Nitish Kumar 10th Oath Ceremony : बिहार की राजनीति में एक बार फिर ऐतिहासिक पल आने वाला है। नीतीश कुमार का 10वीं बार मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने का रास्ता पूरी तरह साफ हो गया है। बिहार में एनडीए गठबंधन ने नई सरकार के गठन और मंत्रिमंडल के बंटवारे जैसे अहम मुद्दों पर सहमति बना ली है, जिसके साथ ही राज्य में राजनीतिक हलचल अपने चरम पर है। 20 नवंबर को गांधी मैदान में होने वाले भव्य शपथ ग्रहण समारोह की तैयारियां जोरों पर हैं, जहां देश के दिग्गज नेताओं का जमावड़ा लगेगा।
दिल्ली में तय हुआ सत्ता का फार्मूला
नई सरकार की रूपरेखा तय करने के लिए मंगलवार को दिल्ली में एक बेहद महत्वपूर्ण बैठक हुई। इस बैठक में गृह मंत्री अमित शाह के साथ जदयू के कार्यकारी अध्यक्ष संजय झा और केंद्रीय मंत्री ललन सिंह ने लगभग 3 घंटे तक मंथन किया। सूत्रों के अनुसार, इस लंबी चर्चा के बाद मंत्रालयों के बंटवारे पर अंतिम मुहर लग गई है।
तय फार्मूले के मुताबिक, एनडीए सरकार में भाजपा और जदयू की हिस्सेदारी बराबर रहेगी। दोनों पार्टियों को मंत्रिमंडल में समान प्रतिनिधित्व दिया जाएगा। यह फैसला गठबंधन में संतुलन बनाए रखने और दीर्घकालिक स्थिरता का संदेश देने के उद्देश्य से किया गया है।
मंत्रिमंडल में किसे मिलेगी जगह?
सूत्रों के हवाले से खबर है कि नई सरकार में भाजपा और जदयू के 14-14 मंत्री शामिल होंगे। इसके अलावा सहयोगी दलों का भी पूरा ख्याल रखा गया है। चिराग पासवान की पार्टी लोजपा (रामविलास) को 3 और उपेंद्र कुशवाहा की आरएलएम (RLM) को 1 मंत्री पद मिलने की संभावना है। वहीं, जीतन राम मांझी की पार्टी ‘हम’ (HAM) को भी एक मंत्री पद दिया जा सकता है।
खास बात यह है कि इस बार मंत्रिमंडल में महिलाओं की भागीदारी ऐतिहासिक होने जा रही है। एनडीए ने तय किया है कि कम से कम 6 से 8 महिलाओं को कैबिनेट और राज्य मंत्री के रूप में शामिल किया जाएगा, जो कि महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है।
स्पीकर और डिप्टी सीएम पर सस्पेंस खत्म
पिछली सरकार की तरह इस बार भी विधानसभा अध्यक्ष (स्पीकर) का पद भाजपा के पास ही रहेगा। इस महत्वपूर्ण जिम्मेदारी के लिए भाजपा के वरिष्ठ नेता और 8 बार के विधायक प्रेम कुमार का नाम लगभग तय माना जा रहा है। पार्टी ने उनकी वरिष्ठता और संगठन के प्रति समर्पण को देखते हुए उन पर भरोसा जताया है।
वहीं, डिप्टी सीएम के पद को लेकर भी तस्वीर साफ हो गई है। भाजपा के दो डिप्टी सीएम का पुराना फार्मूला ही जारी रहेगा। हालांकि, यह जिम्मेदारी किसे मिलेगी, इस पर अंतिम निर्णय भाजपा विधायक दल की बैठक में लिया जाएगा। लेकिन जातीय समीकरण और अनुभव को देखते हुए कुछ नए चेहरों को मौका दिए जाने की चर्चा भी जोरों पर है।
शपथ ग्रहण की भव्य तैयारी
शपथ ग्रहण समारोह 20 नवंबर को पटना के ऐतिहासिक गांधी मैदान में आयोजित होगा। इसे एक भव्य राजनीतिक आयोजन बनाने की तैयारी है। खुद नीतीश कुमार ने मंगलवार को गांधी मैदान पहुंचकर तैयारियों का जायजा लिया। मंच निर्माण से लेकर वीवीआईपी सुरक्षा, यातायात नियंत्रण और भीड़ प्रबंधन तक हर पहलू की बारीकी से समीक्षा की गई।
इस समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह सहित एनडीए शासित कई राज्यों के मुख्यमंत्रियों के शामिल होने की उम्मीद है। अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए गए हैं कि व्यवस्था में कोई चूक न हो।
जानें पूरा मामला
बुधवार को पटना में राजनीतिक गतिविधियों का केंद्र रहेगा। सबसे पहले जदयू विधायक दल की बैठक होगी जिसमें औपचारिक रूप से नीतीश कुमार को नेता चुना जाएगा। इसके बाद भाजपा विधायक दल की बैठक होगी और अंत में एनडीए विधायक दल की संयुक्त बैठक में नीतीश कुमार को एनडीए का नेता घोषित किया जाएगा। इस दौरान गृह मंत्री अमित शाह की मौजूदगी इसे और खास बनाएगी। इसके साथ ही, भाजपा ने विधायक दल की बैठक के लिए यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य को केंद्रीय पर्यवेक्षक और अर्जुन राम मेघवाल व साध्वी निरंजन ज्योति को सह-पर्यवेक्षक नियुक्त किया है।
मुख्य बातें (Key Points)
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नीतीश कुमार 20 नवंबर को 10वीं बार बिहार के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे।
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नई सरकार में भाजपा और जदयू के 14-14 मंत्री होंगे, स्पीकर पद भाजपा के पास रहेगा।
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मंत्रिमंडल में 6 से 8 महिलाओं को शामिल कर ऐतिहासिक भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी।
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शपथ ग्रहण समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह सहित कई दिग्गज नेता शामिल होंगे।






