Income Tax Return Filing New Rules 2025 : देश के करोड़ों टैक्सपेयर्स के लिए एक बड़ी और राहत भरी खबर सामने आई है। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने ऐलान किया है कि वह आने वाले जनवरी महीने तक इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) भरने के नए और बेहद सरल नियम नोटिफाई कर देगा। यह कदम नए इनकम टैक्स एक्ट 2025 के तहत उठाया जा रहा है, जिसका मकसद आम आदमी के लिए टैक्स भरने की प्रक्रिया को इतना आसान बनाना है कि उसे किसी तरह की उलझन न हो।
सीबीडीटी प्रमुख रवि अग्रवाल ने इंडिया इंटरनेशनल ट्रेड फेयर में ‘टैक्सपेयर्स लाउंज’ का उद्घाटन करने के बाद यह महत्वपूर्ण जानकारी दी। उन्होंने स्पष्ट किया कि विभाग का पूरा जोर रिटर्न फॉर्म्स को ‘सीधा-साधा’ रखने पर है, ताकि नए कानून के तहत लोग आसानी से अपना रिटर्न दाखिल कर सकें।
जनवरी में ही क्यों आएंगे नए फॉर्म?
विभाग की योजना है कि जनवरी तक नए फॉर्म और नियम जारी कर दिए जाएं, ताकि टैक्सपेयर्स को अपने सिस्टम को एडजस्ट करने के लिए पर्याप्त समय मिल सके। हालांकि, ये नए नियम अगले वित्त वर्ष यानी 1 अप्रैल 2026 से प्रभाव में आएंगे। रवि अग्रवाल ने जोर देकर कहा कि हम फॉर्म और नियमों को इस तरह डिजाइन कर रहे हैं कि ‘कंप्लायंस’ यानी अनुपालन आसान रहे।
फिलहाल, डायरेक्टरेट ऑफ सिस्टम्स और टैक्स पॉलिसी डिवीजन मिलकर इन फॉर्म्स को ‘टैक्सपेयर फ्रेंडली’ बनाने पर काम कर रहे हैं। इसमें टीडीएस (TDS) की तिमाही रिटर्न से लेकर आईटीआर के सभी फॉर्म्स को नए सिरे से तैयार किया जा रहा है।
टैक्स रेट नहीं, सिर्फ भाषा बदलेगी
एक अहम बात जो हर टैक्सपेयर को जाननी चाहिए, वह यह है कि नए कानून में टैक्स की दरों (Tax Rates) में कोई बदलाव नहीं किया गया है। कोई नई टैक्स दर नहीं जोड़ी गई है, बल्कि पूरा फोकस केवल कानूनों की जटिल भाषा को सरल बनाने पर है। 1961 के पुराने इनकम टैक्स एक्ट की मुश्किल भाषा को हटाकर उसे इतना आसान बनाया गया है कि एक सामान्य व्यक्ति भी उसे समझ सके।
इस बदलाव का सीधा असर आम आदमी के जीवन पर यह पड़ेगा कि अब उन्हें टैक्स भरने के लिए वकीलों या सीए (CA) के चक्कर कम लगाने पड़ेंगे और वे खुद भी आसानी से नियमों को समझ पाएंगे।
आंकड़ों में देखें कितना आसान हुआ कानून
नए इनकम टैक्स एक्ट 2025 के जरिए पुराने कानूनों का बोझ काफी हद तक कम कर दिया गया है।
-
सेक्शन घटे: पुराने 1961 एक्ट के 1819 सेक्शंस को घटाकर अब सिर्फ 536 कर दिया गया है।
-
चैप्टर कम हुए: 47 चैप्टर्स को घटाकर अब 23 कर दिया गया है।
-
शब्द हुए कम: कानून की भाषा को 5.12 लाख शब्दों से घटाकर 2.6 लाख शब्दों में समेटा गया है।
-
स्पष्टता बढ़ी: चीजों को साफ-साफ समझाने के लिए 59 नए टेबल और 40 नए फॉर्मूले जोड़े गए हैं।
जानें पूरा मामला
दरअसल, संसद ने इसी साल 12 अगस्त को ‘इनकम टैक्स एक्ट 2025’ पास किया था। इसका उद्देश्य दशकों पुराने और जटिल टैक्स कानूनों को खत्म करके एक आधुनिक और सरल टैक्स व्यवस्था लागू करना था। सरकार का दावा है कि यह नया कानून विशेष रूप से टैक्सपेयर्स की सुविधा को ध्यान में रखकर बनाया गया है, ताकि लीगल भाषा के जाल में फंसे बिना लोग आसानी से अपना टैक्स भर सकें। इसी कड़ी में अब जनवरी तक नए फॉर्म्स लाने की तैयारी अंतिम चरण में है।
मुख्य बातें (Key Points)
-
जनवरी तक इनकम टैक्स विभाग नए और सरल ITR फॉर्म नोटिफाई करेगा।
-
नए नियम 1 अप्रैल 2026 से प्रभावी होंगे।
-
पुराने एक्ट के 1819 सेक्शंस को घटाकर 536 कर दिया गया है।
-
नए कानून में टैक्स रेट्स में कोई बदलाव नहीं किया गया है, सिर्फ प्रक्रिया आसान हुई है।






