Bihar Election 2025 BJP LJP Tension : बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में NDA ने 200 से ज्यादा सीटों की ‘सुनामी’ जीत तो दर्ज कर ली है, लेकिन इस अपार जश्न के बीच भी भारतीय जनता पार्टी (BJP) की एक बड़ी ‘टेंशन’ बरकरार है। यह टेंशन कोई और नहीं, बल्कि 29 सीटें जीतकर ‘किंग’ बनकर उभरे चिराग पासवान और उनकी लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) हैं। LJP का 97% का स्ट्राइक रेट NDA के लिए खुशी से ज्यादा एक नई राजनीतिक चुनौती लेकर आया है, क्योंकि अब BJP को ‘पलटीमार’ नीतीश कुमार के साथ-साथ ‘किंग’ चिराग पासवान को भी साधना होगा।
NDA की इस प्रचंड जीत में BJP 91 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी, JDU 80 सीटों के साथ दूसरी और LJP 29 सीटों के साथ तीसरी सबसे बड़ी ताकत बनकर उबरी है। यह जीत जितनी बड़ी है, उतनी ही जटिल भी, क्योंकि बिहार में अब एक ‘ट्रिपल इंजन’ की सरकार है, जिसके दो इंजनों (नीतीश और चिराग) का इतिहास बेहद कड़वाहट भरा रहा है।
29 सीटें, 97% स्ट्राइक रेट: ‘किंग’ बने चिराग
इस चुनाव के असली ‘मैन ऑफ द मैच’ चिराग पासवान साबित हुए हैं। LJP ने गठबंधन के तहत सिर्फ 30 सीटों पर चुनाव लड़ा और उनमें से 29 सीटों पर जीत हासिल की। यह 97% का स्ट्राइक रेट बिहार की राजनीति में अभूतपूर्व है।
इस प्रदर्शन ने चिराग पासवान को ‘किंग मेकर’ से कहीं आगे बढ़ाकर ‘किंग’ की भूमिका में ला दिया है। BJP भले ही 91 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी हो, लेकिन वह सरकार चलाने के लिए JDU (80 सीट) और LJP (29 सीट) दोनों पर निर्भर है।
नीतीश और चिराग: पुरानी ‘खटास’ बनी BJP की टेंशन
BJP की असली टेंशन का कारण नीतीश कुमार और चिराग पासवान के बीच का 36 का आंकड़ा है। राजनीतिक गलियारों में यह बात किसी से छिपी नहीं है कि 2020 के विधानसभा चुनाव में चिराग पासवान ने ही “नीतीश हटाओ” अभियान चलाया था।
उस चुनाव में LJP ने JDU के खिलाफ उम्मीदवार उतारकर नीतीश कुमार को 71 सीटों से सीधे 45 सीटों पर ला पटका था। आज JDU 80 सीटों के साथ मजबूत होकर लौटी है, तो वहीं चिराग पासवान भी 29 सीटों की ताकत लेकर उसी गठबंधन में खड़े हैं।
BJP अब इन दोनों धुर-विरोधियों के बीच फंस गई है। BJP को सरकार चलाने के लिए नीतीश की भी जरूरत है और नीतीश को काबू में रखने के लिए चिराग की भी। इन दोनों की आपसी खींचतान को साधना ही BJP के लिए सबसे बड़ी सिरदर्दी होगी।
डिप्टी CM पद की मांग? जश्न को फीका करेगी खींचतान
200 सीटों की इस बंपर जीत का जश्न अभी शुरू ही हुआ है, लेकिन BJP की टेंशन यह है कि यह जश्न कैबिनेट बंटवारे की खींचतान में फीका पड़ सकता है।
चिराग पासवान का कद अब सिर्फ केंद्र में मंत्री पद तक सीमित नहीं रहा है। 29 विधायकों की ताकत के साथ वह अब बिहार सरकार में बड़ी हिस्सेदारी की मांग करेंगे। सूत्रों की मानें तो LJP अपने लिए डिप्टी सीएम पद की मांग कर सकती है, जो सीधे तौर पर JDU को नाराज करेगा।
यह ‘त्रिकोण’ (BJP-JDU-LJP) अगले 5 साल तक BJP के लिए एक बड़ी चुनौती बना रहेगा।
जानें पूरा मामला
बिहार की 243 सीटों पर हुए चुनाव में NDA ने 200 से ज्यादा सीटें जीतकर विपक्ष का सूपड़ा साफ कर दिया है। JDU ने 2020 की 45 सीटों की तुलना में 80 सीटें जीतकर शानदार वापसी की। BJP 91 सीटों के साथ राज्य की सबसे बड़ी पार्टी बनी। लेकिन LJP ने 30 में से 29 सीटें जीतकर 97% के स्ट्राइक रेट के साथ खुद को गठबंधन की सबसे अहम और निर्णायक कड़ी साबित कर दिया है।
मुख्य बातें (Key Points)
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NDA की 200+ सीटों की जीत के बाद भी BJP की टेंशन चिराग पासवान हैं।
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चिराग पासवान की LJP ने 30 में से 29 सीटें (97% स्ट्राइक रेट) जीतीं, जिससे वह ‘किंग’ बनकर उभरी है।
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BJP को अब नीतीश कुमार (80 सीटें) और चिराग पासवान (29 सीटें) के बीच संतुलन साधना होगा, जिनका 2020 का इतिहास कड़वाहट भरा रहा है।
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चिराग पासवान अब बिहार सरकार में डिप्टी CM पद जैसी बड़ी हिस्सेदारी की मांग कर सकते हैं, जिससे JDU के साथ टकराव बढ़ना तय है।






