WhatsApp Data Leak: क्या आपके पास भी अनजान नंबरों से मैसेज आ रहे हैं? अगर हां, तो सावधान हो जाइए। मेटा (Meta) की एक बड़ी लापरवाही के चलते दुनिया भर के 3.5 अरब लोगों की डिजिटल पहचान खतरे में पड़ गई है। एक नई रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि व्हाट्सएप की एक खामी की वजह से हैकर्स के पास आम यूजर्स का डेटा पहुंच चुका है।
इस पूरे मामले की शुरुआत ऑस्ट्रिया के वियना से हुई, जहां सिक्योरिटी रिसर्चर्स ने एक चौंकाने वाली रिपोर्ट पेश की। इस रिपोर्ट ने मेटा के पूरे सुरक्षा तंत्र पर सवाल खड़े कर दिए हैं। रिसर्चर्स के मुताबिक, व्हाट्सएप में ‘कांटैक्ट डिस्कवरी फ्लॉ’ (Contact Discovery Flaw) नाम की एक बेहद साधारण लेकिन खतरनाक खामी थी। यह खामी पिछले 8 साल से मौजूद थी, लेकिन कंपनी ने इसे ठीक करने की जहमत नहीं उठाई।
क्या है ‘कांटैक्ट डिस्कवरी फ्लॉ’?
यह खामी इतनी बेसिक थी कि कोई भी हैकर एक साधारण सी स्क्रिप्ट बनाकर कुछ ही घंटों में करोड़ों फोन नंबर व्हाट्सएप सर्वर को भेज सकता था। इसके जवाब में व्हाट्सएप का सर्वर खुद-ब-खुद बता देता था कि कौन सा नंबर असली है, उस यूजर की प्रोफाइल फोटो (DP) क्या है और वह आखिरी बार कब ऑनलाइन था। इसी खामी का फायदा उठाकर रिसर्चर्स ने आसानी से 3.5 बिलियन यूजर्स का डेटा निकाल लिया।
हैकिंग नहीं, यह है ‘स्क्रैपिंग’
तकनीकी भाषा में इसे ‘हैकिंग’ नहीं बल्कि ‘स्क्रैपिंग’ (Scraping) कहा जाता है। इसमें आपकी चैट या इंक्रिप्शन तो सुरक्षित रहता है, लेकिन आपका मोबाइल नंबर एक वेरिफाइड डिजिटल आईडी बन जाता है। जब यह डेटा डार्क वेब या ब्लैक मार्केट में पहुंचता है, तो इसकी कीमत कई गुना बढ़ जाती है। यही कारण है कि भारत में अचानक डिजिटल अरेस्ट फ्रॉड, स्कैम कॉल और पार्ट टाइम जॉब के फर्जी ऑफर्स की बाढ़ आ गई है।
मेटा की 8 साल पुरानी लापरवाही
सबसे बड़ा सवाल यह है कि जब 2017 में ही रिसर्चर्स ने मेटा को इस खामी के बारे में बता दिया था, तो इसे 8 साल तक ठीक क्यों नहीं किया गया? क्या यह सिर्फ लापरवाही थी या यूजर्स की सुरक्षा मेटा के लिए प्राथमिकता नहीं है? मेटा का कहना है कि अब उन्होंने इस खामी को ठीक कर दिया है, लेकिन जो डेटा पहले ही लीक होकर डार्क वेब पर पहुंच चुका है, उसका क्या होगा? खतरा अभी भी टला नहीं है।
बचाव के लिए तुरंत बदलें ये सेटिंग्स
इस खतरे से बचने के लिए आपको तुरंत अपनी व्हाट्सएप सेटिंग्स में बदलाव करना चाहिए। अपनी प्रोफाइल फोटो और ‘अबाउट’ सेक्शन को ‘एवरीवन’ (Everyone) से हटाकर ‘माय कॉन्टैक्ट्स’ (My Contacts) पर सेट करें। इसके अलावा, ‘साइलेंस अननोन कॉलर्स’ (Silence Unknown Callers) फीचर को ऑन करें और टू-स्टेप वेरिफिकेशन (Two-Step Verification) जरूर इनेबल करें। याद रखें, डिजिटल दुनिया में दरवाजा खुला छोड़ना चोरों को दावत देने जैसा है।
‘जानें पूरा मामला’
नवंबर 2025 में आई एक रिपोर्ट ने खुलासा किया कि व्हाट्सएप के सिस्टम में मौजूद एक बग के कारण बिना किसी हैकिंग के यूजर्स का डेटा निकाला जा रहा था। यह समस्या एक दिन या महीने की नहीं, बल्कि पिछले 8 सालों से चल रही थी, जिसने अब अरबों लोगों की प्राइवेसी को खतरे में डाल दिया है।
मुख्य बातें (Key Points)
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मेटा की लापरवाही से 3.5 अरब व्हाट्सएप यूजर्स का डेटा खतरे में।
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‘कांटैक्ट डिस्कवरी फ्लॉ’ के जरिए 8 साल तक लीक होता रहा डेटा।
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हैकर्स ने प्रोफाइल फोटो, ऑनलाइन स्टेटस और वेरिफाइड नंबर चुराए।
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बचाव के लिए यूजर्स तुरंत अपनी प्राइवेसी सेटिंग्स बदलें।






