ITR Refund Processing Time CBDT CPC Bengaluru : इनकम टैक्स रिफंड का इंतजार कर रहे करदाताओं के लिए बड़ी खुशखबरी है। CBDT ने ITR प्रोसेसिंग सिस्टम में एक बड़ा ‘पर्दे के पीछे’ का बदलाव किया है, जिससे रिफंड मिलने और रिटर्न प्रोसेस होने में लगने वाला समय घटकर आधा रह जाने का अनुमान है।
टैक्स रिफंड में होने वाली देरी की शिकायतें जल्द ही बीते दिनों की बात हो सकती हैं। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के नोडल डिपार्टमेंट CBDT (सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेस) ने रिटर्न प्रोसेसिंग की पूरी प्रक्रिया में एक बड़ा और अहम बदलाव किया है।
इस बदलाव के तहत, बेंगलुरु स्थित सेंट्रल प्रोसेसिंग सेंटर (CPC) को अब पहले से कहीं ज्यादा ताकतवर बना दिया गया है।
खत्म हुई दोहरी जांच, अब सीधे CPC करेगा काम
अभी तक की व्यवस्था के मुताबिक, जब आप अपना इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) फाइल करते थे, तो उसे CPC बेंगलुरु प्रोसेस करता था। लेकिन इसके साथ ही, आपके शहर में बैठा आपका असेसिंग ऑफिसर (AO) भी उसका वेरिफिकेशन करता था।
इस दो-जगह से होने वाले वेरिफिकेशन या ‘डबल लेयर’ जांच के कारण अक्सर रिटर्न की प्रोसेसिंग और रिफंड जारी होने में देरी हो जाती थी।
रिफंड में लगेगा आधा समय
नए बदलाव के बाद, स्थानीय असेसिंग ऑफिसर की इस लेयर को हटा दिया गया है। अब CPC बेंगलुरु को ही ज्यादातर अधिकार दे दिए गए हैं।
टैक्स एक्सपर्ट शरद कोहली के मुताबिक, अब CPC बेंगलुरु अपने स्तर पर ही टैक्स क्रेडिट मिसमैच, एडवांस टैक्स और TDS से जुड़ी समस्याओं का निपटारा कर पाएगा।
यहां तक कि रिफंड पर मिलने वाले ब्याज (सेक्शन 244A) की गणना और सेक्शन 156 के तहत डिमांड नोटिस जारी करने जैसे काम भी अब सीधे CPC ही करेगा।
इस एक लेयर के हटने से यह अनुमान लगाया जा रहा है कि अब ITR प्रोसेसिंग और रिफंड मिलने में “आधा समय” लगेगा, जिससे करदाताओं को बड़ी राहत मिलेगी।
विरासत में मिला सोना-प्रॉपर्टी कब है टैक्सेबल?
‘टैक्स गुरु’ शो में यह भी स्पष्ट किया गया कि माता-पिता से विरासत में मिली संपत्ति (जैसे सोना, फ्लैट या जमीन) पर कोई टैक्स नहीं लगता है।
हालांकि, जब आप उस संपत्ति को बेचेंगे, तब आपको उस पर कैपिटल गेन टैक्स देना होगा। टैक्स की गणना के लिए, संपत्ति की खरीद लागत वही मानी जाएगी, जो आपके माता-पिता (Previous Owner) ने चुकाई थी।
एक अहम नियम यह है कि अगर संपत्ति 1 अप्रैल 2001 से पहले खरीदी गई थी, तो आपको 1 अप्रैल 2001 की तारीख पर उसकी कीमत एक रजिस्टर्ड वैल्यूअर से पता करानी होगी, और वही आपकी खरीद लागत (Cost) मानी जाएगी।
स्टॉक ट्रेडर्स के लिए जरूरी सलाह
शो में स्टॉक ट्रेडर्स से जुड़े एक अहम सवाल का भी जवाब दिया गया। फरीदाबाद के संजय जैन ने पूछा कि उनके CA ने गलती से उनकी ‘बिजनेस इनकम’ को ‘कैपिटल गन्स’ में फाइल कर दिया है।
एक्सपर्ट ने बताया कि 31 दिसंबर तक रिवाइज्ड रिटर्न फाइल करके इस गलती को सुधारा जा सकता है। ऐसा करने से उन्हें खर्चे क्लेम करने और 87A की रिबेट (जो कैपिटल गेन पर नहीं मिलती) का फायदा भी मिल सकता है।
मुख्य बातें (Key Points)
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CBDT ने ITR प्रोसेसिंग का नियम बदला; रिफंड में अब “आधा समय” लगने का अनुमान है।
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स्थानीय असेसिंग ऑफिसर का रोल खत्म, बेंगलुरु CPC को टैक्स क्रेडिट मिसमैच, TDS और रिफंड ब्याज की गणना का सीधा अधिकार मिला।
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स्टॉक ट्रेडर्स ‘कैपिटल गेन्स’ की गलती को 31 दिसंबर तक रिवाइज्ड रिटर्न फाइल करके ‘बिजनेस इनकम’ में बदल सकते हैं।
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विरासत में मिली प्रॉपर्टी या सोने पर कोई टैक्स नहीं है, लेकिन उसे बेचने पर कैपिटल गेन टैक्स देना होगा।






