Delhi Blast Al Falah University FIR 200 Doctors Radar : दिल्ली लाल किला ब्लास्ट मामले में ‘व्हाइट कॉलर’ आतंकी मॉड्यूल पर शिकंजा कसता जा रहा है। दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने अब फरीदाबाद की अल फलाह यूनिवर्सिटी पर धोखाधड़ी और फर्जीवाड़े की दो FIR दर्ज की हैं। इसके साथ ही, 200 डॉक्टरों और मेडिकल छात्रों की एक लिस्ट तैयार की गई है, जो एजेंसियों के रडार पर हैं।
दिल्ली ब्लास्ट की जांच का दायरा लगातार बढ़ता जा रहा है। इस मामले के तार अब जम्मू-कश्मीर, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के साथ-साथ विदेशों से भी जुड़ रहे हैं। जांच एजेंसियों की रडार पर अब करीब 200 डॉक्टर और मेडिकल स्टूडेंट आ गए हैं।
सूत्रों के मुताबिक, ये वो संदिग्ध हैं जो आतंकी डॉक्टर शाहीन, डॉक्टर उमर और अन्य अभियुक्तों के संपर्क में थे। इनमें से ज्यादातर यूपी में काम करने वाले कश्मीरी मूल के डॉक्टर और छात्र हैं।
एजेंसियों ने इनकी एक लिस्ट तैयार की है और एक-एक करके सबसे पूछताछ की जा रही है, ताकि यह पता लगाया जा सके कि वे इस ‘व्हाइट कॉलर’ टेरर मॉड्यूल का हिस्सा थे या नहीं।
अल फलाह यूनिवर्सिटी पर दो FIR
इस ‘व्हाइट कॉलर’ मॉड्यूल का केंद्र बनी फरीदाबाद की अल फलाह यूनिवर्सिटी पर दिल्ली पुलिस ने बड़ा शिकंजा कसा है।
यूनिवर्सिटी ग्रांट्स कमीशन (UGC) की एक शिकायत के आधार पर, दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने अल फलाह यूनिवर्सिटी के खिलाफ चीटिंग (धोखाधड़ी) और फर्जरी (फर्जीवाड़ा) के दो अलग-अलग मामले दर्ज किए हैं।
यूनिवर्सिटी को एक नोटिस जारी कर जरूरी दस्तावेज भी मांगे गए हैं।
मेवात-नूंह में रातभर छापेमारी, 5 हिरासत में
जांच एजेंसियों ने बीती रात हरियाणा के मेवात और नूंह में कई जगहों पर छापामारी की। मेवात से तीन डॉक्टरों को हिरासत में लिया गया है, और तीनों का संबंध अल फलाह यूनिवर्सिटी से है।
इनमें से एक का नाम डॉक्टर मुस्तकीम है, जो डॉ. उमर, शाहीन और मुजम्मिल के संपर्क में था। पुलिस को मुस्तकीम और आतंकी उमर के बीच हुई कुछ चैट भी मिली हैं।
इसके अलावा, दिल्ली पुलिस और सेंट्रल एजेंसी ने नूंह इलाके से भी दो लोगों को हिरासत में लिया है। ये दोनों डॉ. मुजम्मिल से बातचीत करते थे और इनसे विस्फोटकों की खरीद में इनकी भूमिका को लेकर पूछताछ की जा रही है।
चश्मदीद का खुलासा: ‘घबराया हुआ’ था आतंकी उमर
इस मामले में एक मोबाइल शॉप के दुकानदार का बयान भी सामने आया है, जिसने आतंकी डॉक्टर उमर को ब्लास्ट से पहले देखा था।
दुकानदार ने बताया कि 30 अक्टूबर को शाम 4:30 बजे उमर एक अन्य व्यक्ति के साथ उसकी दुकान पर आया था। वह व्यक्ति “अनपढ़” था और “भैंसों का काम” करता था।
चश्मदीद के मुताबिक, उमर “घबराया हुआ सा था और एकदम शांत था”। उसने अपना एक एंड्रॉइड फोन चार्जिंग पर लगाया और खुद दूसरे मोबाइल से किसी को कॉल करने में लगा हुआ था। बाद में पुलिस ने दुकान से सीसीटीवी फुटेज भी हासिल की।
जानें पूरा मामला
यह जांच दिल्ली के लाल किला के पास हुए IED ब्लास्ट के बाद शुरू हुई। इस ब्लास्ट के बाद फरीदाबाद से भारी मात्रा में विस्फोटक बरामद हुआ था।
जांच में पढ़े-लिखे डॉक्टरों का एक ‘व्हाइट कॉलर’ आतंकी मॉड्यूल सामने आया, जिसका सरगना डॉ. शाहीन और डॉ. उमर को माना जा रहा है।
शाहीन ने पाकिस्तान समेत कई देशों में एक टेरर नेटवर्क बनाया था, जिसके संपर्क में पाकिस्तानी सेना के डॉक्टर और कश्मीरी मूल के कई अन्य डॉक्टर थे।
मुख्य बातें (Key Points)
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दिल्ली ब्लास्ट केस में अल फलाह यूनिवर्सिटी पर UGC की शिकायत पर धोखाधड़ी और फर्जीवाड़े की 2 FIR दर्ज की गई हैं।
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200 डॉक्टर और मेडिकल छात्र जांच एजेंसियों के रडार पर हैं, जो आतंकी डॉ. शाहीन और उमर के संपर्क में थे।
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मेवात से अल फलाह यूनिवर्सिटी से जुड़े 3 डॉक्टरों (एक का नाम डॉ. मुस्तकीम) को हिरासत में लिया गया।
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चश्मदीद ने बताया कि 30 अक्टूबर को आतंकी उमर “घबराया हुआ” लग रहा था और लगातार फोन पर बात कर रहा था।






