाखों आवासहीन परिवारों को छत मुहैया कराने की दिशा में एक बड़ा प्रयास है।
चुनाव के कारण रुका था काम
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की घोषणा के बाद लगी आचार संहिता की वजह से इस योजना का काम बीच में ही रुक गया था। मई में कराए गए सर्वे के सत्यापन का काम अधूरा रह गया था।
इस कारण न केवल नए आवास निर्माण के लक्ष्यों के निर्धारण का काम रुका, बल्कि उन मकानों के लिए नई किस्त जारी करने का काम भी रुक गया था, जिनका निर्माण पहले से चल रहा था। इससे उन परिवारों की चिंता बढ़ गई थी, जो अपने अधूरे सपनों के घर को पूरा करने का इंतज़ार कर रहे थे।
जांच के लिए बनी जिला स्तरीय टीम
चुनाव की प्रक्रिया पूरी होने के बाद, अब ग्रामीण विकास विभाग के निर्देश पर काम फिर से शुरू हो गया है। जिला स्तर पर टीमों का गठन किया जा रहा है, जिनकी मुख्य जिम्मेदारी प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना के तहत कराए गए सर्वे की जांच करना है।
जांच टीम अपनी रिपोर्ट मुख्यालय भेजेगी, जिसके आधार पर ही जिले को नए लक्ष्य आवंटित किए जाएंगे और फिर किस्त जारी की जाएगी। जिन मकानों का निर्माण अभी अधूरा है, उनके लिए भी अगली किस्त इसी प्रक्रिया के तहत जारी की जाएगी।
सर्वे में मिली थी त्रुटि, अब होगा सुधार
इस वर्ष मई में बिहार के सभी जिलों में पीएम आवास योजना को लेकर सर्वे का काम कराया गया था। मुजफ्फरपुर जिले से 4 लाख से अधिक लाभार्थियों के नाम सूची में शामिल करने की रिपोर्ट मुख्यालय भेजी गई थी।
जब इस रिपोर्ट की विभिन्न स्तरों पर जांच शुरू हुई, तो पता चला कि सेल्फ सर्वे के दौरान कई स्तरों पर त्रुटियां रह गई थीं। इन कमियों को दूर करने के लिए प्रखंड और जिला स्तर पर विशेषज्ञों की टीम का गठन किया गया है। इन टीमों की रिपोर्ट मिलते ही लक्ष्य का आवंटन तय कर दिया जाएगा और उसके अनुसार किस्त जारी हो सकेगी।
क्या है पृष्ठभूमि
केन्द्र और राज्य सरकारें लगातार ग्रामीण और शहरी दोनों जगहों के आवासहीनों को छत उपलब्ध कराने की दिशा में प्रयास कर रही हैं। मुजफ्फरपुर के आंकड़ों की बात करें तो, साल 2017-18 के दौरान जिले को 1 लाख आवास निर्माण का लक्ष्य दिया गया था, जिसमें से 99% कार्य पूरा हो चुका है। जहां केंद्र की सूची में सभी लाभुक नहीं आ पाते हैं, उन्हें मुख्यमंत्री आवास योजना से जोड़कर लाभ दिया जा रहा है, और जहां जमीन की समस्या है, वहां जमीन भी उपलब्ध कराई जा रही है। मंत्रियों के विभागों का बंटवारा होने के बाद इस काम में और अधिक तेजी आने की उम्मीद है।
मुख्य बातें (Key Points)
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बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के बाद पीएम आवास योजना की रुकी हुई प्रक्रिया फिर से शुरू हो गई है।
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ग्रामीण विकास विभाग के निर्देश पर जिला स्तर पर टीमें मई में हुए सर्वे की त्रुटियों को दूर करने के लिए जांच कर रही हैं।
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जांच रिपोर्ट मुख्यालय भेजे जाने के बाद ही जिलों को नए लक्ष्य आवंटित होंगे और लंबित किस्तें जारी की जाएंगी।
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मुजफ्फरपुर जिले में 4 लाख से अधिक लाभार्थियों की रिपोर्ट तैयार की गई थी, जिसमें त्रुटि पाई गई थी।






