PSU Bank Merger: बैंकिंग सेक्टर में एक बार फिर बड़ी हलचल की तैयारी शुरू हो चुकी है। प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) जल्द ही सरकारी बैंकों के भविष्य को लेकर एक अहम और बड़े प्रस्ताव की समीक्षा करने वाला है। आम बजट से पहले होने वाली इस समीक्षा बैठक में बैंकों के मर्जर और निजीकरण जैसे मुद्दों पर अंतिम मुहर लग सकती है, जो देश के वित्तीय ढांचे को पूरी तरह बदल कर रख देगा।
‘क्या है सरकार का नया प्लान’
बिहार चुनाव खत्म होते ही केंद्र सरकार अब आर्थिक सुधारों (Policy Reform) की गाड़ी को तेज करने में जुट गई है। वित्तीय सेवा विभाग ने सरकारी बैंकों में सुधार के लिए एक विस्तृत प्रस्ताव तैयार किया है, जिस पर अब प्रधानमंत्री कार्यालय विचार करेगा।
इस नए प्रस्ताव में तीन मुख्य बिंदुओं पर जोर दिया गया है। पहला, सरकारी बैंकों का नए सिरे से मर्जर करना। दूसरा, बैंक बोर्ड की स्वायत्तता (autonomy) को बढ़ाना और तीसरा, विदेशी निवेश (FDI) की सीमा में बढ़ोतरी करना। रिपोर्ट के मुताबिक, सरकार पीएसयू बैंकों में मौजूदा 20% एफडीआई लिमिट को बढ़ाकर 39% करने की योजना बना रही है।
‘मकसद: ग्लोबल रैंकिंग में जगह बनाना’
सरकार के इस कदम के पीछे एक बड़ा और महत्वाकांक्षी लक्ष्य है। लगभग 6 साल के लंबे अंतराल के बाद शुरू हो रही इस कवायद का मुख्य मकसद भारत के कम से कम दो सरकारी बैंकों को दुनिया के टॉप 20 बैंकों की लिस्ट में शामिल करना है।
इसके लिए ‘इंटर-मिनिस्ट्रियल कंसल्टेशन’ (अंतर-मंत्रालयी परामर्श) लगभग पूरा हो चुका है। उम्मीद जताई जा रही है कि पीएमओ की समीक्षा के बाद, बजट सत्र से पहले ही इस पर कोई बड़ा और ठोस फैसला ले लिया जाएगा। अगर ऐसा होता है, तो यह भारतीय बैंकिंग इतिहास का एक और बड़ा अध्याय होगा।
‘शेयर बाजार में भारी उत्साह’
इन खबरों के बीच शेयर बाजार, खास तौर पर सरकारी बैंकों के शेयरों में जबरदस्त उत्साह देखने को मिल रहा है। मार्केट एनालिस्ट्स का मानना है कि मर्जर से बैंकों की बैलेंस शीट मजबूत होगी और वे लोन की बढ़ती मांग को पूरा करने में ज्यादा सक्षम हो पाएंगे।
पिछले तीन महीनों में ही एसबीआई (SBI), पीएनबी (PNB) और बैंक ऑफ बड़ौदा जैसे प्रमुख सरकारी बैंकों के शेयरों में 20% से ज्यादा की तेजी देखी गई है। इसमें सबसे खास बात यह है कि स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) के शेयर ने तो अपना ‘ऑल टाइम हाई’ (All Time High) रिकॉर्ड भी बना लिया है। अगर पीएमओ से इन प्रस्तावों को हरी झंडी मिलती है, तो निवेशकों को आने वाले दिनों में और भी बड़ी तेजी देखने को मिल सकती है।
‘जानें पूरा मामला’
यह पहली बार नहीं है जब सरकार बैंकों के मर्जर पर काम कर रही है। इससे पहले साल 2017 और फिर 2019-20 में सरकार ने बड़े स्तर पर सरकारी बैंकों का विलय किया था। इन मर्जरों का ही नतीजा है कि देश में पब्लिक सेक्टर बैंकों (PSU Banks) की संख्या जो कभी 27 हुआ करती थी, वह अब घटकर सिर्फ 12 रह गई है। अब सरकार की नई योजना चुनिंदा सरकारी बैंकों के निजीकरण और बचे हुए बैंकों को और अधिक मजबूत बनाने की है, ताकि वे वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा कर सकें।
‘मुख्य बातें (Key Points)’
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पीएमओ आम बजट से पहले सरकारी बैंकों के मर्जर और सुधार के प्रस्तावों की समीक्षा करेगा।
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सरकार पीएसयू बैंकों में एफडीआई लिमिट 20% से बढ़ाकर 39% करने पर विचार कर रही है।
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मकसद भारत के दो बैंकों को दुनिया के टॉप 20 बैंकों में शामिल करना है।
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खबरों के बीच SBI ने शेयर बाजार में अपना ‘ऑल टाइम हाई’ रिकॉर्ड बनाया है।






