Sarpanch Foreign Visit (Raj Kumar) : पंजाब की भगवंत मान सरकार ने राज्य के पंचों और सरपंचों को लेकर एक बड़ा फैसला लागू कर दिया है, जिसने उनका रुतबा रातों-रात विधायकों और मंत्रियों के बराबर ला दिया है। सरकार ने एक नई नीति (SOP) जारी की है, जिसके तहत अब पंजाब के किसी भी पंच या सरपंच को विदेश जाने से पहले सरकार से अगाऊ (Advance) मंजूरी लेनी होगी।
यह नियम ठीक वैसा ही है जैसा अभी तक सिर्फ विधायकों, मंत्रियों और सरकारी कर्मचारियों पर लागू होता था।
इस फैसले का असर प्रदेश के 13,238 सरपंचों और 83,437 पंचों, यानी लगभग एक लाख से ज्यादा चुने हुए नुमाइंदों पर पड़ेगा।
क्यों लिया गया यह बड़ा फैसला?
यह फैसला लेने के पीछे सबसे बड़ा कारण गांवों में विकास कार्यों का रुकना और आम लोगों को होने वाली परेशानी है।
अक्सर यह शिकायतें मिलती थीं कि कई सरपंच और पंच चुनाव जीतने के बाद अपने निजी कामों, रिश्तेदारों से मिलने या घूमने-फिरने के लिए महीनों तक विदेश चले जाते हैं।
कई सरपंच तो कनाडा, अमेरिका या अन्य देशों में एक-एक साल तक रहते हैं, जिससे उनके पीछे गांव के काम ठप पड़ जाते हैं।
सरपंच की गैर-मौजूदगी में पंचायत के प्रस्ताव (मते) पास नहीं हो पाते और लोगों के जरूरी सर्टिफ़िकेट पर दस्तखत नहीं हो पाते, जिससे आम लोगों को भारी खजल-ख्वारी का सामना करना पड़ता था।
क्या है नई नीति (SOP)?
पंजाब के ग्रामीण विकास एवं पंचायत विभाग ने इसके लिए एक स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (SOP) जारी कर दिया है।
1. X-India Leave है जरूरी: अब किसी भी पंच या सरपंच को विदेश जाने के लिए “एक्स-इंडिया लीव” (X-India Leave) यानी देश से बाहर जाने की छुट्टी के लिए अप्लाई करना होगा।
2. एक महीना पहले देनी होगी अर्जी: नए नियमों के मुताबिक, सरपंच या पंच को अपनी विदेश यात्रा से कम से कम एक महीना पहले अपने इलाके के बीडीपीओ (Block Development and Panchayat Officer) को लिखित में अर्जी देनी होगी।
3. बताना होगा कितने दिन रहेंगे बाहर: अर्जी में यह साफ-साफ बताना होगा कि वे किस देश में जा रहे हैं और कितने दिनों या महीनों के लिए जा रहे हैं।
4. कौन देगा फाइनल मंजूरी?: यह अर्जी बीडीपीओ से डीडीपीओ (District Development and Panchayat Officer) के पास जाएगी, और वहां से फाइनल मंजूरी के लिए चंडीगढ़ स्थित ग्रामीण विकास एवं पंचायत विभाग के डायरेक्टर या सेक्रेटरी के पास भेजी जाएगी।
ऑनलाइन पोर्टल भी होगा लॉन्च
इस पूरी प्रक्रिया को सुचारू बनाने के लिए विभाग को एक ऑनलाइन पोर्टल बनाने के भी निर्देश दिए गए हैं।
अगर कोई सरपंच लिखित अर्जी नहीं दे पाता है, तो वह इस पोर्टल पर भी अपनी छुट्टी के लिए ऑनलाइन अप्लाई कर सकेगा।
पीछे से कौन संभालेगा काम?
सरकार ने यह कदम इसलिए उठाया है ताकि अगर कोई सरपंच लंबे समय (जैसे 6 महीने) के लिए विदेश जाता है, तो पीछे काम न रुके।
जब सरपंच अपनी छुट्टी के लिए अप्लाई करेगा, तो सरकार को यह पता होगा कि वह कितने समय के लिए उपलब्ध नहीं है।
ऐसे में, गांव का काम सुचारू रूप से चलाने के लिए, किसी वरिष्ठ पंच को कार्यवाहक (Acting) सरपंच की जिम्मेदारी दी जा सकती है या फिर किसी प्रशासक (Administrator) की नियुक्ति की जा सकती है।
क्या सरपंचों ने किया फैसले का स्वागत?
आमतौर पर ऐसे फैसलों का विरोध होता है, लेकिन संगरूर जिले की एक सरपंच यूनियन के अध्यक्ष मनिंदर सिंह ने इस फैसले का स्वागत किया है।
उन्होंने कहा कि यह एक अच्छा फैसला है, क्योंकि कई सरपंचों के बाहर चले जाने से गांवों का काम रुक जाता था। इस नियम से एक जवाबदेही तय होगी।
कैसे सामने आया यह मामला?
यह पूरी नीति बनाने की जरूरत तब पड़ी जब विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी के पास लुधियाना के गांव ‘चग्गण’ के एक सरपंच का केस आया।
सरपंच मनजिंदर सिंह, जो अमेरिका का नागरिक भी है, का मामला सामने आया था। सरपंच ने दावा किया कि वह लिखित सूचना देकर विदेश गया था, लेकिन फिर भी विभाग ने उसे सस्पेंड कर दिया था।
बाद में, अपील में सरपंच को बहाल कर दिया गया और साथ ही विभाग को भविष्य के लिए एक स्पष्ट नीति और ऑनलाइन पोर्टल बनाने का निर्देश दिया गया, ताकि यह भ्रम की स्थिति खत्म हो।
जिला परिषद और ब्लॉक समिति पर भी लटकी तलवार
अभी यह नियम सिर्फ पंचों और सरपंचों के लिए लागू किया गया है। लेकिन यह माना जा रहा है कि अगला नंबर ब्लॉक समिति और जिला परिषद के सदस्यों का हो सकता है।
भविष्य में उन्हें भी विदेश जाने के लिए इसी तरह सरकार से अगाऊ मंजूरी लेनी पड़ सकती है।
‘जानें पूरा मामला’
पंजाब में बड़ी संख्या में सरपंच और पंच चुनाव जीतने के बाद महीनों तक विदेश में रहते थे, जिससे गांवों में विकास कार्य ठप पड़ जाते थे और आम लोगों को सर्टिफिकेट जैसे छोटे कामों के लिए भी परेशान होना पड़ता था। इस “वीआईपी कल्चर” और अव्यवस्था को खत्म करने के लिए, पंजाब सरकार ने नई SOP जारी की है, जिसके तहत अब लगभग 1 लाख पंचों-सरपंचों को विदेश जाने से पहले सरकार से लिखित मंजूरी लेनी होगी।
‘मुख्य बातें (Key Points)’
- पंजाब के 13,238 सरपंचों और 83,437 पंचों को विदेश जाने के लिए अब सरकार से मंजूरी लेनी होगी।
- यह नियम विधायकों और मंत्रियों की तर्ज पर “एक्स-इंडिया लीव” के तौर पर लागू किया गया है।
- सरपंच को यात्रा से एक महीना पहले बीडीपीओ को लिखित अर्जी देनी होगी और यात्रा की अवधि बतानी होगी।
- यह फैसला सरपंचों की गैर-मौजूदगी में गांवों का काम रुकने की शिकायतों के बाद लिया गया है।






