How to Make a Will for Women : संपत्ति को लेकर होने वाले पारिवारिक झगड़े आज एक आम बात हो गई है। अक्सर जानकारी के अभाव में लोग अपनी कमाई और जायदाद का सही बंटवारा नहीं कर पाते, जिसका खामियाजा उनके जाने के बाद परिवार को भुगतना पड़ता है। इसी को देखते हुए कानूनी विशेषज्ञों ने ‘वसीयत’ (Will) बनाने को लेकर कुछ बेहद अहम नियम बताए हैं, जो हर महिला और पुरुष के लिए जानना जरूरी है।
चल-अचल संपत्ति का पूरा ब्योरा जरूरी
कानूनी विशेषज्ञ आशुतोष जी के मुताबिक, वसीयत किसी भी उम्र या चरण में बनाई जा सकती है। इसे बनाते समय सबसे जरूरी है अपनी संपत्ति का स्पष्ट वर्गीकरण करना। ‘मूवेबल प्रॉपर्टी’ (चल संपत्ति) जैसे बैंक अकाउंट, फिक्स्ड डिपॉजिट (FD), शेयर, डिबेंचर, म्यूचुअल फंड और गाड़ियों का पूरा ब्योरा वसीयत में लिखा होना चाहिए। ठीक इसी तरह ‘इमूवेबल प्रॉपर्टी’ (अचल संपत्ति) जैसे फ्लैट, जमीन या मकान की लोकेशन और उससे जुड़े बैंक डिटेल्स का जिक्र भी साफ-साफ होना चाहिए।
हिस्सेदारी में न हो कोई कन्फ्यूजन
वसीयत लिखते समय यह बिल्कुल साफ होना चाहिए कि आप किसे कितना हिस्सा देना चाहते हैं। अगर चार लोग हैं, तो क्या सबको बराबर 25-25 प्रतिशत मिलेगा या किसी एक को पूरा अधिकार दिया जाएगा? चाहे वह एफडी हो, शेयर हो या मकान, ‘बेनिफिशरी’ (लाभार्थी) का नाम और उसका अनुपात (Ratio) स्पष्ट लिखना अनिवार्य है।
शर्तें लगाने से बचें
अक्सर लोग वसीयत में कई तरह की शर्तें (Conditions) जोड़ देते हैं, जैसे “अगर ऐसा हुआ तो यह मिलेगा”। एक्सपर्ट्स का कहना है कि वसीयत हमेशा ‘अनकंडीशनल’ (शर्त रहित) होनी चाहिए। बेवजह की शर्तें आगे चलकर बड़े विवादों और कोर्ट केस का कारण बनती हैं। इसलिए भाषा इतनी सरल और स्पष्ट हो कि किसी भी तरह के भ्रम की गुंजाइश न रहे।
दो गवाह और डॉक्टर का सर्टिफिकेट
वसीयत को कानूनी रूप से मजबूत बनाने के लिए उस पर दो भरोसेमंद गवाहों (Witnesses) के हस्ताक्षर होना अनिवार्य है। इसके अलावा, एक और सबसे महत्वपूर्ण दस्तावेज है—’मेडिकल सर्टिफिकेट’। जिस दिन वसीयत साइन हो रही हो, उस दिन एक डॉक्टर का सर्टिफिकेट साथ में लगाना चाहिए जो यह प्रमाणित करे कि वसीयत करने वाला व्यक्ति मानसिक रूप से पूरी तरह स्वस्थ है और होश-ओ-हवास में फैसला ले रहा है।
रजिस्ट्रेशन क्यों है फायदेमंद?
कानूनन वसीयत को रजिस्टर करना अनिवार्य नहीं है, इसे नोटरी भी कराया जा सकता है। लेकिन आज के दौर में इसे रजिस्टर कराना ही समझदारी है। रजिस्ट्रार ऑफिस में वसीयत रजिस्टर होने से वहां आपकी फोटो और अंगूठे का निशान रिकॉर्ड में रहता है। इससे भविष्य में कोई यह आरोप नहीं लगा सकता कि वसीयत जोर-जबरदस्ती में बनवाई गई है या हस्ताक्षर जाली हैं।
जानें पूरा मामला (Background)
यह पूरी जानकारी एक टीवी चर्चा (CNBC आवाज़) के दौरान सामने आई, जहां एंकर और लीगल एक्सपर्ट महिलाओं की कानूनी सुरक्षा पर बात कर रहे थे। चर्चा का मुख्य विषय यह था कि एक आम आदमी या महिला, जिसे कानून की पेचीदगियां नहीं पता, वह कैसे आसानी से और सही तरीके से अपनी वसीयत तैयार कर सकती है ताकि भविष्य में परिवार में कोई कलह न हो।
मुख्य बातें (Key Points)
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वसीयत में चल और अचल संपत्ति का अलग-अलग और स्पष्ट ब्योरा होना चाहिए।
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वसीयत पर दो भरोसेमंद गवाहों के हस्ताक्षर होने जरूरी हैं।
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वसीयत बनाते समय मेंटल हेल्थ का डॉक्टर सर्टिफिकेट लगाना बेहद अहम है।
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भविष्य के विवादों से बचने के लिए वसीयत को रजिस्टर कराना बेहतर विकल्प है।
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वसीयत में शर्तें (Conditions) लगाने से बचना चाहिए ताकि कोर्ट केस की नौबत न आए।






