Sunil Gavaskar on Women’s World Cup : भारतीय महिला क्रिकेट टीम ने पहली बार वनडे वर्ल्ड कप जीतकर इतिहास रच दिया है। इस ऐतिहासिक जीत के बाद खिलाड़ियों पर इनामों की बरसात हो रही है। इसी बीच, पूर्व कप्तान और महान बल्लेबाज सुनील गावस्कर ने टीम को एक खास और जरूरी नसीहत दी है। उन्होंने 1983 के अपने अनुभव साझा करते हुए खिलाड़ियों से कहा कि अगर सभी वादे पूरे न हों, तो निराश होने की जरूरत नहीं है।
बीसीसीआई ने टीम के लिए 51 करोड़ रुपये के नकद पुरस्कार की घोषणा की है, जबकि आईसीसी से भी उन्हें लगभग 40 करोड़ रुपये मिले हैं। कई राज्य सरकारों ने भी स्मृति मंधाना, हरमनप्रीत कौर, ऋचा घोष और अन्य खिलाड़ियों के लिए व्यक्तिगत पुरस्कारों का ऐलान किया है।
‘सबसे बड़ा सम्मान फैंस का प्यार है’
गावस्कर ने ‘मिड-डे’ में अपने कॉलम में लिखा, “लड़कियों के लिए एक छोटा सा सुझाव है। अगर कुछ वादे पूरे न हों, तो निराश मत होना। भारत में कई विज्ञापन कंपनियां और ब्रांड्स जीत के तुरंत बाद टीम के नाम का इस्तेमाल कर अपने प्रचार में जुट जाते हैं। अगर वे आपके ऑफिशियल स्पॉन्सर नहीं हैं, तो वे सिर्फ अपना ब्रांड चमका रहे हैं।”
1983 वर्ल्ड कप की याद दिलाई
गावस्कर ने 1983 की अपनी वर्ल्ड कप जीत को याद करते हुए लिखा, “हमारी टीम के साथ भी ऐसा ही हुआ था। तब भी मीडिया में ढेर सारे वादे और घोषणाएं हुई थीं, लेकिन उनमें से लगभग कोई भी पूरी नहीं हुई। मीडिया की भी गलती नहीं थी, वे तो बस उन घोषणाओं को छाप रहे थे। उन्हें पता नहीं था कि कुछ लोग उनका इस्तेमाल खुद को चमकाने के लिए कर रहे हैं।”
‘फैंस का प्यार ही असली पूंजी’
महान बल्लेबाज ने आगे लिखा कि 1983 की टीम आज भी मानती है कि इतने सालों बाद उनके लिए सबसे बड़ी दौलत भारतीय क्रिकेट फैंस का प्यार और सम्मान है। उन्होंने कहा, “यही प्यार आगे चलकर आपकी सबसे बड़ी पूंजी बनेगी, जब आप अपने करियर के अंत में पीछे मुड़कर देखेंगी। एक बार फिर ढेरों बधाई। पूरा देश आप पर गर्व करता है। जय हिंद।”
मुख्य बातें (Key Points):
- सुनील गावस्कर ने महिला वर्ल्ड कप विजेता टीम को खास नसीहत दी है।
- उन्होंने कहा कि अगर कुछ वादे पूरे न हों, तो निराश मत होना।
- गावस्कर ने 1983 वर्ल्ड कप जीत का उदाहरण देते हुए कहा कि तब भी कई घोषणाएं पूरी नहीं हुई थीं।
- उन्होंने कहा कि सबसे बड़ा सम्मान और दौलत फैंस का प्यार है।






