Kidney Health Symptoms : किडनी हमारे शरीर के सबसे अहम अंगों में से एक है, जो 24 घंटे काम करती है। यह खून, पानी और टॉक्सिंस को फिल्टर करने के साथ-साथ हार्मोन्स बनाने और ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने जैसे कई जरूरी काम करती है। लेकिन जब किडनी बीमार होती है, तो अक्सर इसके लक्षण देर से पता चलते हैं। एक्सपर्ट्स का कहना है कि लगातार थकान महसूस होना किडनी की बीमारी का एक बड़ा संकेत हो सकता है, जिसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए।
नेशनल किडनी फाउंडेशन (NKF) के मुताबिक, क्रॉनिक किडनी डिजीज (CKD) से पीड़ित केवल 10% लोगों को ही समय रहते पता चल पाता है कि उन्हें यह बीमारी है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि लोग शुरुआती लक्षणों को दूसरी सामान्य बीमारियों से जोड़ लेते हैं।
थकान क्यों होती है किडनी की बीमारी का संकेत?
डॉक्टरों के अनुसार, जब किडनी ठीक से काम नहीं करती, तो खून में टॉक्सिंस और वेस्ट मटीरियल जमा होने लगते हैं। इससे व्यक्ति को लगातार थकान और कमजोरी महसूस होती है और फोकस करने में दिक्कत आती है।
एनीमिया भी है एक बड़ी वजह
एक हेल्दी किडनी ‘एरिथ्रोपोइटिन’ हार्मोन बनाती है, जो रेड ब्लड सेल्स के निर्माण में मदद करता है। किडनी खराब होने पर यह हार्मोन कम बनता है, जिससे एनीमिया हो सकता है। रेड ब्लड सेल्स कम होने से शरीर के अंगों तक ऑक्सीजन कम पहुंचती है, जिससे मरीज बहुत ज्यादा थकान महसूस करता है।
किसे है ज्यादा खतरा?
अगर आपको हाई ब्लड प्रेशर, डायबिटीज है, या आपके परिवार में किडनी फेलियर की हिस्ट्री है, या आपकी उम्र 60 साल से ज्यादा है, तो आपको हर साल अपनी किडनी की जांच जरूर करवानी चाहिए। हाई ब्लड प्रेशर भी थकान का कारण बन सकता है, जो अक्सर किडनी की बीमारी से जुड़ा होता है।
मुख्य बातें (Key Points):
- लगातार थकान और कमजोरी किडनी की बीमारी का शुरुआती संकेत हो सकती है।
- किडनी खराब होने पर खून में टॉक्सिंस जमा होने लगते हैं, जिससे थकान बढ़ती है।
- किडनी रेड ब्लड सेल्स बनाने वाला हार्मोन कम बनाती है, जिससे एनीमिया हो सकता है।
- हाई बीपी, डायबिटीज और 60+ उम्र वालों को हर साल किडनी की जांच करानी चाहिए।






