Operation Sindoor China Pakistan : भारत के खिलाफ चीन अब परदे के पीछे से बड़ा षड्यंत्र रच रहा है। एक अमेरिकी आयोग की वार्षिक रिपोर्ट में गंभीर और चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं, जिनके अनुसार मई में भारत के ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान चीन ने जमकर पाकिस्तान की मदद की और उसे हथियार मुहैया कराए। इस मदद के पीछे चीन का मकसद दुनिया में अपने हथियारों की टेस्टिंग करना और अपने लड़ाकू विमानों की बिक्री के लिए भारत के अत्याधुनिक राफेल (Rafale) जेट को बदनाम करना था।
चीन ने पाकिस्तान को क्यों दिए हथियार?
यूएस-चाइना इकोनॉमिक एंड सिक्योरिटी रिव्यू कमीशन (US-China Economic and Security Review Commission) की रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन ने चार दिनों तक चले इस संघर्ष का पूरा लाभ उठाया और अपने हथियारों का परीक्षण किया [01:51]। चीन का सीधा मकसद यह था कि वह दुनिया भर में अपने हथियारों के बाजार को बढ़ाए और ज्यादा पैसा कमाए।
चीन ने पाकिस्तान को कई आधुनिक हथियार प्रणालियां मुहैया कराईं:
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H-9 वायु रक्षा प्रणाली
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PL-15 हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइल
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J-10 लड़ाकू विमान
इसके अलावा, जून में भी चीन ने पाकिस्तान को 40 J-35 पांचवी पीढ़ी के लड़ाकू विमान और बैलिस्टिक मिसाइल रक्षा प्रणाली बेचने की पेशकश की थी [02:54]।
राफेल को बदनाम करने के लिए AI का सहारा
रिपोर्ट के अनुसार, चीन ने राफेल लड़ाकू विमान को बदनाम करने के लिए एक बड़ा दुष्प्रचार अभियान शुरू किया। चीन ने फर्जी सोशल मीडिया अकाउंट्स का इस्तेमाल किया और AI वीडियो गेम की तस्वीरों को प्रचारित किया [02:08]। इन फर्जी तस्वीरों में चीन के हथियारों द्वारा नष्ट किए गए विमानों के कथित मलबे को दिखाया गया था। चीन यह झूठ इसलिए फैला रहा था, ताकि राफेल की विश्वसनीयता कम हो और वह अपने J-35 लड़ाकू विमान को दुनिया के बाजारों में ज्यादा बेच सके [04:04]।
फ्रांसीसी खुफिया जानकारी के मुताबिक, चीन ने अपने J-35 के पक्ष में फ्रांसीसी राफेल की बिक्री में बाधा डालने के लिए एक दुष्प्रचार अभियान शुरू किया था। इतना ही नहीं, चीनी दूतावास के अधिकारियों ने इंडोनेशिया को भी राफेल जेट की पहले से चल रही खरीद को रोकने के लिए मना किया था [04:35]।
पर्दे के पीछे की दोस्ती और साजिश
यह रिपोर्ट दिखाती है कि चीन, जो सीधे तौर पर युद्ध नहीं लड़ता है, वह पर्दे के पीछे से एक स्क्रिप्ट रचता है, जिसमें पाकिस्तान का इस्तेमाल किया जाता है [05:20]। चीन और पाकिस्तान की यह दोस्ती भारत के खिलाफ कोई न कोई षड्यंत्र रचती रहती है। चीन ने पाकिस्तान का इस्तेमाल करके अपने हथियार बाजार को बढ़ाने की कोशिश की, जिसका सीधा असर भारत की सुरक्षा और उसके रक्षा सौदों पर पड़ता है। इस दुष्प्रचार के कारण भारत में भी कई लोगों ने राफेल को लेकर सवाल खड़े किए थे [03:43]।
क्या है पृष्ठभूमि
पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को अंजाम दिया था। इसी दौरान पाकिस्तान का इस्तेमाल करके चीन ने अपने हथियार बाजारों की पहुँच बढ़ाने की कोशिश की। चीन का मकसद भारत के सबसे अत्याधुनिक लड़ाकू विमान राफेल की ‘क्रेडिबिलिटी’ को डाउन करना था, ताकि दुनिया के अन्य देश राफेल के बजाय उसके J-35 जैसे लड़ाकू विमान खरीदें।
मुख्य बातें (Key Points)
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अमेरिकी आयोग की रिपोर्ट के अनुसार, चीन ने भारत के ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान पाकिस्तान को H-9, PL-15 और J-10 जैसे आधुनिक हथियार दिए।
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चीन का मकसद पाकिस्तान का इस्तेमाल कर अपने हथियारों का परीक्षण करना और वैश्विक बाजार को बढ़ाना था।
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चीन ने फर्जी सोशल मीडिया अकाउंट्स और AI वीडियो का इस्तेमाल कर भारत के राफेल लड़ाकू विमान को बदनाम करने की कोशिश की।
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रिपोर्ट में कहा गया है कि चीनी अधिकारियों ने इंडोनेशिया को भी राफेल जेट की खरीद रोकने के लिए मना किया था।






