Delhi Red Fort Blast Dr Umar New Video : दिल्ली के लाल किला इलाके में 10 नवंबर को हुए दिल दहला देने वाले कार ब्लास्ट मामले में एक और बड़ा खुलासा हुआ है। जैश-ए-मोहम्मद से जुड़े फिदायीन हमलावर डॉक्टर उमर मोहम्मद नबी का एक नया भड़काऊ वीडियो सामने आया है। इस वीडियो ने सुरक्षा एजेंसियों की चिंताएं बढ़ा दी हैं, क्योंकि यह साबित करता है कि यह हमला एक सुनियोजित आत्मघाती साजिश का हिस्सा था।
इस वीडियो में उमर अंग्रेजी में आत्मघाती हमलों को जायज ठहराते हुए शांत स्वर में बात कर रहा है। यह वीडियो उसकी गहरी कट्टरपंथी सोच को उजागर करता है।
‘मौत तय है, यह शहादत है’
वीडियो में उमर कहता है कि लोग आत्मघाती हमलों की अवधारणा को गलत समझते हैं। उसके अनुसार, यह किसी व्यक्ति की नियति से जुड़ा कदम है और इस्लाम में इसे “शहादत अभियान” कहा जाता है।
वह दावा करता है कि मौत से डरने की जरूरत नहीं है और एक व्यक्ति तब सबसे खतरनाक मानसिक अवस्था में पहुंचता है, जब वह यह मान लेता है कि उसकी मौत एक तय समय और स्थान पर होना निश्चित है।
पढ़ा-लिखा और तकनीकी जानकार था आतंकी
उमर का लहजा, भाषा और तर्क शक्ति यह बताती है कि वह पढ़ा-लिखा और वैचारिक रूप से पूरी तरह कट्टरपंथी बन चुका था।
विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसे शिक्षित और तकनीकी रूप से जानकार चरमपंथी तत्व सुरक्षा एजेंसियों के लिए एक नई और बड़ी चुनौती हैं, क्योंकि वे तकनीक का इस्तेमाल कर हमलों को अधिक घातक और योजनाबद्ध बनाते हैं।
जांच के घेरे में 68 संदिग्ध नंबर
10 नवंबर के उस कार ब्लास्ट में 14 लोगों की मौत हुई थी और 20 से अधिक लोग घायल हुए थे। इस मामले की डिजिटल जांच में कई चौंकाने वाली जानकारियां सामने आई हैं।
जांच के केंद्र में 68 ऐसे मोबाइल नंबर हैं, जो सुनहरी बाग पार्किंग (जहां उमर की कार 3 घंटे खड़ी थी) और धमाके की जगह पर, दोनों स्थानों पर एक ही समय में सक्रिय पाए गए।
पाकिस्तान-तुर्की कनेक्शन के सबूत
जांच में पता चला है कि इन 68 संदिग्ध नंबरों में से कई पर पाकिस्तान और तुर्की से कॉल आई थीं। कई फोन एक विदेशी सर्वर से जुड़े थे और उनका आईपी (IP) क्लस्टर लगातार पाकिस्तान और तुर्की के बीच स्विच हो रहा था।
यह इस बात का मजबूत संकेत है कि ब्लास्ट के पीछे एक संगठित अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क सक्रिय था।
स्पूफिंग तकनीक का हुआ इस्तेमाल
धमाके से ठीक पहले कई संदिग्ध नंबरों पर असामान्य डेटा ट्रांसफर भी रिकॉर्ड किया गया। जांच में दो फोन ऐसे भी मिले हैं, जिनकी लोकेशन हर मिनट बदल रही थी।
यह “स्पूफिंग” तकनीक का संकेत है, जहां फोन के नेटवर्क को कृत्रिम रूप से दूसरे आईपी पर डाला जाता है। इससे साफ है कि हमलावरों ने अपनी गतिविधियों को छिपाने के लिए एक मल्टी-लेयर साइबर रणनीति अपनाई थी।
मुख्य बातें (Key Points)
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लाल किला ब्लास्ट के आतंकी डॉ. उमर का नया भड़काऊ वीडियो सामने आया।
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वीडियो में उमर ने आत्मघाती हमलों को “शहादत अभियान” बताते हुए उसे जायज ठहराया।
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जांच में 68 संदिग्ध मोबाइल नंबर मिले, जो पार्किंग और ब्लास्ट साइट, दोनों जगहों पर सक्रिय थे।
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इन नंबरों पर पाकिस्तान और तुर्की से कॉल आई थीं और विदेशी सर्वर का इस्तेमाल किया गया था, जो अंतरराष्ट्रीय साजिश का संकेत है।






