Anant Singh Bail Rejected : बिहार की सियासत में आज उस वक्त भूचाल आ गया जब मोकामा के ‘शेर’ कहे जाने वाले अनंत सिंह को कोर्ट से करारा झटका लगा। पटना की एक स्पेशल कोर्ट ने आज उनकी जमानत याचिका को सिरे से खारिज कर दिया है, जिसके बाद उनके जेल से बाहर आने की उम्मीदों पर फिलहाल पानी फिर गया है।
पटना कोर्ट में तनावपूर्ण माहौल
आज पटना में कोर्ट के बाहर का नजारा बेहद तनावपूर्ण रहा। फैसला आने से पहले ही अनंत सिंह के भारी संख्या में समर्थक वहां जमा हो गए थे। जैसे ही खबर आई कि जमानत नहीं मिली, समर्थकों ने नारेबाजी शुरू कर दी। ‘अनंत सिंह जिंदाबाद’ और ‘जेल का फाटक टूटेगा, शेर फिर से छूटेगा’ जैसे नारों से पूरा इलाका गूंज उठा। हालांकि, कोर्ट ने मामले की गंभीरता और सबूतों को देखते हुए साफ कर दिया कि अभी जमानत नहीं दी जा सकती।
हत्याकांड में फंसा है पेंच
अनंत सिंह की मुश्किलें 2 नवंबर को तब बढ़ी थीं जब उन्हें दुलारचंद यादव हत्याकांड में गिरफ्तार किया गया था। दुलारचंद जन स्वराज पार्टी के समर्थक थे और उनकी हत्या को मोकामा इलाके में चुनावी रंजिश से जोड़कर देखा जा रहा है। पुलिस का दावा है कि अनंत सिंह के गुर्गों ने ही इस वारदात को अंजाम दिया है। हालांकि, अनंत सिंह ने हमेशा इन आरोपों को एक साजिश बताया है, लेकिन कोर्ट ने पुलिस द्वारा पेश किए गए सबूतों को मजबूत माना है।
चुनावी जीत पर संकट के बादल?
हैरानी की बात यह है कि जेल में रहते हुए भी अनंत सिंह ने जेडीयू (JDU) के टिकट पर मोकामा सीट से चुनाव लड़ा। हाल ही में आए रुझानों और नतीजों में उन्होंने जीत भी दर्ज कर ली है। उनके समर्थकों ने ‘मैं भी अनंत’ अभियान चलाया था। लेकिन अब कोर्ट के इस फैसले ने उनकी सियासी पारी पर सवालिया निशान लगा दिया है। विपक्ष की तरफ से तेजस्वी यादव ने भी तंज कसते हुए ट्वीट किया था कि ‘अपराधियों को टिकट देना बंद करो’।
राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप
इस मामले में एक दिलचस्प राजनीतिक मोड़ भी सामने आया है। वीडियो रिपोर्ट के मुताबिक, जेडीयू ने अनंत सिंह का बचाव करते हुए कहा है कि वे निर्दोष हैं और यह एनडीए (NDA) सरकार का झूठा केस है। वहीं, अनंत सिंह की पत्नी और परिवार का कहना है कि यह पूरी तरह से एक राजनीतिक साजिश है। अनंत सिंह की लीगल टीम ने अब तुरंत हाई कोर्ट में अपील दाखिल करने का ऐलान किया है।
पुराना है जेल का नाता
अनंत सिंह के लिए जेल और कोर्ट-कचहरी नई बात नहीं है। इससे पहले 2019 में मोकामा फायरिंग केस और हथियार रखने के मामले में भी उन्हें सजा हो चुकी है। वे अगस्त 2025 में ही जमानत पर बाहर आए थे, लेकिन कुछ ही महीनों बाद इस नए मर्डर केस ने उन्हें फिर से सलाखों के पीछे धकेल दिया है।
जानें पूरा मामला (Background)
मामले की जड़ 2 नवंबर को हुई दुलारचंद यादव की हत्या है, जो जन स्वराज पार्टी के समर्थक थे। पुलिस जांच में यह बात सामने आई कि चुनावी रंजिश के चलते अनंत सिंह के इशारे पर उनके गुर्गों ने इस हत्या को अंजाम दिया। इसी आधार पर पुलिस ने अनंत सिंह को गिरफ्तार किया था। पुलिस को डर था कि अगर उन्हें जमानत मिली तो वे गवाहों को प्रभावित कर सकते हैं और जांच में बाधा डाल सकते हैं, जिसे कोर्ट ने भी सही माना।
मुख्य बातें (Key Points)
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पटना की स्पेशल कोर्ट ने अनंत सिंह की जमानत याचिका खारिज की।
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दुलारचंद यादव हत्याकांड मामले में 2 नवंबर को हुई थी गिरफ्तारी।
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जेडीयू के टिकट पर मोकामा से हाल ही में दर्ज की है जीत।
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अनंत सिंह की टीम अब जमानत के लिए हाई कोर्ट जाएगी।






