West Bengal BJP Strategy बिहार में सफलता हासिल करने के बाद भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने अब अपना चुनावी फोकस पूरी तरह पश्चिम बंगाल में कर दिया है। राज्य में कमल खिलाने का वर्षों पुराना सपना पूरा करने के लिए भाजपा इस बार एक नई और माइक्रो-लेवल रणनीति के साथ चुनावी मैदान में उतरेगी, जिसमें तृणमूल कांग्रेस (TMC) के नेताओं के बजाय उनके कार्यकर्ताओं को साधने पर जोर दिया जाएगा।
टीएमसी के भीतर CM ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी के उत्थान को लेकर नाराजगी है। केंद्रीय नेताओं के मुताबिक, ममता के करीबियों में भी अभिषेक बनर्जी को लेकर असंतोष है, जिसके चलते चुनाव नजदीक आते-आते टीएमसी के कई नेता पाला बदल सकते हैं।
‘थोक नेताओं’ से ज्यादा ‘कार्यकर्ताओं’ पर ध्यान
पार्टी की नई रणनीति के तहत, इस बार भाजपा का ध्यान थोक में टीएमसी नेताओं को पार्टी में शामिल कराने के बजाय जमीनी स्तर के कार्यकर्ताओं को साधने पर है। पार्टी नेताओं के बदले अब बूथ स्तर के कार्यकर्ताओं को भाजपा में शामिल कराने पर ध्यान दिया जाएगा, ताकि संगठन को मजबूत किया जा सके।
बंगाल में 45% वोट का लक्ष्य
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पार्टी रणनीतिकारों के मुताबिक, टीएमसी से पार पाने के लिए भाजपा को राज्य में कम से कम 45% वोटों की जरूरत है।
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बीते लोकसभा चुनाव में पार्टी को करीब 39% वोट मिले थे, जबकि 2021 के विधानसभा चुनाव में यह आंकड़ा 38% था। 2019 के लोकसभा चुनाव में पार्टी ने सर्वाधिक 40.25% वोट हासिल किए थे।
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पार्टी को उम्मीद है कि महिलाओं के खिलाफ राज्य में हुई कई गंभीर घटनाओं और कई हिस्सों में जनसांख्यिकी बदलाव से उपजी नाराजगी के कारण इस बार उसके वोट बैंक में उछाल आएगा। उसे मुस्लिम वोटों के ध्रुवीकरण के जवाब में बहुसंख्यकों के समानांतर ध्रुवीकरण का लाभ मिलेगा।
‘बाहरी’ दांव का जवाब और Micro Level तैयारी
बीजेपी इस बार टीएमसी के ‘भाजपा के बाहरी होने’ के दांव का जवाब जनसंघ के संस्थापक डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी के जरिए देगी। चुनाव में पार्टी स्थानीय रणनीति के साथ स्थानीय नेताओं पर ज्यादा भरोसा जताएगी।
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ममता बनर्जी के किले को ध्वस्त करने के लिए बीजेपी अब एक नई टीम बनाने जा रही है, जो विधानसभा सीटों पर माइक्रो लेवल पर काम करेगी।
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पार्टी छत्तीसगढ़, हिमाचल, हरियाणा और कर्नाटक के नेताओं को मैदान में उतारने की योजना बना रही है, जिनके पास संगठन चलाने और चुनाव जीतने का अनुभव है।
जानें TMC का पिछला रिकॉर्ड
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294 सीटों वाली पश्चिम बंगाल विधानसभा में जीत का मैजिक नंबर 148 है।
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पिछले विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने 38% वोट के साथ 77 सीटें जीती थीं।
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वहीं, तृणमूल कांग्रेस ने 48% वोट प्रतिशत के साथ 215 सीटें हासिल कर जीत की हैट्रिक लगा दी थी।
मुख्य बातें (Key Points)
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पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा ने थोक में टीएमसी नेताओं को पार्टी में शामिल कराने के बजाय जमीनी कार्यकर्ताओं को साधने की नई रणनीति अपनाई है।
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पार्टी का लक्ष्य राज्य में 45% वोट हासिल करना है, जिसके लिए वह माइक्रो लेवल पर काम करेगी।
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सीएम ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी के उत्थान को लेकर टीएमसी नेताओं में नाराजगी को भाजपा भुनाने की कोशिश में है।
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टीएमसी के ‘बाहरी’ दांव का जवाब देने के लिए भाजपा जनसंघ के संस्थापक डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी के नाम का इस्तेमाल करेगी।






