Sambhal Violence Survey Anniversary उत्तर प्रदेश के संभल में जामा मस्जिद सर्वे के दौरान हुए बवाल को आज एक साल पूरा हो गया है। इस वर्षगांठ के मौके पर कोई भी व्यक्ति सार्वजनिक रूप से जश्न या शोक न मनाए, इसे लेकर पुलिस और प्रशासन पूरी तरह सतर्क है और पूरे शहर को हाई अलर्ट पर रखा गया है। शहर में पुलिस के साथ पीएसी (PAC) और आरआरएफ (RRF) को भी तैनात किया गया है।
जामा मस्जिद के आसपास ड्रोन से निगरानी
रविवार को दिन भर पुलिस की निगरानी बनी रही और जामा मस्जिद के आसपास के पूरे इलाके की निगरानी ड्रोन कैमरों से की गई। एएसपी कुलदीप सिंह सत्यव्रत ने पुलिस चौकी में बने सीसीटीवी कैमरों के कंट्रोल रूम का भी निरीक्षण किया, ताकि सभी क्रियाशील कैमरों की स्थिति की जानकारी रहे।
सोशल मीडिया पर रखी जा रही सख्त नजर
एसपी कृष्ण कुमार बिश्नोई ने बताया कि पुलिस की एक टीम सोशल मीडिया पर लगातार निगरानी कर रही है। उन्होंने साफ चेतावनी दी कि अगर किसी ने शोक या फिर जश्न को लेकर कोई भी आपत्तिजनक पोस्ट की, तो उस पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
फ्लैग मार्च से लोगों में विश्वास पैदा करने की कोशिश
संभल के डीएम राजेंद्र पसिया ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि फ्लैग मार्च एक नियमित प्रशासनिक प्रक्रिया का अंग है। उन्होंने कहा कि पुलिस और प्रशासन की टीम नियमित रूप से फ्लैग मार्च करती है, जिससे लोगों में पुलिस और प्रशासन के प्रति सुरक्षा और विश्वास की भावना पैदा होती है। एसपी कृष्ण कुमार बिश्नोई ने भी कहा कि आज का फ्लैग मार्च लोगों में सुरक्षा की भावना पैदा करने के लिए किया जा रहा है और पुलिस रास्ते में लोगों से बातचीत भी कर रही है ताकि अगर किसी को कोई चिंता है या वह अपनी बात व्यक्त करना चाहता है, तो वह बता सके।
जानें पिछले साल क्या हुआ था
गौरतलब है कि बीते साल 24 नवंबर की सुबह करीब 7 बजे जामा मस्जिद सर्वे के लिए कोर्ट कमिश्नर रमेश सिंह राघव मौके पर पहुंचे थे। करीब 9 बजे भीड़ उग्र हो गई थी और देखते ही देखते पथराव और आगजनी की गई। इस दौरान फायरिंग भी की गई, जिसमें पांच लोगों की जान चली गई थी।
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पुलिस प्रशासन के अधिकारियों ने जामा मस्जिद के नजदीक बवाल पर काबू पाया, तो हिंदूपुरा खेड़ा में भीड़ ने हमला कर दिया था।
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24 नवंबर को हुए बवाल के बाद संभल कोतवाली और नखासा थाने में कुल 12 एफआईआर दर्ज की गई थीं।
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इसमें 2,750 आरोपी बनाए गए थे, जिनमें 40 नामजद किए गए थे।
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हिंसा भड़कने के बाद कुल 13 मुकदमे लिखे गए और कई लोगों को जेल भेजा गया था।
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इस घटना के बाद शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए चौकियों की स्थापना भी की गई है।
मुख्य बातें (Key Points)
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संभल में जामा मस्जिद सर्वे हिंसा की पहली वर्षगांठ पर पूरे शहर में पुलिस, पीएसी और आरआरएफ तैनात है।
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जामा मस्जिद के आसपास के इलाके की निगरानी ड्रोन कैमरों और सीसीटीवी कंट्रोल रूम से की जा रही है।
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पुलिस सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक पोस्ट करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी है।
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डीएम ने कहा कि फ्लैग मार्च लोगों में सुरक्षा और विश्वास की भावना पैदा करने के लिए एक नियमित प्रशासनिक प्रक्रिया है।
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पिछले साल हुई हिंसा में पांच लोगों की जान चली गई थी और 12 एफआईआर दर्ज की गई थीं, जिसमें 2750 लोगों को आरोपी बनाया गया था।






