AAP MLA Manjinder Singh Lalpura High Court Petition : आम आदमी पार्टी (AAP) के खडूर साहिब से विधायक मनजिंदर सिंह लालपुरा को पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट से बड़ा झटका लगा है। हाईकोर्ट ने लालपुरा की उस याचिका को खारिज कर दिया है, जिसमें उन्होंने निचली अदालत द्वारा सुनाई गई चार साल की सजा पर रोक लगाने की मांग की थी।
इस फैसले के बाद लालपुरा की विधायकी पर तलवार लटक गई है। अगर यह सजा बरकरार रहती है, तो उनकी विधायकी जानी तय है, जिससे पंजाब में एक और उपचुनाव (Bypoll) की स्थिति बन सकती है।
क्या है पूरा मामला?
यह मामला साल 2013 का है, जब मनजिंदर सिंह लालपुरा विधायक नहीं बने थे और टैक्सी ड्राइवर के तौर पर काम करते थे।
मार्च 2013 में, एक मैरिज पैलेस में 19 साल की एक दलित महिला के साथ छेड़छाड़ और मारपीट करने का आरोप लगा था। यह मामला “उस्मा कांड” के नाम से काफी चर्चित हुआ था।
इसी साल सितंबर में, लगभग 12 साल बाद, तरनतारन की निचली अदालत ने इस मामले में फैसला सुनाया। अदालत ने मनजिंदर सिंह लालपुरा को आईपीसी की धारा 354 और 506 समेत कई धाराओं के तहत दोषी करार देते हुए चार साल की सजा सुनाई थी।
क्यों अहम है हाईकोर्ट का फैसला?
कानून के मुताबिक, यदि किसी विधायक या सांसद को दो साल या उससे अधिक की सजा होती है, तो उसकी सदस्यता रद्द हो जाती है।
लालपुरा को चार साल की सजा हुई थी। सदस्यता बचाने के लिए उनके पास यह विकल्प था कि वह ऊपरी अदालत से अपनी सजा पर रोक लगवा लें।
इसी के तहत उन्होंने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी, जिसे अब खारिज कर दिया गया है। हाईकोर्ट का यह फैसला लालपुरा के लिए एक बड़ा झटका है। फिलहाल, मनजिंदर सिंह लालपुरा अमृतसर की केंद्रीय जेल में बंद हैं।
अब क्या है लालपुरा के पास विकल्प?
हाईकोर्ट से याचिका खारिज होने के बाद विधायक मनजिंदर लालपुरा के पास अब सुप्रीम कोर्ट जाने का विकल्प बचा है। अगर उन्हें सुप्रीम कोर्ट से भी राहत नहीं मिलती है, तो उनकी विधायकी रद्द हो जाएगी।
पंजाब में एक और उपचुनाव की आहट
अगर लालपुरा की विधायकी जाती है, तो खडूर साहिब सीट पर 6 महीने के अंदर उपचुनाव कराने होंगे। पंजाब में विधानसभा चुनाव 2027 में होने हैं और अभी लगभग एक साल का समय बाकी है।
हालांकि, अगर यह मामला कानूनी रूप से खिंचता है और अगले साल जून तक कोई अंतिम निर्णय नहीं होता, तो चुनाव आयोग आमतौर पर अलग से उपचुनाव नहीं कराता और मुख्य चुनावों के साथ ही उस सीट पर चुनाव करवाए जाते हैं।
मुख्य बातें (Key Points)
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‘आप’ विधायक मनजिंदर लालपुरा को 2013 के छेड़छाड़ और मारपीट (उस्मा कांड) मामले में 4 साल की सजा हुई है।
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पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने विधायक की सजा पर रोक लगाने वाली याचिका को खारिज कर दिया है।
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हाईकोर्ट के फैसले से लालपुरा की विधायकी जाने का खतरा बढ़ गया है, जिससे खडूर साहिब में उपचुनाव हो सकते हैं।
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लालपुरा के पास अब सिर्फ सुप्रीम कोर्ट जाने का विकल्प बचा है; वह फिलहाल अमृतसर जेल में बंद हैं।






