Sheikh Hasina Extradition News : बांग्लादेश में जारी राजनीतिक उथल-पुथल और पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को मौत की सजा सुनाए जाने के बीच कूटनीतिक हलचल तेज हो गई है। ढाका से आए राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) ने दिल्ली में भारतीय NSA अजीत डोभाल से मुलाकात की, लेकिन इसी दौरान शेख हसीना के बेटे सजीब वाजेद जॉय ने एक बड़ा दावा कर दिया है कि भारत उनकी मां को वापस नहीं भेजेगा क्योंकि बांग्लादेश की अंतरिम सरकार का यह अनुरोध पूरी तरह ‘अवैध’ है।
शेख हसीना के बेटे का यह बयान ऐसे समय में आया है जब बांग्लादेश की ओर से लगातार उन्हें वापस भेजने का दबाव बनाया जा रहा है। जॉय ने साफ शब्दों में कहा कि उनकी मां की जान को बांग्लादेश में खतरा था और भारत ने ही उनकी जान बचाई है। उन्होंने भरोसा जताया कि भारत सरकार इस अवैध प्रत्यर्पण अनुरोध को नजरअंदाज कर देगी और कोई कार्रवाई नहीं करेगी।
एनएसए डोभाल और रहमान की अहम बैठक
इस कूटनीतिक रस्साकशी के बीच, बांग्लादेश के एनएसए डॉक्टर खलील-उर-रहमान ने नई दिल्ली का दौरा किया। यह मुलाकात शेख हसीना को इंटरनेशनल क्रिमिनल ट्रिब्यूनल द्वारा मौत की सजा सुनाए जाने के महज 48 घंटे के भीतर हुई है, जिससे इसके महत्व का अंदाजा लगाया जा सकता है। कोलंबो सिक्योरिटी कॉन्क्लेव की 7वीं एनएसए स्तरीय बैठक के तहत हुई इस चर्चा में द्विपक्षीय मुद्दों पर बात हुई और रहमान ने अजीत डोभाल को बांग्लादेश आने का न्योता भी दिया।
भारत की चिंता और बांग्लादेश का दबाव
जहां एक तरफ बांग्लादेश की यूनुस सरकार का कहना है कि शेख हसीना को वापस न सौंपने पर दोनों देशों के रिश्तों पर असर पड़ सकता है, वहीं भारत ने भी अपना रुख स्पष्ट कर दिया है। भारत ने बांग्लादेश में पनप रही भारत विरोधी विचारधारा और अल्पसंख्यक हिंदुओं की सुरक्षा को लेकर अपनी गंभीर चिंता जताई है। भारत का कहना है कि वह पड़ोसी मुल्क में शांति और स्थिरता के लिए प्रतिबद्ध है, लेकिन सुरक्षा चिंताओं को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।
यूनुस सरकार के प्रभावशाली दूत
डॉक्टर खलील-उर-रहमान को बांग्लादेश की वर्तमान यूनुस सरकार में सबसे प्रभावशाली व्यक्तियों में गिना जाता है। शेख हसीना के तख्तापलट के बाद भारत का दौरा करने वाले वह दूसरे बड़े बांग्लादेशी नेता हैं; उनसे पहले ऊर्जा मंत्री मोहम्मद फजूल कबीर खान भी भारत आ चुके हैं। रहमान अमेरिका के साथ भी बांग्लादेश के प्रमुख वार्ताकार रहे हैं। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि भारत इस ‘अवैध’ अनुरोध पर आधिकारिक रूप से क्या कदम उठाता है।
जानें पूरा मामला
बांग्लादेश में हिंसक प्रदर्शनों के बाद शेख हसीना को प्रधानमंत्री पद छोड़कर भारत आना पड़ा था। वहां की अंतरिम सरकार ने उन पर कई मुकदमे दर्ज किए हैं और हाल ही में इंटरनेशनल क्रिमिनल ट्रिब्यूनल ने उन्हें मौत की सजा सुनाई है। बांग्लादेश की मौजूदा सरकार भारत से उन्हें वापस भेजने की मांग कर रही है, जिसे लेकर दोनों देशों के बीच तनाव बना हुआ है। इसी तनावपूर्ण माहौल में एनएसए स्तर की यह बैठक हुई है।
मुख्य बातें (Key Points)
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शेख हसीना के बेटे सजीब वाजेद जॉय ने दावा किया कि भारत उनकी मां को वापस नहीं भेजेगा।
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जॉय के मुताबिक, बांग्लादेश सरकार का प्रत्यर्पण अनुरोध पूरी तरह से अवैध है।
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बांग्लादेश के एनएसए डॉ. खलील-उर-रहमान ने दिल्ली में अजीत डोभाल से मुलाकात की।
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भारत ने बांग्लादेश में हिंदुओं की सुरक्षा और भारत विरोधी भावनाओं पर चिंता जताई है।






