Panjab University Senate Elections Protest : पंजाब यूनिवर्सिटी (PU) में सीनेट (Senate) चुनावों का शेड्यूल जारी नहीं किए जाने को लेकर छात्रों का गुस्सा फूट पड़ा है। ‘पंजाब यूनिवर्सिटी बचाओ मोर्चा’ के बैनर तले सैकड़ों छात्रों ने यूनिवर्सिटी प्रशासन और केंद्र सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। छात्रों ने ऐलान किया है कि अगर उनकी मांगें नहीं मानी गईं, तो वे यूनिवर्सिटी की पूरी फंक्शनिंग ठप कर देंगे, जिसमें परीक्षाओं का बहिष्कार भी शामिल है।
छात्र इस बात पर अड़े हुए हैं कि यूनिवर्सिटी में लंबे समय से लंबित पड़े सीनेट चुनावों का शेड्यूल तुरंत जारी किया जाए। छात्रों का आरोप है कि बिना सीनेट के यूनिवर्सिटी चलाना एक अलोकतांत्रिक (Un-democratic) कदम है और प्रशासन जानबूझकर छात्रों को उनके अधिकारों से वंचित रख रहा है।
18 नवंबर से ‘परीक्षा बायकॉट’ की चेतावनी
छात्र नेता ने स्पष्ट किया है कि प्रशासन उनकी मांगों को अनसुना कर रहा है, इसलिए आंदोलन को तेज किया जाएगा। ‘पंजाब यूनिवर्सिटी बचाओ मोर्चा’ ने एक बड़ा ऐलान करते हुए कहा है:
-
18 और 19 नवंबर को यूनिवर्सिटी का एडमिनिस्ट्रेटिव ब्लॉक (एडमिन ब्लॉक) पूरी तरह से बंद किया जाएगा।
-
18 नवंबर से शुरू हो रही BA, BSc और अन्य परीक्षाओं का बहिष्कार (Boycott) किया जाएगा और उन्हें होने नहीं दिया जाएगा।
छात्रों ने यूनिवर्सिटी प्रशासन को चेतावनी दी है कि वे खुद ही इन परीक्षाओं को स्थगित (Postpone) कर दें, वरना छात्र खुद एग्जामिनेशन सेंटरों पर जाकर इन्हें रोकेंगे।
20 नवंबर को बुलाई बड़ी मीटिंग
छात्रों ने इस लड़ाई को यूनिवर्सिटी कैंपस से बाहर ले जाने की भी पूरी तैयारी कर ली है। 20 नवंबर को एक बड़ी “सांझी मीटिंग” बुलाई गई है, जिसमें विभिन्न छात्र संगठनों के अलावा किसान जत्थेबंदियों और कर्मचारी यूनियनों को भी बुलाया गया है।
इस मीटिंग में आंदोलन की अगली और बड़ी रूपरेखा तय की जाएगी। छात्रों ने चेतावनी दी है कि यह आंदोलन अब और बड़ा होगा और वे अपने “सारे हथियार” इस्तेमाल करने के लिए तैयार हैं।
‘सेंटर’ के खिलाफ बड़े एक्शन की तैयारी
छात्रों ने साफ कर दिया है कि उनका यह विरोध प्रदर्शन यूनिवर्सिटी प्रशासन के साथ-साथ केंद्र सरकार के खिलाफ भी है।
20 नवंबर की मीटिंग में यह फैसला लिया जा सकता है कि गवर्नर हाउस (जो चंडीगढ़ के प्रशासक भी हैं) का घेराव किया जाए, या केंद्र सरकार के मंत्रियों और बीजेपी नेताओं के घरों की तरफ मार्च किया जाए। छात्रों का कहना है कि उन्होंने 10 तारीख को सिर्फ “ट्रेलर” दिखाया था, असली “फिल्म” अभी बाकी है।
जानें पूरा मामला
यह पूरा विवाद पंजाब यूनिवर्सिटी की ‘सीनेट’ (Senate) से जुड़ा है, जो यूनिवर्सिटी की मुख्य गवर्निंग बॉडी है। सीनेट के चुनाव लंबे समय से नहीं हुए हैं, जिससे यूनिवर्सिटी के सभी बड़े फैसले बिना लोकतांत्रिक प्रक्रिया के लिए जा रहे हैं।
छात्रों का आरोप है कि प्रशासन जानबूझकर उन्हें असाइनमेंट और परीक्षाओं में उलझाकर रखना चाहता है, ताकि वे अपने लोकतांत्रिक अधिकारों के लिए लड़ना बंद कर दें। लेकिन छात्रों ने स्पष्ट कर दिया है कि वे इस बार पीछे नहीं हटेंगे।
मुख्य बातें (Key Points)
-
पंजाब यूनिवर्सिटी में सीनेट चुनाव का शेड्यूल जारी न होने पर छात्र संगठनों ने मोर्चा खोल दिया है।
-
‘पंजाब यूनिवर्सिटी बचाओ मोर्चा’ ने 18-19 नवंबर को एडमिन ब्लॉक बंद करने का ऐलान किया है।
-
18 नवंबर से शुरू हो रही यूनिवर्सिटी की परीक्षाओं का भी बायकॉट किया जाएगा।
-
20 नवंबर को किसान और कर्मचारी संगठनों के साथ बड़ी मीटिंग होगी, जिसमें गवर्नर हाउस के घेराव पर फैसला हो सकता है।






