Bihar CM suspense JDU Tweet Delete : बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में NDA को 200 से ज्यादा सीटों पर प्रचंड बहुमत मिल गया है, लेकिन जीत के जश्न के बीच ही मुख्यमंत्री की कुर्सी को लेकर बड़ा सस्पेंस खड़ा हो गया है। इस सस्पेंस को हवा दी खुद JDU के एक ट्वीट ने, जिसे पोस्ट करने के कुछ ही मिनटों बाद डिलीट कर दिया गया।
शुक्रवार शाम जैसे ही NDA की ऐतिहासिक जीत की तस्वीर साफ हुई, JDU के आधिकारिक X (ट्विटर) हैंडल से नीतीश कुमार की तस्वीर के साथ एक पोस्टर ट्वीट किया गया। इस पोस्टर पर लिखा था- “ना भूतो, ना भविष्यति! नीतीश कुमार बिहार के मुख्यमंत्री थे, हैं और रहेंगे।”
मिनटों में क्यों डिलीट हुआ ट्वीट?
JDU के इस ट्वीट को नीतीश कुमार की तरफ से CM पद पर एकतरफा दावेदारी के तौर पर देखा गया। लेकिन हैरानी तब हुई जब यह ट्वीट पोस्ट होने के 15 से 20 मिनट के अंदर ही डिलीट कर दिया गया।
ट्वीट का डिलीट होना था कि बिहार के राजनीतिक गलियारों में अटकलों का बाजार गर्म हो गया। सवाल उठने लगे कि JDU ने अपनी ही पार्टी के मुखिया का ट्वीट डिलीट क्यों किया? क्या JDU पर BJP आलाकमान का कोई दबाव था?
क्या BJP के ‘बड़े भाई’ बनने से बदला समीकरण?
इस पूरे सस्पेंस के पीछे इस बार के बदले हुए चुनावी आंकड़े हैं। 2025 के चुनाव में JDU और BJP दोनों ने 101-101 सीटों पर चुनाव लड़ा, लेकिन BJP ने JDU से करीब 10-12 सीटें ज्यादा जीती हैं।
BJP 90 से ज्यादा सीटें जीतकर NDA के अंदर ‘बड़े भाई’ की भूमिका में आ गई है, जबकि JDU 80 के आसपास सीटों पर सिमट गई। हालांकि 2020 की 45 सीटों के मुकाबले JDU का यह प्रदर्शन भी शानदार है।
चूंकि BJP अब गठबंधन में वरिष्ठ सहयोगी है, इसलिए यह कयास लगाए जा रहे हैं कि क्या BJP इस बार अपना मुख्यमंत्री बनाना चाहेगी?
BJP क्यों साध रही है चुप्पी?
दिलचस्प बात यह है कि BJP की तरफ से मुख्यमंत्री के चेहरे पर पूरी तरह चुप्पी साधी गई है। BJP के नेता इसे “NDA सरकार” की जीत बता रहे हैं, जबकि JDU (डिलीट करने से पहले) इसे “नीतीश सरकार” बता रही थी।
BJP ने चुनाव से पहले कभी भी आधिकारिक तौर पर नीतीश कुमार को CM चेहरा घोषित नहीं किया था। अमित शाह ने रैलियों में कहा था कि जीत के बाद विधायक दल अपना नेता चुनेगा।
JDU ने बदला स्टैंड, जारी किया नया ट्वीट
पहला ट्वीट डिलीट करने के लगभग एक घंटे बाद, JDU ने एक नया, और बेहद ‘सुरक्षित’ ट्वीट जारी किया। इसमें लिखा था- “जीता है बिहार की महिलाओं का विश्वास, जीता है NDA, जीता है बिहार।” इस ट्वीट में “नीतीश कुमार” और “मुख्यमंत्री” दोनों शब्द गायब थे।
इस बदले हुए रुख ने यह साफ कर दिया है कि CM की कुर्सी को लेकर NDA के दोनों बड़े दलों के बीच ‘ऑल इज वेल’ नहीं है और बंद कमरों में मोलभाव का दौर शुरू हो गया है।
क्या महाराष्ट्र वाला फॉर्मूला लागू होगा?
राजनीतिक विश्लेषक इस घटनाक्रम की तुलना महाराष्ट्र से कर रहे हैं। महाराष्ट्र में भी एकनाथ शिंदे को चेहरा बनाकर चुनाव लड़ा गया, लेकिन जीत के बाद BJP ने डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस को मुख्यमंत्री बना दिया और शिंदे को डिप्टी सीएम पर समझौता करना पड़ा।
क्या BJP बिहार में भी वही फॉर्मूला अपनाएगी? क्या सम्राट चौधरी (जिन्हें अमित शाह ने ‘बड़ा आदमी’ बनाने का वादा किया था) CM बनेंगे? या नीतीश कुमार 2020 की तरह इस बार भी उदारता दिखाकर खुद ही कुर्सी छोड़ देंगे?
जानें पूरा मामला
बिहार चुनाव 2025 में NDA (BJP-JDU-LJP-HAM) ने 200 से ज्यादा सीटें जीतकर ऐतिहासिक बहुमत हासिल किया है। इस जीत का बड़ा श्रेय PM मोदी के ‘जंगलराज’ वाले नैरेटिव और नीतीश कुमार की ‘10,000 रुपये’ वाली महिला कैश स्कीम को दिया जा रहा है। चुनाव से पहले नीतीश कुमार ही NDA का चेहरा थे, लेकिन चुनाव में JDU से ज्यादा सीटें लाकर BJP ने CM पद की दावेदारी को और पेचीदा बना दिया है।
मुख्य बातें (Key Points)
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NDA की 200+ सीटों की जीत के बाद JDU ने नीतीश कुमार को ‘मुख्यमंत्री’ बताते हुए ट्वीट किया।
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15-20 मिनट बाद ही JDU के आधिकारिक हैंडल से यह ट्वीट डिलीट कर दिया गया, जिससे सस्पेंस बढ़ गया।
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BJP पहली बार JDU से ज्यादा सीटें जीतकर ‘बड़े भाई’ की भूमिका में है, जिससे CM पद पर अटकलें तेज हैं।
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JDU ने बाद में नया ट्वीट किया जिसमें ‘नीतीश कुमार’ और ‘मुख्यमंत्री’ शब्दों का जिक्र नहीं था।






