Bulandshahr Rape Case Police Negligence : उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर से एक ऐसा वीडियो सामने आया है जिसने पुलिस व्यवस्था की पोल खोलकर रख दी है। इंसाफ की गुहार लेकर पिछले 6 महीने से थाने की चौखट पर एड़ियां रगड़ रही एक नाबालिग गैंगरेप पीड़िता को जब लगा कि उसकी कोई नहीं सुन रहा, तो उसने वह किया जिसे देख हर कोई सन्न रह गया। जैसे ही जिले के डीआईजी (DIG) निरीक्षण के लिए पहुंचे, पुलिसवालों ने पीड़िता को उनसे मिलने से रोका। लेकिन हार न मानते हुए, पुलिस के घेरे को तोड़कर वह लड़की डीआईजी की गाड़ी की तरफ दौड़ पड़ी और रोते हुए अपनी आपबीती सुनाई।
इस घटना का वीडियो वायरल होने के बाद प्रशासन हरकत में आया है। एसएसपी बुलंदशहर ने मामले में घोर लापरवाही बरतने के आरोप में खुर्जा के पूर्व कोतवाल पंकज राय और इंस्पेक्टर दिग्विजय को तत्काल प्रभाव से सस्पेंड कर दिया है।
3 साल पुराना हैवानियत का खेल
पीड़िता के साथ हुई दरिंदगी की कहानी रूह कांपने वाली है। आज तक की रिपोर्ट के मुताबिक, यह मामला 3 साल पहले शुरू हुआ था। आरोप है कि गांव के ही मंगल नाम के युवक ने पीड़िता का रेप किया और उसका वीडियो बना लिया। इसके बाद उस वीडियो को वायरल करने की धमकी देकर मंगल और उसके दोस्त अमरजीत ने उसे ब्लैकमेल करना शुरू कर दिया और बार-बार उसका शारीरिक शोषण किया। हद तो तब हो गई जब लड़की गर्भवती हो गई और उसे गर्भपात की गोलियां खिलाई गईं।
होटल में ले जाकर दरिंदगी
हैवानियत का यह सिलसिला यहीं नहीं रुका। 3 जून 2025 की रात को आरोपी अमरजीत उसे बहला-फुसलाकर एक ओयो (Oyo) होटल ले गया। वहां अमरजीत ने अपने दोस्तों—रोहित, आदित्य और सोनू—के साथ मिलकर नाबालिग के साथ गैंगरेप किया। इसके बाद उसे बुलंदशहर रेलवे स्टेशन और फिर मेरठ ले जाकर लावारिस हालत में छोड़ दिया गया। जब वह किसी तरह वापस लौटी, तो आरोपियों ने उसे दोबारा अगवा किया और फिर से सामूहिक दुष्कर्म कर मौजपुर के पास फेंककर फरार हो गए।
थाने में नहीं मिली सुनवाई
पीड़िता और उसका परिवार 10 जून को शिकायत लेकर थाने पहुंचा था। पुलिस ने 8 आरोपियों के खिलाफ केस तो दर्ज किया, लेकिन कार्रवाई कछुए की चाल से भी धीमी रही। पुलिस ने 4 आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया, लेकिन मुख्य आरोपी खुलेआम घूमते रहे। पीड़िता रोज थाने जाती, लेकिन उसे टरका दिया जाता।
जब डीआईजी कलानिधि नैथानी वहां पहुंचे, तो पीड़िता ने चिल्लाकर कहा, “साहब, मैं इनके पास गई थी, इन्होंने कोई सुनवाई नहीं की।” डीआईजी ने मौके की नजाकत को समझते हुए तुरंत बाकी बचे आरोपियों की गिरफ्तारी के आदेश दिए। फिलहाल पुलिस ने दो और आरोपियों को पकड़ा है, लेकिन एक महिला समेत दो आरोपी अभी भी फरार हैं।
जानें पूरा मामला
बुलंदशहर के खुर्जा इलाके में एक नाबालिग लड़की के साथ ब्लैकमेलिंग और गैंगरेप का मामला सामने आया था। पीड़िता का आरोप है कि पुलिस ने उसकी शिकायत पर समय रहते कार्रवाई नहीं की, जिसके चलते उसे डीआईजी के सामने पेश होने के लिए जद्दोजहद करनी पड़ी। यह घटना सिस्टम की संवेदनहीनता का जीता-जागता सबूत है कि कैसे एक रेप पीड़िता को न्याय पाने के लिए अधिकारियों की गाड़ी के पीछे भागना पड़ता है।
मुख्य बातें (Key Points)
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बुलंदशहर में गैंगरेप पीड़िता को डीआईजी से मिलने के लिए पुलिस से जूझना पड़ा।
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लापरवाही बरतने पर खुर्जा के पूर्व कोतवाल और इंस्पेक्टर सस्पेंड।
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पीड़िता को 3 साल से वीडियो वायरल करने की धमकी देकर ब्लैकमेल किया जा रहा था।
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3 जून 2025 को ओयो होटल में ले जाकर 4 युवकों ने किया था गैंगरेप।






