Pneumonia in Children : सर्दियों का मौसम आते ही बच्चों में निमोनिया का खतरा तेजी से बढ़ गया है। यह फेफड़ों (Lungs) का एक गंभीर इंफेक्शन है, जो सही समय पर इलाज न मिलने पर जानलेवा भी हो सकता है। यह जानना बेहद जरूरी है कि इसके लक्षण क्या हैं और किन बातों का ख्याल रखकर आप अपने बच्चे को इस गंभीर बीमारी से सुरक्षित रख सकते हैं।
निमोनिया होने पर बच्चों के फेफड़ों में संक्रमण हो जाता है, जिससे उन्हें सांस लेने में तकलीफ होने लगती है। यह बीमारी सबसे ज्यादा छोटे बच्चों और नवजात शिशुओं पर हमला करती है।
बुखार-खांसी से होती है शुरुआत
ज्यादातर मामलों में इसकी शुरुआत सामान्य सर्दी-जुकाम या खांसी से होती है, लेकिन धीरे-धीरे यह गंभीर रूप ले लेती है। बच्चों में तेज बुखार, लगातार खांसी आना, सांस लेने में परेशानी और सीने में दर्द होना इसके मुख्य लक्षण हैं।
इसके अलावा बच्चे को भूख लगनी कम हो सकती है और वह सुस्त दिखाई दे सकता है।
ये हैं ‘डेंजर साइन्स’, तुरंत जाएं अस्पताल
अगर आपके बच्चे में कुछ गंभीर लक्षण दिखें तो बिल्कुल भी देरी नहीं करनी चाहिए। बच्चों का चेहरा या होंठ नीले पड़ना, ऑक्सीजन की कमी होना, सांस बहुत तेजी से चलना या सांस लेते वक्त छाती का अंदर धंसना खतरे के संकेत हैं।
छोटे बच्चों या नवजात शिशुओं में यह जानलेवा साबित हो सकता है, इसलिए ये लक्षण दिखते ही बच्चे को तुरंत डॉक्टर के पास ले जाएं।
इलाज के साथ आराम सबसे जरूरी
निमोनिया से पीड़ित बच्चों को आराम और गर्माहट देना सबसे जरूरी है। उनके कमरे को साफ और हल्का गर्म रखें। बच्चे को गर्म कपड़े पहनाकर रखें और ठंडी हवा से बचाएं।
डॉक्टर द्वारा दी गई दवाइयों का पूरा कोर्स कंप्लीट करना बहुत जरूरी है, भले ही बच्चा बीच में ठीक महसूस करने लगे।
खान-पान का रखें खास ख्याल
इलाज के दौरान बच्चे को हल्का, पौष्टिक और आसानी से पचने वाला खाना देना चाहिए। आप खिचड़ी या दलिया दे सकते हैं। अगर बच्चा छोटा है तो मां का दूध या गुनगुना दूध देना जारी रखना चाहिए।
फलों में पपीता, संतरा और केला जैसे फल दे सकते हैं, जो शरीर की इम्यूनिटी बढ़ाने में मदद करते हैं। बच्चे के शरीर में पानी की कमी (डिहाइड्रेशन) न हो, इसके लिए उसे पर्याप्त मात्रा में गुनगुना पानी पिलाते रहें।
इन चीजों से करें सख्त परहेज
बच्चे को आइसक्रीम, कोल्ड ड्रिंक या कोई भी ठंडी चीज बिल्कुल न दें। तला-भुना और मसालेदार भोजन भी संक्रमण को बढ़ा सकता है, इसलिए इससे परहेज करें।
बच्चे को पूरी तरह से आराम करने दें और उसे अचानक ठंड या भीड़भाड़ वाले माहौल में ले जाने से बचें।
क्या है पृष्ठभूमि
निमोनिया फेफड़ों से जुड़ी एक गंभीर बीमारी है, जिसके मामले ठंड के मौसम में तेजी से बढ़ते हैं। समय पर इलाज न मिलने पर यह संक्रमण खून या शरीर के दूसरे अंगों तक भी फैल सकता है, जिससे स्थिति गंभीर हो सकती है। सही देखभाल और समय पर इलाज से बच्चे जल्दी स्वस्थ हो सकते हैं।
मुख्य बातें (Key Points)
- बच्चों में तेज बुखार, लगातार खांसी और सांस लेने में तकलीफ निमोनिया के लक्षण हो सकते हैं।
- होंठों का नीला पड़ना या सांस लेते वक्त छाती धंसना ‘डेंजर साइन’ हैं, तुरंत डॉक्टर से मिलें।
- इलाज के दौरान बच्चे को गर्म रखें, पूरा आराम दें और डॉक्टर की दवा का कोर्स पूरा करें।
- खाने में खिचड़ी, दलिया और फल दें, लेकिन ठंडी और तली-भुनी चीजों से परहेज करें।






