Punjab Sarpanch Honorarium : पंजाब के सरपंचों को बड़ा झटका लगा है। राज्य सरकार ने सरपंचों को दिए जाने वाले मासिक मानदेय (Honorarium) का भुगतान करने से हाथ खड़े कर दिए हैं। ग्रामीण विकास एवं पंचायत विभाग ने बकायदा पत्र जारी कर निर्देश दिया है कि पंचायतें अब अपने सरपंचों के मानदेय का प्रबंध अपने फंड से खुद करें।
पहले मानदेय बढ़ाकर वाहवाही लूटने वाली सरकार के इस फैसले से सरपंचों में भारी नाराजगी है। यह फैसला उन हजारों पंचायतों के लिए मुसीबत बन गया है, जिनकी अपनी कोई आमदनी ही नहीं है।
5230 पंचायतों की ‘जीरो’ आमदनी, मानदेय कैसे दें?
यह फैसला इसलिए चौंकाने वाला है क्योंकि राज्य की 13,238 ग्राम पंचायतों में से 5,230 पंचायतें ऐसी हैं, जिनकी आमदनी ‘शून्य’ है। सवाल यह है कि जब पंचायतों के पास कमाई का कोई जरिया ही नहीं है, तो वे अपने सरपंचों को मानदेय का भुगतान कैसे करेंगी?
आंकड़ों के मुताबिक, होशियारपुर में 1405 में से 920, फिरोजपुर में 835 में से 353, और जालंधर में 890 में से 531 पंचायतों की कोई आमदनी नहीं है।
हाईकोर्ट पहुंचा मामला, सरकार ने निकाला ‘नया रास्ता’
मानदेय न मिलने पर कई सरपंचों ने पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट का रुख किया था। अदालत में सरकार ने एक नया रास्ता सुझाया कि जिन पंचायतों की आमदनी नहीं है, उन्हें ‘ब्लॉक समिति’ के फंड से भुगतान किया जाए।
हालांकि, हकीकत यह है कि ज्यादातर ब्लॉक समितियों और जिला परिषदों के पास भी फंड की भारी कमी है और वे पहले से ही आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं।
चुनाव से पहले ‘लॉलीपॉप’, 10 साल का बकाया भी बाकी
सरकार के इस यू-टर्न को लोकसभा चुनाव से पहले की गई ‘खोखली घोषणा’ के तौर पर देखा जा रहा है। मुख्यमंत्री भगवंत मान ने 24 अप्रैल 2024 को (लोकसभा चुनाव से ठीक पहले) पंचायत दिवस पर बड़े समारोह में मानदेय 1200 से बढ़ाकर 2000 रुपये करने का ऐलान किया था।
सरपंचों का आरोप है कि यह घोषणा सिर्फ ‘फोकी शोहरत’ और वोट हासिल करने के लिए की गई थी। उन्हें न तो बढ़ा हुआ 2000 रुपये मिला और न ही पुराना 1200 रुपये।
हैरानी की बात यह है कि 2013 से 2023 तक का करीब 160 करोड़ रुपये का मानदेय भी सरकार पर बकाया है।
क्या है पृष्ठभूमि?
पंजाब में सरपंचों को मानदेय देने की शुरुआत 2006 में कैप्टन अमरिंदर सिंह की सरकार ने 600 रुपये प्रति माह से की थी। 2011 में अकाली दल की सरकार ने इसे बढ़ाकर 1200 रुपये कर दिया था। 2024 में ‘आप’ सरकार ने इसे 2000 रुपये करने का ऐलान किया।
लेकिन अब, सरकार ने 32 करोड़ रुपये के इस सालाना खर्च का बोझ भी पंचायतों पर ही डाल दिया है, जिससे सरपंच खुद को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं।
मुख्य बातें (Key Points)
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पंजाब सरकार ने सरपंचों का मानदेय देने से हाथ खड़े किए, पंचायतों को खुद व्यवस्था करने को कहा।
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राज्य की 13,238 में से 5,230 पंचायतों की आमदनी ‘शून्य’ है, वे भुगतान कैसे करेंगी?
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CM मान ने 24 अप्रैल 2024 को मानदेय 1200 से 2000 करने का ऐलान किया था, जो लागू नहीं हुआ।
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सरपंचों का 2013 से 160 करोड़ रुपये का पिछला बकाया भी सरकार पर बाकी है।






