Dr Shaheen Delhi Blast Jaish-e-Mohammed Module : दिल्ली बम धमाके और फरीदाबाद विस्फोटक मामले में पकड़ी गई डॉक्टर शाहीन को लेकर जांच में एक बड़ा और चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के फरीदाबाद मॉड्यूल की अहम सदस्य बताई जा रही शाहीन के पास एक नहीं, बल्कि तीन-तीन पासपोर्ट होने की जानकारी मिली है, जिनसे वह तीन बार पाकिस्तान भी गई थी।
जांच एजेंसियों को मिले इन तीनों पासपोर्ट पर पते अलग-अलग दर्ज हैं। एक पासपोर्ट जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज, कानपुर के पते पर है, जबकि दूसरे में लखनऊ और तीसरे में फरीदाबाद का पता दर्ज है।
‘हर पासपोर्ट पर अलग ‘अभिभावक’
चौंकाने वाली बात यह है कि इन सभी पासपोर्ट पर डॉक्टर शाहीन के अभिभावक के नाम भी अलग-अलग बताए जा रहे हैं। एक में पिता, दूसरे में पति और तीसरे में भाई को अभिभावक के तौर पर दिखाया गया है।
फरीदाबाद में विस्फोटक बरामदगी और दिल्ली बम धमाके के बाद पकड़ी गई डॉक्टर शाहीन ने अपने सबसे बाद वाले पासपोर्ट में भाई डॉक्टर परवेज अंसारी को अभिभावक दर्शाया है। इस पासपोर्ट में इंटीग्रल यूनिवर्सिटी लखनऊ कैंपस का पता दर्ज है, जहां उसका भाई डॉक्टर परवेज नौकरी करता था।
‘कानपुर से लखनऊ तक पड़ताल’
इस खुलासे के बाद जांच एजेंसियां कानपुर मेडिकल कॉलेज से लेकर इंटीग्रल यूनिवर्सिटी कैंपस तक पड़ताल कर रही हैं। डॉक्टर परवेज से जुड़े दस्तावेजों को इकट्ठा कर उनका सत्यापन किया जा रहा है।
जांच एजेंसियां डॉक्टर शाहीन की सभी विदेश यात्राओं का पूरा विवरण खंगाल रही हैं।
‘3 बार पाकिस्तान, 6 बार दूसरे देश’
अलग-अलग पासपोर्ट के जरिए डॉक्टर शाहीन के तीन बार पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान और छह बार दूसरे देशों की यात्रा करने की जानकारी मिली है।
जांच में यह भी सामने आया है कि 2013 में कानपुर में नौकरी छोड़ने के बाद डॉक्टर शाहीन थाईलैंड गई थी। वहीं, वर्ष 2021 से पहले उसका भाई डॉक्टर परवेज भी तीन साल तक मालदीव में रहा था।
‘मेडिकल कॉलेज के अन्य डॉक्टर भी रडार पर’
डॉक्टर शाहीन और डॉक्टर आरिफ का कनेक्शन आतंकी गतिविधियों में सामने आने के बाद जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज भी सुरक्षा एजेंसियों के निशाने पर आ गया है।
जिन डॉक्टरों की जीवन शैली में हाल ही में बदलाव आया है, वे सुरक्षा एजेंसी के रडार पर हैं। ऐसे दो से तीन डॉक्टरों की जांच भी शुरू हो गई है, जिनमें महिला और पुरुष दोनों शामिल हैं।
‘बदले व्यवहार की हो रही जांच’
जानकारी के मुताबिक, इन डॉक्टरों की यात्राओं, वे किस-किस तरह के आयोजनों में गए और उनसे मिलने कौन-कौन आता है, इन सभी बिंदुओं पर जांच की जा रही है।
इन डॉक्टरों के रहन-सहन के साथ ही उनके पहनावे और व्यवहार में भी परिवर्तन आया है। सूत्रों के मुताबिक, ये डॉक्टर पहले बहुत सामाजिक थे, लेकिन अब उतने नहीं रहे। एजेंसियों को शक है कि लोगों से कम मिलना-जुलना और इस बदलाव के पीछे कोई विशेष कारण हो सकता है।
‘बच्चों को खबर से बचाने की जद्दोजहद’
आतंकी घटना में शामिल डॉक्टर शाहीन की काली करतूतों का असर उसके 18 और 15 वर्षीय दो बेटों पर न पड़ सके, इसके लिए उनके पिता जद्दोजहद कर रहे हैं।
कक्षा 12वीं और नौवीं में पढ़ने वाले बच्चों को कुछ दिन के लिए स्कूल से छुट्टी दिलाने के अलावा, बच्चों ने सोशल मीडिया और टीवी से भी दूरी बना ली है, ताकि उन्हें अपनी मां के बारे में कोई जानकारी न मिल सके।
बच्चों के पिता डॉक्टर जफर हयात उनकी परवरिश को लेकर इस कदर परेशान हैं कि वह खुद बीमार पड़ गए हैं और अस्पताल से छुट्टी ले ली है। साथ काम करने वाले डॉक्टरों का भी कहना है कि वह मिलनसार हैं और भले ही वह पत्नी से अलग हो गए हों, लेकिन इस घटना का असर उनके जीवन और स्वास्थ्य दोनों पर पड़ा है। वह ज्यादातर बच्चों को घर पर ही रख रहे हैं और उन्हें न्यूज चैनल व अखबार पढ़ने से भी बचा रहे हैं।
‘मुख्य बातें (Key Points)’
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डॉक्टर शाहीन के पास 3 अलग-अलग पते और अभिभावकों वाले पासपोर्ट मिले।
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इन पासपोर्ट से शाहीन ने 3 बार पाकिस्तान और 6 बार अन्य देशों की यात्रा की।
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जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के 2-3 अन्य डॉक्टर भी बदले व्यवहार के चलते जांच के रडार पर।
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शाहीन के पति अपने दोनों बेटों को मां की करतूतों की खबर से बचाने के लिए जद्दोजहद कर रहे हैं।






